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LOC पर आतंकी हमले को तैयार, पुराने रास्तों पर तैनात सेना हाई-अलर्ट पर

पाक अधिकृत कश्मीर(POK) में घुसपैठ कराने के लिए आतंकियों को कश्मीर में पहुंचाने के लिए ये रास्ता पाकिस्तान ने अपनाया था। यहां पर 2004 में मुठभेड़ हुई थी। इसके बाद से घाटी में पीर पंजाल रेंज में कभी आतंकी हरकतों को नहीं देखा गया है।

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Published on: 14 Dec 2020 7:10 AM GMT
LOC पर आतंकी हमले को तैयार, पुराने रास्तों पर तैनात सेना हाई-अलर्ट पर
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पाक अधिकृत कश्मीर(POK) में घुसपैठ कराने के लिए आतंकियों को कश्मीर में पहुंचाने के लिए ये रास्ता पाकिस्तान ने अपनाया था। यहां पर 2004 में मुठभेड़ हुई थी। इसके बाद से घाटी में पीर पंजाल रेंज में कभी आतंकी हरकतों को नहीं देखा गया है।

नई दिल्ली: घाटी में अनुच्छेद 370 के हटने के बाद से इस बार पहली बार डीडीसी चुनाव के होने से पाकिस्तान बुरी तरह से तिलमिलाया हुआ है। ऐसे में अपनी नापाकी हरकतों को कश्मीर में अंजाम देने के लिए पाकिस्तान घुसपैठ करने के लिए पुराने रूटों को सक्रिय करने में लगा हुआ है। घाटी के पुंछ जिले में पीर पंजाल पर्वत श्रंखला में बीते दिन यानी रविवार को 16 साल बाद आतंकियों के साथ भारतीय सुरक्षाबलों ने मुठभेड़ की अंजाम दिया।

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घुसपैठ और हेरोइन व हथियारों की तस्करी की कोशिशें

पाक अधिकृत कश्मीर(POK) में घुसपैठ कराने के लिए आतंकियों को कश्मीर में पहुंचाने के लिए ये रास्ता पाकिस्तान ने अपनाया था। यहां पर 2004 में मुठभेड़ हुई थी। इसके बाद से घाटी में पीर पंजाल रेंज में कभी आतंकी हरकतों को नहीं देखा गया है।

हालाकिं अनुच्छेद 370 हटने के बाद से एलओसी(LOC) पर लगातार घुसपैठ और गोलाबारी की घटनाएं हो रही हैं। और इसी की आड़ में आतंकी घुसपैठ और हेरोइन व हथियारों की तस्करी की कोशिशें की जा रही हैं। वहीं मारे गए लश्कर के आतंकियों ने कुछ दिन पूर्व ही घुसपैठ की थी।

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army camp फोटो-सोशल मीडिया

सरहदी इलाकों में सुरक्षा ग्रिड

ऐसा माना जा रहा है कि गोलाबारी की फिराक में घुसपैठ की गई है, लेकिन सरहदी इलाकों में सुरक्षा ग्रिड की मजबूती से आतंकियों की मौजूदगी का पता लगा लिया गया। हालाकिं पुंछ व आसपास के इलाकों में घुसपैठ समेत संदिग्ध गतिविधियों को लेकर पहले से अलर्ट जारी किया गया है। साथ ही हर संदिग्ध हरकत पर संवेदनशील इलाकों को खंगाला जा रहा है।

इसके अलावा एलओसी(LOC) से घुसपैठ करने के बाद आतंकी डोगरेयां से पोशाना तक कैसे पहुंच गए, इस पर भी सुरक्षा एजेंसियां जांच में जुट गई हैं। ऐसे में गोलाबारी के लिए जवानों ने उन्हीं इलाकों का चुना है, जहां से पहले घुसपैठ होती रही है। घुसपैठ के इन पुराने रूटों में बालाकोट, मनकोट, करमाड़ा, कृष्णाघाटी, कीरनी, कस्बा और शाहपुर शामिल हैं। इन इलाकों में गोला बारूद भी बरामद होता रहा है।

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