TRENDING TAGS :
ग्रीन इकोनॉमी में योगदान के लिए, इस भारतीय को मिला 'पर्यावरण का नोबेल पुरस्कार’
प्रख्यात भारतीय पर्यावरण अर्थशास्त्री और संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम के सद्भावना राजदूत पवन सुखदेव ने ‘हरित अर्थव्यवस्था’ पर अभूतपूर्व कार्यों के लिए 2020 का टायलर पुरस्कार अपने नाम किया है। इस पुरस्कार को ‘पर्यावरण का नोबेल पुरस्कार’ कहा जाता है।
नई दिल्ली: प्रख्यात भारतीय पर्यावरण अर्थशास्त्री और संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम के सद्भावना राजदूत पवन सुखदेव ने ‘हरित अर्थव्यवस्था’ पर अभूतपूर्व कार्यों के लिए 2020 का टायलर पुरस्कार अपने नाम किया है। इस पुरस्कार को ‘पर्यावरण का नोबेल पुरस्कार’ कहा जाता है। 59 साल के सुखदेव संरक्षण जीव विज्ञानी ग्रेशन डेली के साथ यह पुरस्कार ग्रहण करेंगे।
यह पढ़ें...ऊंट के दूध का बिजनेस: दो दोस्तों ने ऐसे शुरू किया व्यापार, अब हैं करोड़पति
पर्यावरण को क्षति के आर्थिक परिणाम, नुकसान की ओर कॉरपोरेट व राजनीतिक नीति निर्माताओं का ध्यान खींचने के लिए उन्हें यह पुरस्कार दिया जा रहा। दोनों एक मई को यहां एक कार्यक्रम में यह पुरस्कार ग्रहण करेंगे। दोनों को एक स्वर्ण पदक दिया जाएगा और वे दो लाख डॉलर की पुरस्कार राशि साझा करेंगे।
सुखदेव (59), संरक्षण जीवविज्ञानी ग्रेशन डेली के साथ यह पुरस्कार ग्रहण करेंगे। पर्यावरण को क्षति के आर्थिक परिणामों और नुकसान की ओर कॉरपोरेट एवं राजनीतिक नीति निर्माताओं का ध्यान आकृष्ट करने के उनके कार्य के लिए उन्हें यह पुरस्कार दिया जा रहा।
यह पढ़ें...शेयर बाजार की मजबूत शुरुआत, दो दिनों की गिरावट के बाद निफ्टी में आया उछाल
दोनों लोग एक मई को यहां एक निजी कार्यक्रम में यह पुरस्कार ग्रहण करेंगे। प्रत्येक को एक स्वर्ण पदक दिया जाएगा और वे दो लाख रुपये की पुरस्कार राशि साझा करेंगे। इसकी घोषणा सेामवार को की गई।
सुखदेव यूएनईपी की हरित अर्थव्यवस्था पहल के प्रमुख एवं विशेष सलाहकार रह चुके हैं। वह अभी वर्ल्ड वाइल्डलाइफ फंड के प्रमुख के रूप में सेवा दे रहे हैं। उन्होंने कहा,'यह पुरस्कार समान रूप से यूएनईपी और जीवंत एवं सक्रिय 'पारिस्थितिकी एवं जैव विविधता की अर्थव्यवस्था' (TEEB) को मान्यता है।' टीईईबी यूएनईपी की मेजबानी वाला एक वैश्विक अध्ययन है। यह पुरस्कार यूनिवर्सिटी ऑफ साउथर्न कैलीफोर्निया की ओर से दिया जाता है।