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कोल इंडिया की मेथनॉल इकाई के लिये परामर्श सेवा देगी पीडीआईएल
कोल इंडिया के प्रवक्ता ने कहा कि एम एन दास्तुर एंड कंपनी उल्टी नीलामी में अस्थायी तौर पर सबसे कम बोली लगाने वाली कंपनी के रूप में उभरी थी। मंजूरी दस्तावेजों की जांच पर निर्भर थी।
नयी दिल्ली: कोल इंडिया की इकाई एसईसीएल की दानकुनी कोल काम्प्लेक्स में कोयले से मेथनॉल बनाने की परियोजना के लिये परामर्श सेवा उपलब्ध कराने को लेकर सार्वजनिक क्षेत्र की प्रोजेक्ट्स एंड डेवलपमेंट इंडिया (पीडीआईएल) को स्वीकृति पत्र जारी किया गया है। यह परामर्श परियोजना का ठेका दिये जाने से पहले के लिये है।
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कोल इंडिया (सीआईएल) ने स्वच्छ ऊर्जा पहल के तहत सालाना 6.76 लाख टन मेथेनॉल उत्पादन का लक्ष्य रखा है। इस लिहाज से उक्त गतिविधियां महत्वपूर्ण है।
कंपनी के प्रवक्ता ने कहा, ‘‘पीडीआईएल की पेशकश तकनीकी-वाणिज्यिक रूप से स्वीकार्य थी और कंपनी को स्वीकृति पत्र जारी किया गया है।’’
पीडीआईएल तथा इंजीनियरिंग परामर्श कंपनी एम एन दास्तुर की नजर इस परियोजना पर थी।
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कोल इंडिया के प्रवक्ता ने कहा कि एम एन दास्तुर एंड कंपनी उल्टी नीलामी में अस्थायी तौर पर सबसे कम बोली लगाने वाली कंपनी के रूप में उभरी थी। मंजूरी दस्तावेजों की जांच पर निर्भर थी। लेकिन कुछ दस्तावेज उपलब्ध नहीं कराने तथा पात्रता मानदंड के तहत शर्तों को पूरा करने में नाकाम रहने के कारण उसकी पेशकश ठुकरा दी गयी। कंपनी को दस्तावेज उपलब्ध कराने का मौका दिया गया लेकिन वह ऐसा करने में विफल रही।
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उसके बाद सबसे कम बोली लगाने वाली कंपनी पीडीआईएल को इस परियोजना के लिये पात्र पाया गया।
हालांकि एम. एन. दास्तुर के उपाध्यक्ष अभिजीत सरकार ने कहा, ‘‘हम न केवल सबसे कम बोली लगाने वाली कंपनी थे बल्कि सबसे पात्र बोलीदाता भी थे। अत: स्पष्ट रूप से हमें अपात्र घोषित करना गुण के आधार पर किया गया निर्णय नहीं है...।’’
(भाषा)