चाचा पशुपति पारस ने भतीजे चिराग पासवान को दिया झटका, बोले- 'मैं हाजीपुर सीट से ही चुनाव लड़ूंगा, ये मेरा अधिकार है'

Lok Sabha Elections 2024: केंद्रीय मंत्री पशुपति पारस ने स्पष्ट किया है कि, उन्होंने अपने भतीजे चिराग पासवान के साथ हाथ नहीं मिलाया है। NDA की बैठक में चिराग के पैर छूने और आशीर्वाद देने को केवल शिष्टाचार मुलाकात बताया।

Aman Kumar Singh
Published on: 22 July 2023 2:15 PM GMT (Updated on: 22 July 2023 2:24 PM GMT)
चाचा पशुपति पारस ने भतीजे चिराग पासवान को दिया झटका, बोले- मैं हाजीपुर सीट से ही चुनाव लड़ूंगा, ये मेरा अधिकार है
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पशुपति पारस और चिराग पासवान (Social Media)

Lok Sabha Elections 2024: लोकसभा चुनाव 2024 से पहले राष्ट्रीय लोकतांत्रिक गठबंधन (NDA) का कुनबा बढ़ता जा रहा है। दिल्ली में 18 जुलाई को भाजपा के नेतृत्व में एनडीए की बैठक हुई। जिसे 'शक्ति प्रदर्शन' के रूप में देखा गया। उस दिन एक तस्वीर खूब चर्चा में रही। लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के प्रमुख चिराग पासवान ने बैठक में पहुंचे चाचा और केंद्रीय मंत्री पशुपति पारस के पैर छुए। चाचा-भतीजे की नजदीकी से कयास लगने लगे थे कि, 'अब सब ठीक है'। इसी बीच शनिवार (22 जुलाई) एक ऐसी खबर आई जिससे लग रहा है कि, कुछ भी ठीक नहीं है।

दरअसल, एनडीए की बैठक में भले ही चाचा-भतीजे चिराग और पशुपति पारस में नजदीकियां दिखी हों, लेकिन अब दोनों नेताओं ने एक ही सीट से चुनाव लड़ने का दावा ठोक दिया है। चिराग पासवान (Chirag Paswan) और पशुपति कुमार पारस (Pashupati Kumar Paras) दोनों ने बिहार के हाजीपुर (Hajipur) सीट से चुनाव लड़ने की बात कही है। बता दें, हाजीपुर सीट रामविलास पासवान की सीट रही है। एलजेपी में जब सत्ता का संघर्ष चल रहा है तो रामविलास पासवान की विरासत अपने कब्जे में करने की कवायद भी तेज है।

पशुपति पारस- मैं वहां का सांसद हूं

राष्ट्रीय लोक जनशक्ति (Rashtriya Lok Janshakti Party) के मुखिया और केंद्रीय मंत्री पशुपति कुमार पारस ने शनिवार (22 जुलाई) को कहा, 'मैं हाजीपुर लोकसभा सीट से ही चुनाव लड़ूंगा। ये मेरा अधिकार है। मैं वहां का सांसद हूं। मैं भारत सरकार का कैबिनेट मंत्री भी हूं। उन्होंने कहा, मैं NDA का पुराना और विश्वासी सहयोगी रहा हूं।' बता दें, इससे पहले एनडीए की मीटिंग में LJP नेता चिराग पासवान ने भी हाजीपुर सीट (Hajipur Lok Sabha seat) से चुनाव लड़ने की बात कही थी।

'हमारे मिलने को गलत तरीके से पेश किया गया'

केंद्रीय मंत्री पशुपति पारस ने कहा, हमारे यहां यानी मिथिलांचल में यह रिवाज है, जिसके तहत हम दोनों (चाचा-भतीजे) ने इस प्रकार मुलाकात की। पैर छूने और आशीर्वाद देने की तस्‍वीरों पर केंद्रीय मंत्री बोले, 'बाजार में इसे गलत तरीके से पेश किया जा रहा है कि चाचा-भतीजा एक हो गए हैं। ऐसी कोई बात नहीं है। हमारी पार्टी अलग है। हम दोनों के अलग-अलग दल हैं।'

'चिराग को आशीर्वाद दिया, लेकिन हम अलग-अलग'

दरअसल, पशुपति कुमार पारस ने शनिवार को ये बातें एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कही। बोले, 'विशेष परिस्थिति में इस प्रेस कॉन्फ्रेंस को बुलाया गया है। लोगों को कुछ गलतफहमी हुई है, जिसे दूर करना जरूरी है। उन्होंने कहा, 18 जुलाई को NDA मीटिंग में चिराग ने प्रधानमंत्री का पैर छूकर पहले आशीर्वाद लिया। मैं बगल में खड़ा था। इसलिए मेरे पैर छूकर भी आशीर्वाद लिया। मैंने दिल से आशीर्वाद दिया। मैंने अपनी परंपरा का निर्वाह किया। मगर, लोगों को गलतफहमी हो गई। बता दूं, हमारा दल अलग है और चिराग पासवान का दल अलग। एनडीए के हम विश्वासी सहयोगी दल हैं।'

चिराग ने वोट काटने के लिए प्रत्याशी उतारा था
केंद्रीय मंत्री पशुपति पारस ने कहा, चिराग पासवान (chirag paswan) की पार्टी NDA गठबंधन की पार्टी नहीं है। हमारी पार्टी के पांचों सांसदों का फैसला एनडीए गठबंधन के साथ रहने का था। लेकिन, चिराग ने गठबंधन से अलग होकर बिहार में विधानसभा चुनाव लड़ा था। पशुपति पारस कहते हैं, चिराग ने वोट काटने के लिए एनडीए प्रत्याशी के खिलाफ अपना उम्मीदवार उतारा था। चिराग खुद को 'भाजपा का हनुमान' बताते हैं। मगर, उनके खिलाफ पीछे से विरोध करते हैं। उन्होंने कहा, एनडीए के खिलाफ चिराग ने 2020 में बिहार में चुनाव लड़ा था। उनका एक उम्मीदवार जीता था, मगर वो भी उनके साथ नहीं रहा।'

Aman Kumar Singh

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