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रेगिस्तान में उग रहे कश्मीरी सेब जैसे बेर, खाने से कोरोना का खतरा होता है कम

एक साल में ही यह कश्मीरी सेव जैसे दिखने वाले बेर आकार लेने लगे हैं। खास बात यह है कि रेगिस्तान की जलवायु में कश्मीरी सेव के इन पौधों ने बेहतर परिणाम दिये हैं।

suman
Published on: 1 Jan 2021 1:58 PM GMT
रेगिस्तान में उग रहे कश्मीरी सेब जैसे बेर, खाने से कोरोना का खतरा होता है कम
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जोधपुर: रेगिस्तान में कश्मीरी सेब जैसे बेर, दावा- कम करता है कोरोना संक्रमण का खतरा

जोधपुर : वर्ल्ड फेमस है कश्मीर की सेब, जिसकी मिठास और खटास पूरी दुनिया को पसंद आती है लेकिन अब रेगिस्तान में उगी कश्मीरी सेव जैसे बेर की खेती होने लगी है। जो लोगों की सेहत के साथ-साथ स्वाद भी देती है। केन्द्रीय शुष्क अनुसंधान संस्थान ने यहां के मशहूर बेर को कश्मीरी सेव की तरह विकसित किया है। इससे अब रेगिस्तानी कश्मीरी सेब (बेर) का आनंद राज्य के साथ-साथ देश के अन्य राज्य भी उठाएंगे।

जोधपुर स्थित काजरी के बेर दुनियाभर में मशहूर हैं। यहां पर हर बार तरह-तरह के बेर लोगों के मुंह में मिठास घोलने में कोई कसर नहीं छोड़ते हैं। लेकिन इस बार काजरी के प्रधान वैज्ञानिकों ने कश्मीरी सेब की तरह कश्मीरी सेव जैसे दिखने वाले बेर विकसित किए हैं। इसको सेब के बराबर ही आंका जा रहा है।

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यहां मांगाई गई किस्म

काजरी ने कोलकाता की एक निजी नर्सरी से कश्मीरी सेव जिसका वैज्ञानिक नाम जिजिफस मोरिसेना है उसके 100 पौधे मंगवा कर पिछले साल फरवरी में खास पद्धति से मोडिफाई कर काजरी में लगाए थे। उसके बाद अब एक साल में ही यह कश्मीरी सेव जैसे दिखने वाले बेर आकार लेने लगे हैं। खास बात यह है कि रेगिस्तान की जलवायु में कश्मीरी सेव के इन पौधों ने बेहतर परिणाम दिये हैं।

apple berries

अब तक 41 वैरायटी

काजरी में अब तक 41 वैरायटी के बेर विकसित किए जा चुके हैं। इसमें गोला, इलाइची, अलीगंज, टिकड़र और बनारसी जैसे बेर के साथ थाईलैंड के बेर और अब कश्मीरी सेब बेर दुनिया मे अपनी पहचान बनाएंगे।

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इसे खाने से कोरोना खतरा होता है कम

प्रधान वैज्ञानिक डॉ. पीआर मेघवाल के अनुसार, रेगिस्तानी कश्मीरी सेब यानी बेर में विटामिन और पोषक तत्वों की भरपूर मात्रा है। इसमें पल्प, कार्बोहाइड्रेट, फाइबर, वसा और प्रोटीन के साथ-साथ विटामिन सी व बी भी मौजूद हैं। इसके साथ ही कैल्शियम और आयरन के साथ फास्फोरस भी मौजूद है। यानी रेगिस्तानी में उगाया गया सेबनुमा ये बेर सेहत में सुधार तो करेगा ही वह विटामिन सी और बी मौजूद होने से कारण कोरोना से लड़ने में सहायक है। यह कोरोना संक्रमण का खतरा भी कम करता है।

विशेषज्ञों के मुताबिक जैसलमेर के इस बेर जैसे सेब में प्रचूर मात्रा में विटामिन और मिनीरल्स है। इससे कमजोरी नहीं होती है और शरीर में पोषक तत्व बने रहते है।

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