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PM मोदी बोले- 21वीं सदी के भारत की नींव तैयार करने वाली है नई शिक्षा नीति
राष्ट्रीय शिक्षा नीति पर पीएम मोदी अपने विचार रखेंगे। शिक्षा मंत्रालय द्वारा आयोजित किए जा रहे कॉन्क्लेव में उच्च शिक्षा पर मंथन होगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस कार्यक्रम में शुरुआती भाषण देंगे।
नई दिल्ली: नई शिक्षा नीति को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज देशभर के विश्वविद्यालयों के कुलपतियों, उच्च शिक्षण संस्थानों के निदेशकों और कालेजों के प्राचार्यो को संबोधित किया। इस दौरान शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक, शिक्षा राज्य मंत्री संजय धोत्रे और नीति को तैयार वाली कमेटी के अध्यक्ष के कस्तूरीरंगन भी मौजूद रहे। राष्ट्रीय शिक्षा नीति पर पीएम मोदी ने अपने विचार रखा। शिक्षा मंत्रालय द्वारा आयोजित किए जा रहे कॉन्क्लेव में उच्च शिक्षा पर मंथन हुआ।
कॉन्क्लेव का आयोजन मानव संसाधन विकास मंत्रालय (MHRD) और विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) द्वारा किया जा रहा है। इसमें उच्च शिक्षा से जुड़े विषयों पर अलग-अलग कई सत्र भी रखे गए हैं। इस दौरान उच्च शिक्षा में किए गए बदलावों के प्रस्तावों पर विस्तार से चर्चा हुई।
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नई शिक्षा नीति को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश को संबोधित जिसमें उन्होंने कहा कि -
संबोधन में प्रधानमंत्री ने कहा कि अब इसे जमीन पर उतारने के लिए जो भी करना होगा, वो जल्द किया जाएगा। पीएम ने कहा कि आपको इसे लागू करने में जो भी मदद चाहिए, मैं आपके साथ हूं। शिक्षा नीति में देश के लक्ष्यों का ध्यान रखना जरूरी है, ताकि भविष्य के लिए पीढ़ी को तैयार किया जा सके। ये नीति नए भारत की नींव रखेगी। पीएम ने कहा कि भारत को ताकतवर बनाने के लिए नागरिकों को सशक्त बनाने के लिए अच्छी शिक्षा जरूरी है।
राष्ट्रीय शिक्षा नीति सिर्फ सर्कुलर जारी करके, नोटिफाई करके Implement नहीं होगी।
इसके लिए मन बनाना होगा, आप सभी को दृढ़ इच्छाशक्ति दिखानी होगी।
भारत के वर्तमान और भविष्य को बनाने के लिए आपके लिए ये कार्य एक महायज्ञ की तरह है: PM @narendramodi
— PMO India (@PMOIndia) August 7, 2020
-34 साल बाद आई नई शिक्षा नीति
-नई शिक्षा नीति देश उन्नति के मार्ग पर बढेगा
- नई शिक्षा नीति पर गंभीरता से काम किया गया है
-होड़ लगाने की प्रवृत्ति से बाहर निकलना होगा
-प्रधानमंत्री बोले कि आज जब नर्सरी का बच्चा भी नई तकनीक के बारे में पढ़ेगा, तो उसे भविष्य की तैयारी करने में आसानी मिलेगी।
-कई दशकों से शिक्षा नीति में बदलाव नहीं हुआ था, इसलिए समाज में भेड़चाल को प्रोत्साहन मिल रहा था।
-कभी डॉक्टर-इंजीनियर-वकील बनाने की होड़ लगी हुई थी। अब युवा क्रिएटिव विचारों को आगे बढ़ा सकेगा, अब सिर्फ पढ़ाई नहीं बल्कि वर्किंग कल्चर को डेवलेप किया गया है।
-बोर्ड परीक्षाओं के महत्त्व को कम करना होगा
-संबोधन में पीएम मोदी ने कहा कि हमारे सामने सवाल था कि क्या हमारी नीति युवाओं को अपने सपने पूरा करने का मौका देती है। क्या हमारी शिक्षा व्यवस्था युवा को सक्षम बनाती है।
नेशनल एजुकेशन पॉलिसी- राष्ट्रीय शिक्षा नीति को अमल में लाने के लिए हम सभी को एकसाथ संकल्पबद्ध होकर काम करना है।
यहां से Universities, Colleges, School education boards, अलग-अलग States, अलग-अलग Stakeholders के साथ संवाद और समन्वय का नया दौर शुरु होने वाला है: PM @narendramodi
— PMO India (@PMOIndia) August 7, 2020
10+2 को भी खत्म कर दिया गया है
-नई शिक्षा नीति को बनाते समय इन सवालों पर गंभीरता से काम किया गया है। दुनिया में आज एक नई व्यवस्था खड़ी हो रही है, ऐसे में उसके हिसाब से एजुकेशन सिस्टम में बदलाव जरूरी है। अब 10+2 को भी खत्म कर दिया गया है, हमें विद्यार्थी को ग्लोबल सिटीजन बनाना है लेकिन उन्हें अपनी जड़ों से जुड़े रहें।
-प्रधानमंत्री ने कहा कि बच्चों के घर की बोली और स्कूल में सीखने की भाषा एक ही होनी चाहिए, ताकि बच्चों को सीखने में आसानी होगी। अभी पांचवीं क्लास तक बच्चों को ये सुविधा मिलेगी।
-अभी तक शिक्षा नीति व्हाट टू थिंक के साथ आगे बढ़ रही थी, अब हम लोगों को हाउ टू थिंक पर जोर देंगे। आज बच्चों को ये मौका मिलना चाहिए कि बच्चा अपने कोर्स को फोकस करे, अगर मन ना लगे तो कोर्स में बीच में छोड़ भी सके। अब छात्र कभी भी कोर्स से निकल सकेंगे और जुड़ सकेंगे।
एक प्रयास ये भी है कि भारत का जो टेलेंट है, वो भारत में ही रहकर आने वाली पीढ़ियों का विकास करे।
राष्ट्रीय शिक्षा नीति में teacher training पर बहुत जोर है, वो अपनी skills लगातार अपडेट करते रहें, इस पर बहुत जोर है: PM @narendramodi
— PMO India (@PMOIndia) August 7, 2020
नई शिक्षा नीति में स्थानीय भाषा पर क्यों किया गया फोकस?
