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Arms: यूपी में बने बम गोले विदेशों में खूब किए जा रहे पसंद, पिनाका रॉकेट का आया अपडेट वर्जन

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Snigdha Singh
Published on: 10 Jun 2023 1:05 PM GMT
Arms: यूपी में बने बम गोले विदेशों में खूब किए जा रहे पसंद, पिनाका रॉकेट का आया अपडेट वर्जन
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Bomb and Pinaka(Image: Social Media)

Arms of UP: आयुध निर्माणी (ऑर्डिनेंस) में बने बम के गोले भारतीय सेना के साथ विदेशों में भी पसंद किए जा रहे हैं। यही वजह है कि इस साल अभी तक दोगुना ऑर्डर मिल चुका है। फैक्ट्री में इस साल करीब 700 करोड़ का उत्पादन होना तय माना जा रहा है, वहीं पिछले वर्ष 350 करोड़ रुपये का उत्पादन हुआ था। ऑर्डिनेंस ने इस साल 400 करोड़ का लक्ष्य रखा था जो अनुमान से काफी ज्यादा पहुंच रहा है। आयुध निर्माणी के कार्यकारी निदेशक अजय सिंह ने बताया कि पिछले आठ वर्षों में यह सबसे अधिक उत्पादन होगा।

निर्माणी के कार्यकारी निदेशक समेत सभी महाप्रबंधकों ने बताया कि अब पिनाका रॉकेट के दो नए संस्करण पिनाका एक्स्टेंडेड और पिनाका गाइडेड के स्टेबलाइजर भी विकसित किए जा रहे हैं। इसका उत्पादन चल रहा है। अभी तक पिनाका मल्टीबैरल रॉकेट का स्टेबलाइजर सप्लाई हो रहा था, जो 75 किलोमीटर दूरी तक मार करता है। उन्होंने कहा कि अब ऑर्डिनेंस को भी अन्य कंपनियों की तरह बिडिंग के माध्यम से ऑर्डर लेना पड़ता है। हालांकि सेना के अलावा अन्य विकल्प भी मिल गए हैं। प्रतिस्पर्धा बढ़ने के बावजूद उत्पादन में वृद्धि हुई है। उन्होंने कहा कि भारतीय सेना निर्माणी की पहली प्राथमिकता पर थी और रहेगी।

महाप्रबंधक उत्पादन आरके सिंह के मुताबिक टी-72 और टी-90 टैंकों के लिए स्वदेशी आर्टिलरी गन धनुष और 130 एमएम आर्टिलरी गन को 155 एमएम में अपग्रेड कर शारंग का निर्माण चल रहा है। धनुष की 20 बैरल और शारंग की 36 बैरल इस साल तैयार हो जाएगी। धनुष की मारक क्षमता 38 से 42 किमी है, यह रैपिड मोड में तीन मिनट में 18 राउंड फायरिंग करती है। महाप्रबंधक संदीप कन्हाई ने बताया कि डिफेंस में प्राइवेट कंपनियां भी आ गई हैं, इससे प्रतिस्पर्धा बढ़ी है लेकिन आयुध निर्माणी के पास बेस्ट स्किल्ड व अनुभव होने से उच्च गुणवत्ता के उत्पाद तैयार होंगे। इसमें वेस्ट तो कम होगा ही, खर्च और समय की भी बचत होगी। वर्तमान में सीएनसी मशीनों व रोबोट से वेल्डिंग, पेंटिंग, शॉट ब्लास्टिंग, अल्ट्रासोनिक टेस्टिंग का उत्पादन में उपयोग हो रहा है। महाप्रबंधक सीके मंडल ने बताया कि इस्टेट की मूलभूत सुविधाओं का काम कराया जा रहा है। फैक्ट्री के सामने बने नमो वन के पास अतिक्रमण की सूचना मिली है, जिसका निस्तारण कराया जाएगा। संयुक्त महाप्रबंधक सुधीर यादव, विनय अवस्थी आदि मौजूद रहे।

यूरोप जाएंगे कानपुर में बने बम के गोले

कानपुर में तोप के लिए बने बम के गोलों की मांग यूरोप में भी है। वहां की कंपनियों ने आयुध निर्माणी को 30 करोड़ रुपये का ऑर्डर दिया है, जिसमें सबसे ज्यादा डिमांड बम के गोलों की है। अधिकतर कंपनियों की ओर से 105 एमएम कैलिबर के गोलों की मांग की गई है। कार्यकारी निदेशक ने बताया कि अभी कई देशों की कंपनियों संग वार्ता चल रही है। उम्मीद है कि इस साल निर्यात के लिए ऑर्डर और बढ़ेंगे। महाप्रबंधक मार्केटिंग एसके सिंह के मुताबिक वर्तमान में वेपन सिस्टम्स व गोलों के लिए हार्डवेयर के निर्यात की इन्क्वॉयरी आ रही है। पूर्व में 155 एमएम बैरल का निर्यात भी किया जा चुका है।

मोर्टार का बैरल बनाने में कामयाबी

अजय सिंह ने बताया कि मोर्टार का बैरल काफी पतला होता है इसलिए उसे सीधा रखना बड़ा चैलेंज होता है। निर्माणी ने इसे पूरा कर लिया है। यहां मोर्टार के लिए पतली और सुरक्षित बैरल तैयार हो गई है। सेना की ओर से 81 एमएम के 55 मोर्टार देने थे, जिसमें 29 की सप्लाई की जा चुकी है। अन्य 23 मोर्टार फायरिंग के अंतिम ट्रायल पर हैं, जबकि दो पर काम चल रहा है।

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