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Parliament Budget Session 2023 : लोकसभा की कार्यवाही 23 मार्च तक स्थगित, कुछ मिनटों में पारित हुए विधेयक

Parliament Budget Session 2023- लोकसभा में हंगामे के बीच कुछ मिनट के भीतर कई विधेयक पारित किए गए। इसके बाद सदन में 22 मार्च को नवसंवत्सर के पर्व को लेकर अवकाश का प्रस्ताव पेश और पारित किया गया। सदन की कार्यवाही 23 मार्च गुरुवार सुबह 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई।

Krishna Chaudhary
Published on: 21 March 2023 2:44 PM IST (Updated on: 22 March 2023 12:05 AM IST)
Parliament Budget Session 2023 : लोकसभा की कार्यवाही 23 मार्च तक स्थगित, कुछ मिनटों में पारित हुए विधेयक
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Parliament Session 2023 Updates: बजट सत्र के दूसरे चरण का सातवां दिन भी हंगामेदार रहा। सत्तापक्ष राहुल गांधी की माफी की मांग पर अड़ा है तो विपक्ष अडानी के मुद्दे पर जेपीसी गठित करने की मांग कर रहा है। लोकसभा की कार्यवाही जैसे ही शुरू हुई पक्ष-विपक्ष के सदस्यों ने हंगामा शुरू कर दिया। विपक्षी दल के सांसदों ने वेल में आकर प्रदर्शन शुरू कर दिया। इस दौरान उन्होंने लोकसभा स्पीकर ओम बिरला से अडानी मामले में जेपीसी की जांच कराने की मांग की। हंगामे के चलते लोकसभा की कार्यवाही दोपहर दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई थी। थोड़ी ही देर बाद राज्यसभा की कार्यवाही भी दोपहर दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई थी।

दो बजे बाद फिर से सदन की कार्यवाही शुरू हुई। लोकसभा में हंगामे के बीच कुछ मिनट के भीतर कई विधेयक पारित किए गए। इसके बाद सदन में 22 मार्च को नवसंवत्सर के पर्व को लेकर अवकाश का प्रस्ताव पेश और पारित किया गया। सदन की कार्यवाही 23 मार्च गुरुवार सुबह 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई।

जम्मू कश्मीर की अनुदान मांगें लोकसभा से पारित

सर्वदलीय बैठक के बाद लोकसभा में जब दोबारा कार्यवाही शुरू हुई तो इसका असर दिखा। हंगामे के बीच आसन की ओर से दो विधेयक और जम्मू कश्मीर को लेकर अनुदान मांगें पारित कर दी गईं। बिना चर्चा के जम्मू कश्मीर की अनुदान मांगों से संबंधित विधेयक पारित कर दिया गया। हालांकि, इस दौरान विपक्षी दल लगातार अडानी मोदी हाय-हाय, देश को लूटना बंद करो जैसे नारे लगाते रहे। विपक्ष की नारेबाजी के बीच आसन की ओर से बिना चर्चा आसन की ओर से वोटिंग कराकर कुछ मिनट में कई विधेयक पारित किए गए।

सर्वदलीय बैठक

लोकसभा के स्पीकर ओम बिरला और राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ ने दोपहर को एक सर्वदलीय बैठक बुलाई। बैठक में संसद में जारी गतिरोध दूर करने की अपील की। हालांकि, कुछ विपक्षी दलों ने बैठक का बहिष्कार किया।

बयान पर आज संसद में सफाई दे सकते हैं राहुल गांधी

कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी दौरा ब्रिटेन दौरे के क्रम में दिए गए बयानों को लेकर भारत में सियासी भूचाल आया हुआ है। सत्तारूढ़ बीजेपी उनसे संसद में माफी मांगने की मांग कर रही है। जिस पर कांग्रेस कतई राजी नहीं है। इसी को लेकर पिछले एक हफ्ते से संसद के दोनों सदनों की कार्यवाही बाधित है। ऐसे में राहुल गांधी मंगलवार को लोकसभा में अपने बयान पर सफाई दे सकते हैं।

कांग्रेस सांसद ने सोमवार को स्पीकर ओम बिरला को खत लिखकर कहा था कि वह इस पर सदन में बोलना चाहते हैं, लिहाजा उन्हें अनुमति दी जाए। इससे पहले राहुल गांधी ने प्रेस कांफ्रेंस में भी कहा था कि वह संसद में बोलना चाहते हैं। दरअसल पिछले 6 दिनों से संसद में कोई कामकाज नहीं हो रहा है। 13 मार्च को जब से बजट सत्र का दूसरा चरण आरंभ हुआ है, राहुल गांधी की माफी और अडानी मसले पर जेपीसी के गठन की मांग को लेकर सत्ता पक्ष और विपक्ष आमने-सामने हैं।

सदन की कार्यवाही जैसे ही प्रारंभ होती है, दोनों पक्ष के सांसद अपनी – अपनी मांगों को लेकर हंगामा और नारेबाजी करने लगते हैं, जिसके कारण सदन स्थगित कर दी जाती है। केंद्रीय मंत्री हरदीप पुरी संसद में जारी गतिरोध को लेकर कहा कि राहुल गांधी को माफी मांग लेनी चाहिए ताकि संसद सुचारू रूप से चल सके।

राहुल गांधी के किस बयान पर मचा है बवाल ?

केरल के वायनाड से सांसद राहुल गांधी पिछले दिनों सात दिवसीय दौरे पर ब्रिटेन गए हुए थे। यहां कैंब्रिज विश्वविद्यालय में आयोजित एक कार्यक्रम को उन्होंने संबोधित करते हुए कहा था कि भारत में सभी स्वतंत्र एजेंसियों पर कब्जा हो गया है, इसलिए लोकतंत्र खतरे में है। गांधी ने कहा कि आज भारत में विपक्ष की आवाज को दबाया जा रहा है। संसद, न्यायालय, प्रेस और चुनाव आयोग से लेकर सभी संस्थानों पर किसी न किसी रूप में नियंत्रण किया जा चुका है।

वहीं, ब्रिटिश सांसदों को संबोधित करते हुए एक कार्यक्रम में कांग्रेस सांसद ने कहा था कि संसद में काम कर रहे माइक्रोफोन को अक्सर बंद कर दिया जाता है, जब विपक्षी सांसद अपनी कोई बात रखना चाहते हैं। उनके इस बयान पर बीजेपी के अलावा राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ और उपसभापति हरिवंश नारायण सिंह ने कड़ी आपत्ति जाहिर की थी।



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