-नई शिक्षा नीति पर प्रधानमंत्री ने कहा कि बच्चों के घर की बोली और स्कूल में सीखने की भाषा एक ही होनी चाहिए, ताकि बच्चों को सीखने में आसानी होगी। अभी पांचवीं क्लास तक बच्चों को ये सुविधा मिलेगी।
-अभी तक शिक्षा नीति व्हाट टू थिंक के साथ आगे बढ़ रही थी, अब हम लोगों को हाउ टू थिंक पर जोर देंगे। आज बच्चों को ये मौका मिलना चाहिए कि बच्चा अपने कोर्स को फोकस करे, अगर मन ना लगे तो कोर्स में बीच में छोड़ भी सके। अब छात्र कभी भी कोर्स से निकल सकेंगे और जुड़ सकेंगे।
-प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि आज कोई व्यक्ति पूरे जीवन में एक ही प्रोफेशन पर नहीं रहता है, ऐसे में उसे लगातार कुछ सीखने की छूट होनी चाहिए। देश में ऊंच-नीच का भाव, मजदूरों के प्रति हीन भाव क्यों पैदा हुआ।
-आज बच्चों को पढ़ने के साथ-साथ देश की हकीकत भी जाननी जरूरी है। भारत आज टैलेंट-टेक्नोलॉजी का समाधान पूरी दुनिया को दे सकता है, टेक्नोलॉजी की वजह से गरीब व्यक्ति को पढ़ने का मौका मिल सकता है।
शिक्षा व्यवस्था में बदलाव, देश को अच्छे students, अच्छे प्रोफेशनल्स और उत्तम नागरिक देने का बहुत बड़ा माध्यम आप सभी Teachers ही हैं, प्रोफेसर्स ही हैं।
इसलिए नेशनल एजुकेशन पॉलिसी-राष्ट्रीय शिक्षा नीति में dignity of teachers का भी विशेष ध्यान रखा गया है: PM @narendramodi
— PMO India (@PMOIndia) August 7, 2020
अब मिलेगा क्रिएटिव पढ़ाई को मौका
-प्रधानमंत्री ने अपने भाषण में कहा कि आज जब नर्सरी का बच्चा भी नई तकनीक के बारे में पढ़ेगा, तो उसे भविष्य की तैयारी करने में आसानी मिलेगी। कई दशकों से शिक्षा नीति में बदलाव नहीं हुआ था, इसलिए समाज में भेड़चाल को प्रोत्साहन मिल रहा था।
-कभी डॉक्टर-इंजीनियर-वकील बनाने की होड़ लगी हुई थी। अब युवा क्रिएटिव विचारों को आगे बढ़ा सकेगा, अब सिर्फ पढ़ाई नहीं बल्कि वर्किंग कल्चर को डेवलेप किया गया है।
बदलावों के प्रस्तावों पर विस्तार से चर्चा
इस दौरान उच्च शिक्षा में किए गए बदलावों के प्रस्तावों पर विस्तार से चर्चा होगी। गौरतलब है कि देश में 34 साल के बाद नई शिक्षा नीति आई है। इसपर पीएम मोदी का ये पहला संबोधन होगा। इस दौरान वे नई शिक्षा नीति, भविष्य की शिक्षा, रिसर्च जैसे मुद्दों पर चर्चा करेंगे। कार्यक्रम का नाम Conclave on Transformational Reforms in Higher Education under National Education Policy है।
देश में 34 साल के बाद नई शिक्षा नीति
देश में 34 साल के बाद नई शिक्षा नीति आई है, इसपर पीएम नरेंद्र मोदी का ये पहला सार्वजनिक भाषण होगा। जिसमें नई शिक्षा नीति, भविष्य की शिक्षा, रिसर्च जैसे मसलों पर चर्चा की जाएगी।
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नई शिक्षा नीति में क्या है खास ?
>मानव संसाधन विकास मंत्रालय का नाम अब शिक्षा मंत्रालय।
>पांचवीं क्लास तक के बच्चों की पढ़ाई स्थानीय भाषा में।
>पढ़ाई के साथ-साथ बच्चों को स्किल देने पर जोर।
>विदेशी विश्वविद्यालयों के साथ मिलकर नए कैंपस पर जोर।
>एमफिल बंद, 10+2 का फॉर्मूला भी बंद