प्राइवेट सेक्टर के कर्मचारियों की पेंशन पर आया सुप्रीम फैसला

सुप्रीम कोर्ट ने प्राइवेट सेक्टर के कर्मचारियों की पेंशन बढ़ोतरी को लेकर केरल हाई कोर्ट का निर्णय जारी रखा है। इसके बाद उनकी पेंशन में कई गुणे की बढ़ोतरी होगी।

Rishi
Published on: 2 April 2019 4:59 AM GMT
प्राइवेट सेक्टर के कर्मचारियों की पेंशन पर आया सुप्रीम फैसला
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नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट ने प्राइवेट सेक्टर के कर्मचारियों की पेंशन बढ़ोतरी को लेकर केरल हाई कोर्ट का निर्णय जारी रखा है। इसके बाद उनकी पेंशन में कई गुणे की बढ़ोतरी होगी। आपको बता दें, कोर्ट ने ईपीएफओ की उस याचिका पर अपना निर्णय सुनाया है जिसे ईपीएफओ ने केरल हाई कोर्ट के फैसले के खिलाफ दायर किया था।

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क्या था हाईकोर्ट का फैसला

कोर्ट ने ईपीएफओ को आदेश दिया था कि वह रिटायर हुए सभी कर्मचारियों को उनकी पूरी सैलरी के हिसाब से पेंशन दे।

गौरतलब है कि ईपीएफओ 15,000 रुपये सेलरी की सीमा के साथ योगदान की गणना करता है।

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सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के बाद अब क्या ?

सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद प्रोविडेंट फंड में कमी आएगी क्योंकि अब अंश पीएफ के स्थान पर ईपीएस वाले फंड में जाएगा, लेकिन घबराने की बात नहीं है इसके बाद पेंशन बढ़ जाएगी।

अब नया क्या

आईना खानम (काल्पनिक नाम) 33 वर्ष की जॉब के बाद वर्ष 2029 में रिटायर होती और उस समय उनका पैकेज (बेसिक+डीए+रिटेन्शन बोनस) 50,000 महीना होगा।

वर्त्तमान स्थति में ईपीएस के लिए योगदान- 542 रुपया महीना (1996 में स्कीम लॉन्च होने से सितंबर 2014 तक अधिकतम 6,500 का 8.33 प्रतिशत) और उसके बाद 1,250/महीना (15,000 का 8.33 प्रतिशत)

वहीं कोर्ट के निर्णय के बाद योगदान वास्तविक सैलरी का 8.33 प्रतिशत होगा।

ऐसे समझें

(सेवा साल+2 )/70 x आखिरी सैलरी

कोर्ट के आदेश से पहले, (18 साल [1996-2004]+1.1*)/70x6500+15 साल (2014 से आगे) + 0.9*/70 X 15,000

बोनस 2 को प्रो रेटा बेसिस पर भाग देने पर 5,180 प्रति महीना। यानी इस आदेश के पहले आईना को महीने 5,180 रु पेंशन मिलती।

वहीं कोर्ट आदेश के बाद, पेंशन होगी 33+2/70X 50,000 (अंतिम सैलरी) = 25,000/महीना।

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आशीष शर्मा ऋषि वेब और न्यूज चैनल के मंझे हुए पत्रकार हैं। आशीष को 13 साल का अनुभव है। ऋषि ने टोटल टीवी से अपनी पत्रकारीय पारी की शुरुआत की। इसके बाद वे साधना टीवी, टीवी 100 जैसे टीवी संस्थानों में रहे। इसके बाद वे न्यूज़ पोर्टल पर्दाफाश, द न्यूज़ में स्टेट हेड के पद पर कार्यरत थे। निर्मल बाबा, राधे मां और गोपाल कांडा पर की गई इनकी स्टोरीज ने काफी चर्चा बटोरी। यूपी में बसपा सरकार के दौरान हुए पैकफेड, ओटी घोटाला को ब्रेक कर चुके हैं। अफ़्रीकी खूनी हीरों से जुडी बड़ी खबर भी आम आदमी के सामने लाए हैं। यूपी की जेलों में चलने वाले माफिया गिरोहों पर की गयी उनकी ख़बर को काफी सराहा गया। कापी एडिटिंग और रिपोर्टिंग में दक्ष ऋषि अपनी विशेष शैली के लिए जाने जाते हैं।

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