TRENDING TAGS :

Aaj Ka Rashifal

कश्मीर में फिर आग भड़काने में जुटा पाक, 5 अगस्त के लिए इमरान का खास प्लान

जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 को पिछले साल 5 अगस्त को हटाया गया था। इस अनुच्छेद को हटाने के एक साल पूरा होने के मौके पर पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान एक बार फिर भारत विरोधी आग भड़काने की मुहिम में जुट गए हैं।

Newstrack
Published on: 28 July 2020 7:13 PM IST
कश्मीर में फिर आग भड़काने में जुटा पाक, 5 अगस्त के लिए इमरान का खास प्लान
X

नई दिल्ली: जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 को पिछले साल 5 अगस्त को हटाया गया था। इस अनुच्छेद को हटाने के एक साल पूरा होने के मौके पर पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान एक बार फिर भारत विरोधी आग भड़काने की मुहिम में जुट गए हैं। जम्मू-कश्मीर के मुद्दे को हवा देने के लिए पाकिस्तान की ओर से 18 प्वाइंट का एक प्लान बनाया गया है। पाकिस्तान की सेना और खुफिया एजेंसी आईएसआई की ओर से भारत विरोधी इस आग को भड़काने में प्रधानमंत्री इमरान खान की पूरी मदद कर रही है।

ये भी पढ़ें:बुजुर्गों और बच्चों को कोरोना से ऐसे बचाएं, CM योगी ने अधिकारियों को दिया ये आदेश

पीओके में सभा करेंगे इमरान

पाकिस्तान की ओर से बनाई गई योजना के तहत इमरान खान पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में एक सभा में वहां के लोगों को संबोधित करेंगे। इस सभा का लाइव प्रसारण किया जाएगा। पाकिस्तान की सरकार की ओर से विदेशी पत्रकारों को भी वहां का दौरा कराया जाएगा। यह दौरा इमरान के मुजफ्फराबाद पहुंचने से पहले होगा। पाक अधिकृत कश्मीर में आईएसआई की ओर से आतंकियों के कई ट्रेनिंग शिविर भी चलाए जाते हैं मगर विदेशी पत्रकार ऐसे शिविरों तक नहीं पहुंच पाएंगे।

5 अगस्त को पूरा होगा एक साल

जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 को समाप्त किए जाने का बिल राज्यसभा में गत 5 अगस्त को पारित किया गया था। लोकसभा में इस बिल को 6 अगस्त को पारित किया गया था और 9 अगस्त को राष्ट्रपति ने इस पर मुहर लगा दी थी। इस कानून के तहत जम्मू और कश्मीर राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों में जम्मू और कश्मीर व लद्दाख में बांट दिया गया है। सरकार के इस कदम के बाद जम्मू-कश्मीर में काफी दिनों तक लॉकडाउन लगाकर सख्ती की गई और तमाम नेताओं को नजरबंद कर दिया गया था। पीडीपी नेता और पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती को छोड़कर अधिकांश नेताओं को अब रिहा किया जा चुका है।

चीन, मलेशिया व तुर्की की मदद पाने की कोशिश

पाक सरकार अपनी 5 अगस्त की योजना में मलेशिया, तुर्की और चीन को भी शामिल करने में जुटी हुई है। पाक सरकार यह कदम इसलिए उठा रही है ताकि जम्मू कश्मीर के मुद्दे का अंतरराष्ट्रीयकरण किया जा सके और वैश्विक स्तर पर भारत के खिलाफ आवाज बुलंद की जा सके। सूत्रों का कहना है कि तुर्की के इस योजना में शामिल होने की उम्मीद है। मलेशिया की ओर से अभी तक कोई जवाब नहीं मिला है और भारत भी मलेशिया की प्रतिक्रिया देखना चाहता है। मलेशिया में गत एक मार्च को नए प्रधानमंत्री मुह्यिदीन यासीन ने शपथ ली है। अब देखने वाली बात यह होगी कि वह पाकिस्तान की इस योजना में शामिल होते हैं या नहीं।

चीन का भारत विरोधी रुख

चीन के भारत विरोधी रुख को देखते हुए उसके भारत विरोधी मुहिम में शामिल होने की पूरी उम्मीद है। चीन के एक सरकारी अधिकारी का कहना है कि इस बात से कोई अंतर नहीं पड़ता कि भारत ने अपने क्षेत्र के विस्तार का प्रयास कैसे किया। इस अधिकारी ने पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में गतिरोध और खूनी टकराव के लिए भारत को जिम्मेदार बताया और कहा कि भारतीय रुख के कारण ही एलएसी पर पहली बार सैनिकों की मौत हुई है।

आईएसआई भी कर रही पूरी मदद

पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय को आईएसआई के साथ मिलकर काम करने का निर्देश दिया गया है। विदेश मंत्रालय से कहा गया है कि वह ओआईसी के सदस्य देशों और अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार समूहों के साथ मिलकर काम करे और देखे कि वे किस तरह के आयोजन की तैयारियां कर रहे हैं।

सेना के हाथ में होगी कमान

पाकिस्तान सरकार के एक अधिकारी का कहना है कि पाक सेना की ओर से यह अभियान इमरान के लिए तैयार किया गया है। इस अभियान के तहत डॉक्यूमेंट्री दिखाने के साथ ही पंफलेट का वितरण किया जाएगा और कुछ बड़े अखबारों को भी इसमें शामिल किया जाएगा। इमरान सिर्फ चेहरा मात्र होंगे और पूरे अभियान की कमान सेना के ही हाथ में होगी।

ये भी पढ़ें:फिर हुई सम्पूर्ण बंदी: 31 अगस्त तक बढ़ा लॉकडाउन, पर बदल गए ये नियम

लगातार जहर उगल रहे इमरान

जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 को खत्म किए जाने के बाद से ही पाकिस्तान इस मुद्दे पर भारत के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय अभियान चलाने की कोशिश में जुटा हुआ है। प्रधानमंत्री इमरान खान ने गत सितंबर में संयुक्त राष्ट्र संघ की महासभा में कहा था कि लॉकडाउन समाप्त होने के बाद कश्मीर में खून की नदियां बहने से कोई नहीं रोक सकता। उनका कहना था कि भारत में जोर जबर्दस्ती से कश्मीर के लोगों की आवाज को दबा रखा है, लेकिन कश्मीरी लोगों की आवाज को हमेशा के लिए नहीं दबाया जा सकता। दो अन्य देशों तुर्की और मलेशिया ने भी कश्मीर के मुद्दे को हवा देने की कोशिश की थी।

देश दुनिया की और खबरों को तेजी से जानने के लिए बनें रहें न्यूजट्रैक के साथ। हमें फेसबुक पर फॉलों करने के लिए @newstrack और ट्विटर पर फॉलो करने के लिए @newstrackmedia पर क्लिक करें।



\
Newstrack

Newstrack

Next Story