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पायलट गुट की पहली जीतः खंडपीठ में सुनवाई और संशोधन दोनों मांगे मंजूर

इससे पहले राजस्थान विधानसभा स्पीकर की ओर से केवीएट भी लगाई गई थी जिसमें कहा गया था याचिका में अशोक गहलोत को पक्षकार नहीं बनाया गया है, कोर्ट को फैसला देने से पहले अशोक गहलोत यानी सरकार का पक्ष भी सुनना होगा।

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Published on: 16 July 2020 1:06 PM GMT
पायलट गुट की पहली जीतः खंडपीठ में सुनवाई और संशोधन दोनों मांगे मंजूर
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जयपुरः राजस्थान उच्च न्यायालय की दो-न्यायाधीशों की पीठ ने आज शाम असंतुष्ट कांग्रेस विधायकों द्वारा दायर याचिका में संशोधन करने के लिए सुनवाई की। हाईकोर्ट ने सचिन पायलट कैंप को नई याचिका दायर करने के लिए समय दे दिया, मामले की सुनवाई अब 17 जुलाई को होगी। पायलट गुट ने नई याचिका दायर की है.

सचिन पायलट और 18 अन्य विधायकों की अपील पर बहस कर रहे अधिवक्ता हरीश साल्वे का कहना है कि याचिकाकर्ता दलबदल विरोधी कानून को चुनौती देंगे।

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गौरतलब है कि सचिन पायलट और समर्थक विधायकों ने स्पीकर की ओर से भेजे गए अयोग्य ठहराए जाने के नोटिस को राजस्थान हाईकोर्ट में चुनौती दी गई है। इस पर उच्च न्यायालय में सुनवाई हो रही है। हाईकोर्ट की सिंगल बेंच ने इस मामले को खंडपीठ को रेफर कर दिया है।

17 जुलाई तक मांगा गया जवाब

विधानसभा अध्यक्ष ने बुधवार को सचिन पायलट समेत 19 कांग्रेस विधायकों को नोटिस भेजकर 17 जुलाई तक जवाब देने को कहा है। कांग्रेस का आरोप है कि पायलट खेमा विधायक दल की बैठक में शामिल नहीं हुआ, पार्टी व्हिप का पालन नहीं किया।

हरीश साल्वे ने कहा संशोधन स्वीकार किया जा सकता है, अभिषेक मनु सिंघवी ने किया याचिका का विरोध. सिंघवी ने कहा बिना आधार के याचिका को कैसे स्वीकार किया जा सकता है। बहस के बाद अदालत ने संशोधन स्वीकार कर लिया।

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पायलट के वकीलों का तर्क था कि याचिका में संविधान से संबंधित विषय जुड़ा है. इसलिए याचिका की सुनवाई डबल बेंच द्वारा की जानी चाहिए। इसके अलावा पायलट गुट दायर याचिका में संशोधन करना चाहता था। खंडपीठ ने ये मांग स्वीकारते हुए पायलट गुट को संशोधित याचिका दायर करने का समय दे दिया है।

इससे पहले राजस्थान विधानसभा स्पीकर की ओर से केवीएट भी लगाई गई थी जिसमें कहा गया था याचिका में अशोक गहलोत को पक्षकार नहीं बनाया गया है, कोर्ट को फैसला देने से पहले अशोक गहलोत यानी सरकार का पक्ष भी सुनना होगा।

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