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Politician Bungalow Controversy: अरविंद केजरीवाल से पहले इस राजनेता के बंगले पर हुए भारी-भरकम खर्च को लेकर भी हुआ बवाल
Politician Bungalow Controversy: मुख्य विपक्षी भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस दोनों सीएम अरविंद केजरीवाल पर हमलावर है। भ्रष्टाचार के गंभीर आरोपों में घिरी केजरीवाल सरकार के सामने अब नई चुनौती खड़ी हो गई है।
Politician Bungalow Controversy: दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल शराब घोटाले को लेकर खासे परेशान चल रहे हैं। उनके डिप्टी मनीष सिसोदिया जेल पहुंच चुके हैं। सीबीआई उनसे भी पूछताछ कर चुकी है। इसके अलावा कई और नेता जांच एजेंसी के रडार पर हैं। केजरीवाल इस समस्या से बाहर निकले भी नहीं थे कि एक और मामला उनकी गले की फांस बन गया है। मीडिया रिपोर्ट्स में उनके सरकारी आवास के रेनोवेशन पर खर्च हुए करोड़ों की जानकारी सामने आने के बाद दिल्ली के सियासी गलियारों में बवाल मचा हुआ है।
मुख्य विपक्षी भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस दोनों सीएम अरविंद केजरीवाल पर हमलावर है। भ्रष्टाचार के गंभीर आरोपों में घिरी केजरीवाल सरकार के सामने अब नई चुनौती खड़ी हो गई है। बीजेपी का आरोप है कि दिल्ली सीएम के 6 फ्लैग स्टाफ रोड, सिविल लाइंस इलाके में स्थित सरकारी आवास के सौंदर्यीकरण पर करीब 45 करोड़ रूपये खर्च हुए। हालांकि, आम आदमी पार्टी ने इन आरोपों को खारिज किया है। मुख्यमंत्री केजरीवाल से पहले देश की एक और चर्चित राजनेता अपने आलीशान बंगले पर खर्च हुए करोड़ों रूपये को लेकर विवादों में आ चुकी हैं।
मायावती के बंगले पर खर्च हुए थे 113 करोड़ रूपये
उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री और बहुजन समाज पार्टी सुप्रीमो मायावती तीन दशक से देश में दलितों की सबसे बड़ी नेता के तौर पर जानी जाती हैं। समाज के सबसे पिछड़े तबके का प्रतिनिधित्व करने का दावा करने वालीं मायावती साल 2012 में तब विवादों में आ गई थीं, जब पता चला था कि उन्होंने अपने सरकारी आवास के रेनोवेशन में करोड़ों रूपये खर्च कर डाले।
1995 में पहली बार मुख्यमंत्री बनने के बाद मायावती को लखनऊ के 13 मॉल एवेन्यू में आवास आवंटित हुआ था। 2012 में सत्ता गंवाने के बावजूद 2018 तक वो यहां रही थीं। कोर्ट के आदेश पर उत्तर प्रदेश राज्य संपत्ति विभाग ने छह मुख्यमंत्रियों को अपना सरकारी आवास खाली करने को कहा था। जिसके कारण मायावती को भी 13 मॉल एवेन्यू वाला आवास खाली करना पड़ा था। राज्य संपत्ति विभाग के मुताबिक, इस बनाने में बसपा कार्यकाल में करीब 113 करोड़ रूपये खर्च हुए थे।
पहली बार मीडिया के कैमरे में कैद हुई थी बंगले की भव्यता
बसपा सुप्रीमो मायावती 13 मॉल एवेन्यू स्थित अपने आवास को कांशीराम स्मारक घोषित करवाना चाहती थीं। बंगला खाली करने से पहले उन्होंने मीडिया को पहली बार अपने इस आलीशान महलनुमा बंगले के अंदर बुलाया था। मीडियाकर्मी जब अंदर पहुंचे तो घर की भव्यता को देखकर उनकी आंखें फटी की फटी रह गईं। लाल चुनार पत्थरों वाली चमचमाती दीवारें, इटालियन मार्बल फ्लोरिंग, आकर्षक भित्ती चित्र, छतों से लटकते बेशकीमती झूमर। जिस सलीके से बंगले में लाइटिंग की गई थी वो भी देखने लायक की थी। बंगले के अंदर ऐसी कोई जगह नहीं थी जहां मीडिया के कैमरों की क्लिक न गूंज रही हो।
मीडियाकर्मियों ने बंगले में स्थित कांशीराम के भव्य विश्राम कक्ष, पुस्तकालय, रसोई व जलपान कक्ष, बैठक कक्ष, स्टोर रूम, वेटिंग रूम, स्टाफ कक्ष, मायावती के अद्भूत विश्राम कक्ष की तस्वीरें खींची। इस बंगले को संजाने में केवल 86 करोड़ रूपये खर्च हुए थे। इस बात का खुलासा समाजावदी पार्टी के वरिष्ठ नेता शिवपाल यादव की आरटीआई से हुआ था। यह जानकारी सामने आने के बाद मायावती पर बीजेपी, सपा और कांग्रेस ने खूब निशाना साधा था।