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Samajwadi Party In MP Election: MP में सपा का बेहद खराब प्रदर्शन, अखिलेश के जोरदार प्रचार का नहीं दिखा असर, किसी भी सीट पर दूसरे नंबर पर भी नहीं, नोटा से भी कम वोट

Samajwadi Party In MP Election: नई दिल्ली मध्य प्रदेश के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के साथ ही समाजवादी पार्टी को भी करारा झटका लगा है। सपा मुखिया अखिलेश यादव की ओर से धुआंधार प्रचार करने के बावजूद सपा का प्रदेश में खाता नहीं खुल सका।

Anshuman Tiwari
Written By Anshuman Tiwari
Published on: 4 Dec 2023 2:00 PM GMT
In Madhya Pradesh assembly elections, Samajwadi Party did not even come second on any seat, Akhileshs campaign did not get any benefit
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मध्य प्रदेश के विधानसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी किसी भी सीट पर दूसरे नंबर पर भी नहीं, अखिलेश के प्रचार का नहीं मिला कोई फायदा: Photo- Social Media

Samajwadi Party In MP Election: नई दिल्ली मध्य प्रदेश के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के साथ ही समाजवादी पार्टी को भी करारा झटका लगा है। सपा मुखिया अखिलेश यादव की ओर से धुआंधार प्रचार करने के बावजूद सपा का प्रदेश में खाता नहीं खुल सका। खाता खोलने की बात तो दूर पार्टी किसी भी विधानसभा क्षेत्र में दूसरे नंबर पर भी नहीं पहुंच सकी।

मध्य प्रदेश के विधानसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी ने इस बार अब तक का सबसे खराब प्रदर्शन किया है। पार्टी को महज 0.46 फीसदी मत हासिल हो सके हैं। एक और उल्लेखनीय बात यह भी है कि सपा को नोटा से भी कम वोट मिले हैं। वैसे मध्य प्रदेश की चार विधानसभा सीटों पर सपा प्रत्याशियों के कारण कांग्रेस की हार जरूर हो गई। इन सभी सीटों पर भाजपा प्रत्याशियों ने जीत हासिल की है।

चार सीटों पर सपा ने कांग्रेस को हरवाया

मध्य प्रदेश के विधानसभा चुनाव में इस बार समाजवादी पार्टी और कांग्रेस के बीच सीटों को लेकर तालमेल नहीं हो सका था। दोनों दलों के नेताओं के बीच कई दौर की बातचीत चली मगर यह बातचीत अंजाम तक नहीं पहुंच सकी। इसे लेकर दोनों दलों के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर भी चला था। उत्तर प्रदेश में भी इसे लेकर दोनों दलों के बीच तीखी बयानबाजी हुई थी। उत्तर प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष अजय राय का कहना था कि मध्य प्रदेश में सपा की कोई औकात नहीं है जिस पर सपा नेताओं ने तीखा हमला बोला था।

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बाद में राहुल गांधी के हस्तक्षेप के कारण दोनों दलों के बीच बयानबाजी थम सकी थी। वैसे कांग्रेस और सपा के बीच तालमेल न हो पाने का असर मध्य प्रदेश की चार सीटों पर दिखा है। सपा प्रत्याशियों की वजह से बहोरीबंद,चंदला,जतारा और निवाड़ी में कांग्रेस को नुकसान उठाना पड़ा और इन सभी सीटों पर भाजपा ने बाजी मार ली।

अखिलेश का प्रचार भी नहीं आया काम

कांग्रेस से बातचीत फेल होने के बाद समाजवादी पार्टी ने इस बार मध्य प्रदेश की 69 विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़ा था। अपनी पार्टी के प्रत्याशियों की चुनावी संभावनाएं मजबूत बनाने के लिए सपा मुखिया अखिलेश यादव ने करीब 24 रैलियां की थीं। इसके अलावा उन्होंने रोड शो और रथयात्रा भी की थी। उनकी पत्नी और मैनपुरी से सांसद डिंपल यादव ने भी कुछ रेलिया के साथ ही रोड शो में भी हिस्सा लिया था।

इसके बावजूद सपा प्रत्याशियों का प्रदर्शन अपेक्षा के अनुरूप नहीं रहा। सपा ने जिन 69 सीटों पर चुनाव लड़ा था,उनमें से 45 सीटों पर पार्टी प्रत्याशियों को एक हजार से भी कम वोट हासिल हुए। 50 से ज्यादा प्रत्याशियों की जमानत तक जब्त हो गई। कोई भी सपा प्रत्याशी दूसरे नंबर पर पहुंचने में भी कामयाब न हो सका। सपा प्रत्याशियों का इतना निराशाजनक प्रदर्शन इसलिए भी चौंकाने वाला है क्योंकि सपा मुखिया अखिलेश यादव ने उत्तर प्रदेश से बाहर पहली बार इतनी ज्यादा मेहनत की थी।

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अब तक का सबसे खराब प्रदर्शन

यदि पहले के चुनावों को देखा जाए तो सपा का इस बार का प्रदर्शन सबसे खराब रहा है। उत्तर प्रदेश से बाहर मध्य प्रदेश में ही सपा को सबसे अधिक समर्थन मिलता रहा है। 1998 के विधानसभा चुनाव में सपा ने 1.58 फीसदी मतों के साथ चार सीटों पर जीत हासिल की थी। 2007 में पार्टी को 3.7 फ़ीसदी मत हासिल हुए थे। 2008 और 2018 में पार्टी को एक-एक सीट पर कामयाबी मिली थी।

इन दोनों चुनाव में पार्टी को क्रमशः 1.9 और 1.3 फ़ीसदी वोट हासिल हुए थे। 2013 में पार्टी किसी भी सीट पर जीत नहीं हासिल कर सकी थी मगर तब भी पार्टी को 1.2 फीसदी वोट मिले थे मगर इस बार पार्टी का वोट शेयर 0.46 फीसदी रहा है। इससे समझा जा सकता है कि इस बार पार्टी का प्रदर्शन कितना निराशाजनक रहा है।

Shashi kant gautam

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