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PNB को अब लगा 3,688 करोड़ का चूना, खाताधारकों की उड़ी नींद

नीरव मोदी और मेहुल चोकसी पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) को पहले ही 14 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा का चूना लगा चुके हैं। इसी कड़ी में अगला नाम जुड़ा है दीवान हाउसिंग फाइनेंस लि. (डीएचएफएल) का।

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Published on: 10 July 2020 12:18 PM IST
PNB को अब लगा 3,688 करोड़ का चूना, खाताधारकों की उड़ी नींद
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नई दिल्ली: नीरव मोदी और मेहुल चोकसी पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) को पहले ही 14 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा का चूना लगा चुके हैं। इसी कड़ी में अगला नाम जुड़ा है दीवान हाउसिंग फाइनेंस लि. (डीएचएफएल) का।

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) को एक बार फिर लोन घोटाले का सामना करना पड़ा है। बैंक ने दीवान हाउसिंग फाइनेंस लि. (डीएचएफएल) को दिए 3,688.58 करोड़ रुपये के लोन को फ्रॉड घोषित किया है।

बैंक के मिली जानकारी के अनुसार उसने दीवान हाउसिंग फाइनेंस लि। (डीएचएफएल) के एनपीए खाते में 3,688।58 करोड़ रुपये फ्रॉड के बारे में जानकारी आरबीआई को दी है।

बताते चलें कि डीएचएफएल उस समय सुर्खियों में आई थी जब एक रिपोर्ट में कहा गया कि उसने कई मुखौटा कंपनियों के माध्यम से कुल 97,000 करोड़ रुपये के बैंक कर्ज में से कथित रूप से 31,000 करोड़ रुपये का फ्रॉड किया है।

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पहले से ही सवालों के घेरे में है DHFL

गौरतलब है की DHFL की येस बैंक में भी लोन धोखाधड़ी को लेकर इन्वेस्टीगेशन चल रही है। कंपनी के प्रमोटर वधावन बंधु अरेस्ट हैं और इडी ने गुरुवार को ही उनकी संपत्ति कुर्क की है।

येस बैंक लोन घोटाले के मामले में ED ने बैंक के पूर्व प्रमुख राणा कपूर और DHFL के प्रमोटर्स कपिल वधावन और धीरज वधावन की 2400 करोड़ रुपये की प्रॉपर्टी अटैच की है। इसमें राणा कपूर की 1000 करोड़ रुपये और वधावन बंधुओं की 1400 करोड़ रुपये की प्रॉपर्टी भी है।

आरबीआई को दी गई जानकारी

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार पीएनबी ने शेयर बाजार को अवगत कराया है कि, ‘कंपनी (डीएचएफएल) के खाते में 3,688।58 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी की धोखाधड़ी की रिपोर्ट आरबीआई को दे दी गई है।'

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उल्लंघन की रिपोर्ट के बाद शुरू हुई जांच

मालूम हो कि डीएचएफएल पहली वित्तीय सेवा कंपनी है जो कर्ज समाधान को लेकर एनसीएलटी के पास गई। कंपनी में पिछले साल नियमों के कथित उल्लंघन की रिपोर्ट के बाद एसएफआईओ (गंभीर धोखाधड़ी जांच कार्यालय) समेत विभिन्न एजेंसियों ने जांच शुरू की।

बैंक पहले ही तय मानदंडों के तहत इसके लिये 1,246.58 करोड़ रुपये का प्रावधान यानी प्रोविजनिंग कर चुका है।

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