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Pension Benefit to Adopted Child: गोद लिया बच्चा फैमिली पेंशन का लाभ ले सकता है? जानिए सारे नियम.....
Pension Benefit to Adopted Child: खुद का बच्चा ना होने पर हम बच्चे को गोद ले क्या हमारी सरकारी नौकरी का फायदा हमारे गोद लिए बच्चे को मिलेगा ,फैमिली पेंशन हमारे बच्चे को मिलेगी?
Pension Benefit to Adopted Child: सरकारी नौकरी से सेवानिवृत्त होने के बाद केंद्र सरकार अपने कई कर्मचारियों को पेंशन भी देती है। कई बार तो सरकारी कर्मचारी की मृत्यु हो जाने के बाद भी उसके परिवार के लोगों को फैमिली देना जारी रहता है। उन परिवार वालों को जो उस व्यक्ति पर आश्रित रहते है। फैमिली पेंशन आखिर किस आधार पर दी जाती है। पेंशन के बारे में डिपार्टमेंट ऑफ पेंशन एंड पेंशनर्स वेलफेयर का कहना है कि, अगर किसी सरकारी कर्मचारी की मृत्यु सेवा में कार्यरत रहते हो जाती है तो उसकी पत्नी को पेंशन का लाभ मिलता है। इसके साथ पत्नी के साथ बच्चे भी पेंशन के भागीदारी होते है।
पारिवारिक पेंशन को लेकर क्या नियम हैं, आखिर बच्चों को कब तक फैमिली पेंशन मिल सकती है? यदि बच्चा गोद लिया हुआ है तब फिर? या पत्नी ने पति के जाने के बाद दूसरी शादी कर ली हो तब? क्या उन्हें तब भी फैमिली पेंशन का लाभ मिल सकता है। आज हम यहां इन सभी विषयों पर जानेंगे। साल की शुरुआत में सुप्रीम कोर्ट ने इसे लेकर एक फैसला भी सुनाया था।
पारिवारिक पेंशन के नियम क्या है?
सेन्ट्रल सिविल सर्विसेज(Central Civil Services) नियम के आधार पर यदि किसी सरकारी कर्मचारी की मौत हो जाती है तो उसके परिवार को पेंशन दिया जाता है। परिवार के अंर्तगत में पति या पत्नी, बच्चे, माता-पिता व दिव्यांग भाई-बहन आते है। मृत कर्मचारी के जीवन साथी को तब तक फैमिली पेंशन मिलेगी जब तक उसकी मृत्यु नहीं हो जाती या फिर जब तक वह दोबारा शादी न कर लेते। लेकिन अगर विधवा को कोई संतान नहीं है तब वह दूसरी शादी करती है तो उसका पेंशन तब भी मिलता रहेगा।
गोद लिया बच्चा भी पेंशन का हिस्सेदार बन सकता है?
सुप्रीम कोर्ट ने अपने एक फैसले में सप्ष्ट किया था कि किसी सरकारी कर्मचारी की पत्नी यदि बच्चा गोद लेती है तो उसके गोद लिए बच्चों को फैमिली पेंशन नहीं मिल सकता है। कोर्ट ने कहा कि सेन्ट्रल सिविल सर्विसेज (पेंशन) नियम के अनुसार ऐसे बच्चे फैमिली पेंशन के हकदार नहीं माने जाते है। कोर्ट के अनुसार, फैमिली पेंशन की व्यवस्था इसलिए की गई है कि मृत सरकारी कर्मचारी के परिवार जन जो उसपर आश्रित थे उन्हें संकट से निपटने में सहायता मिल सके पेंशन से उन्हें कुछ राहत दिया जा सके। तो इस लिए ‘परिवार’ की परिभाषा के अंतर्गत उन्हें नहीं गिना जा सकता जो सरकारी कर्मचारी के मौत के समय उसके आश्रित नहीं थे।
मृत कर्मचारी के पति/पत्नी ने दोबारा शादी कर ली तब,
मृत सरकारी कर्मचारी के पति या पत्नी को फैमिली पेंशन आजीवन दिया जाने का प्रावधान है। मृतक की पत्नी की अगर कोई संतान नहीं है और उसके पास कमाई का कोई दूसरा साधन नहीं है, तो दूसरी शादी करने पर भी उसका पेंशन जारी रहेगा। लेकिन अगर मृतक की पत्नी यदि कही नौकरी करने लगती है तो वह फैमिली पेंशन की हकदार नहीं मानी जायेगी।