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Telangana Election 2023: तेलंगाना में ‘कौन किसका यार’ पर गरमाई सियासत, राहुल पीएम मोदी और ओवैसी के बीच वार-पलटवार का दौर

Telangana Election 2023: तेलंगाना के विधानसभा चुनाव में इस बार सियासत इस मुद्दे को लेकर गरमाई हुई है कि केसीआर और असदुद्दीन ओवैसी आखिरकार किसके यार हैं। इस मुद्दे को लेकर राज्य की सियासत में वार और पलटवार का दौर तेज हो गया है।

Anshuman Tiwari
Written By Anshuman Tiwari
Published on: 27 Nov 2023 5:07 PM IST
Round of politics, attack and counter attack continues between Rahul, PM Modi and Owaisi regarding assembly elections in Telangana
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तेलंगाना में विधानसभा चुनाव को लेकर राहुल पीएम मोदी और ओवैसी के बीच सियासत, वार-पलटवार का दौर जारी: Photo- Social Media

Telangana Election 2023: तेलंगाना के विधानसभा चुनाव में इस बार सियासत इस मुद्दे को लेकर गरमाई हुई है कि केसीआर और असदुद्दीन ओवैसी आखिरकार किसके यार हैं। इस मुद्दे को लेकर राज्य की सियासत में वार और पलटवार का दौर तेज हो गया है। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने रविवार को तेलंगाना में बड़ा बयान देते हुए कहा कि पीएम मोदी के दो यार,ओवैसी और केसीआर। उधर, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तेलंगाना की चुनावी सभाओं में कहा कि बीआरएस और कांग्रेस एक दूसरे के कार्बन कॉपी हैं और केसीआर का मतलब कांग्रेस ही है क्योंकि केसीआर विचार और दृष्टिकोण में पूरी तरह कांग्रेसी हैं।

दूसरी ओर एआईएमआईएम के मुखिया असदुद्दीन ओवैसी ने राहुल गांधी के बयान पर पलटवार करते हुए राहुल गांधी के सिर्फ दो ही प्यार हैं,इटली और मोदी। मजे की बात यह है कि एक दिन पूर्व अमित शाह ने भी कहा था कि चुनाव के बाद केसीआर,कांग्रेस और ओवैसी सब एक ही मंच पर इकट्ठा हो जाएंगे। इस तरह तेलंगाना की सियासत इस मुद्दे को लेकर ही गरमा गई है कि आखिरकार कौन किसका यार है। माना जा रहा है कि चुनावी शोर थमने तक इस मुद्दे को लेकर वार-पलटवार का दौर और तेज हो जाएगा।

प्रचार के आखिरी दौर में तीखे हुए हमले

दरअसल तेलंगाना के विधानसभा चुनाव में इस बार कांग्रेस और केसीआर की पार्टी के बीच कड़ा मुकाबला हो रहा है। भाजपा भी पूरी ताकत लगाकर मुकाबले को त्रिकोणीय बनाने की कोशिश में जुटी हुई है। उधर ओवैसी भी विधानसभा के कुछ सीटें झटकने की कोशिश में जुटे हुए हैं।

चुनाव प्रचार के आखिरी दौर में पहुंचने के बाद सियासी दलों ने एक-दूसरे पर हमले काफी तेज कर दिए हैं। सभी दलों के दिग्गज नेता एक-दूसरे पर मिलीभगत का आरोप लगाते हुए यह बताने की कोशिश में जुटे हुए हैं कि आखिर कौन किसका यार है।

राहुल ने बताई मोदी और ओवैसी की यारी

सबसे पहले कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और ओवैसी की यारी बताते हुए उनके साथ केसीआर को भी जोड़ने की कोशिश की। तेलंगाना में चुनाव प्रचार के लिए पहुंचे राहुल गांधी ने आदिलाबाद की चुनावी सभा में कहा कि पीएम मोदी के हैं दो यार,ओवैसी और केसीआर।

राहुल गांधी ने यह भी कहा कि केसीआर दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मदद करने में जुटे रहते हैं। इसके जरिए राहुल गांधी ने यह साबित करने की कोशिश की कि कांग्रेस अपनी अलग सोच और अपने दम पर चुनावी अखाड़े में उतरी है जबकि बाकी सभी सियासी दलों ने अंदरखाने मिलीभगत कर रखी है।

Photo- Social Media

पीएम मोदी ने केसीआर-कांग्रेस को बताया एक

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी इन दिनों तेलंगाना में धुआंधार चुनाव प्रचार करने में जुटे हुए हैं। मेडक में चुनावी सभा को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने बीआरएस और कांग्रेस दोनों पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि तेलंगाना के लोग दोनों को अलग न समझें। वास्तविकता में दोनों एक ही हैं। सच्चाई तो यह है कि दोनों ही पार्टियों एक-दूसरे की कार्बन कॉपी हैं। भ्रष्टाचार, तुष्टिकरण और परिवारवाद दोनों की असली पहचान है। चुनावी सभा के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने यह नारा भी दिया कि कांग्रेस और केसीआर एक समान,दोनों से रहो सावधान।

प्रधानमंत्री मोदी ने सोमवार को महबूबनगर की जनसभा के दौरान भी कांग्रेस और केसीआर दोनों पर तीखा हमला बोला। उन्होंने कहा कि तेलंगाना को बर्बाद करने में इन दोनों ही दलों का हाथ है। उन्होंने कहा कि केसीआर ने राज्य में जितने भी भ्रष्टाचार किए हैं,उन सभी मामलों की जांच कराई जाएगी।

ये भी पढ़ें: Telangana Election 2023: तेलंगाना को फार्महाउस सीएम की आवश्यकता नहीं, महबूबाबाद की रैली में केसीआर पर बरसे पीएम मोदी

इस बार केसीआर को मिल रही कड़ी चुनौती

तेलंगाना में 30 नवंबर को मतदान होने वाला है। 2018 के विधानसभा चुनाव के दौरान केसीआर ने ताकत दिखाते हुए राज्य की 88 सीटों पर जीत हासिल की थी जबकि कांग्रेस 19 सीटों पर सिमट गई थी। वैसे इस बार सियासी माहौल बदला हुआ है क्योंकि केसीआर को कांग्रेस की ओर से बड़ी चुनौती मिल रही है।

पिछले चुनाव में ओवैसी की पार्टी ने 7 सीटों पर जीत हासिल की थी जबकि भाजपा सिर्फ एक सीट पर सिमट गई थी। इस बार भी ओवैसी राज्य की कुछ सीटें जीतने के लिए पूरी ताकत लगाए हुए हैं जबकि भाजपा कांग्रेस और केसीआर को चुनौती देते हुए मुकाबले को त्रिकोणीय बनाने की कोशिश में जुटी हुई है।



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Shashi kant gautam

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