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बिहार में महागठबंधन की सरकार बनने की संभावना, झारखंड राजद में खुशी की लहर
झारखंड में राजद की प्रदेश महासचिव एवं पार्टी की प्रदेश प्रवक्ता स्मिता लकड़ा की मानें तो बिहार चुनाव को लेकर पार्टी शुरू से कॉन्फिडेंट रही है। बिहार की जनता नीतिश कुमार की सरकार से त्रस्त है।
रांची: तमाम एगजिट पोल में बिहार में महागठबंधन को बढ़त दिखाया गया है। राजद, कांग्रेस और माले के गठबंधन को बहुमत मिलने की संभावना जताई जा रही है। तेजस्वी यादव के आगे तमाम बड़े चेहरे फीका नज़र आ रहे हैं। ऐसे में झारखंड राजद में भी खुशी की लहर देखी जा रही है। पार्टी का मानना है कि, इस बार तेजस्वी यादव के नेतृत्व में यूपीए की सरकार बनना तय है। झारखंड में भी आरजेडी सत्ता की हिस्सेदार है। पार्टी कोटे से एक विधायक को मंत्री बनाया गया है। झारखंड के पड़ोसी राज्य बिहार में भी यूपीए की सरकार बनने से पार्टी खुद को मज़बूत बता रही है।
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राजद महासचिव का दावा
झारखंड में राजद की प्रदेश महासचिव एवं पार्टी की प्रदेश प्रवक्ता स्मिता लकड़ा की मानें तो बिहार चुनाव को लेकर पार्टी शुरू से कॉन्फिडेंट रही है। बिहार की जनता नीतिश कुमार की सरकार से त्रस्त है। खासकर युवा बेरोज़गारी को लेकर सरकार बदलने के मूड में हैं। एगजिट पोल के आंकड़े साबित कर रहे हैं राजद का आकलन सही रहा है। इसबार तेजस्वी यादव का मुख्यमंत्री बनना तय है।
smita-lakra-RJD (Photo by social media)
महागठबंधन की हिस्सेदार है राजद
झारखंड विधानसभा चुनाव में भी राजद ने यूपीए के बैनर तले चुनाव लड़ा। पार्टी को महागठबंधन के साथ चुनाव लड़ने का फायदा हुआ और राजद आज सत्ता की हिस्सेदार है। आरजेडी ने 07 सीटों पर उम्मीदवार उतारे थे लेकिन मात्र चतरा सीट पर पार्टी को कामयाबी मिली। यूपीए गठजोड़ के साथ लड़ने के कारण पार्टी को एक मंत्री पद भी दिया गया। झारखंड के श्रम मंत्री सत्यानंद भोगता राजद कोटे से मंत्री हैं। लिहाज़ा, झारखंड में मिली जीत से सबक लेते हुए बिहार में भी महागठबंधन को मज़बूत बनाया गया।
लालू प्रसाद के ज़ोर से बना था महागठबंधन
झारखंड में लालू प्रसाद यादव के ज़ोर से महागठबंधन अस्तित्व में आया था। झारखंड राजद ज्यादा सीटों की मांग पर अड़ा था लेकिन लालू के कारण पार्टी ने मात्र 07 सीटों पर समझौता करते हुए साथ चुनाव लड़ा। झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन का लालू प्रसाद यादव से घनिष्ठ संबंध हैं। लिहाजा, दोनों की सहमति से झारखंड में महागठबंधन को मज़बूती मिली। ऐसे में बिहार में अगर यूपीए की सरकार बनती है तो ये संबंध और मज़बूत होंगे।
jharkhand-cm (Photo by social media)
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बिहार चुनाव में झामुमो को नहीं मिली तवज्जो
लालू प्रसाद यादव और हेमंत सोरेन के बीच गहरे संबंध के बावजूद बिहार चुनाव में झामुमो को सीट नहीं दी गई। यूपीए के बैनर तले जेएमएम ने चुनाव लड़ने की तैयारी की थी लेकिन राजद की तरफ से पर्याप्त सीटें नहीं दी गईं। लिहाज़ा, झामुमो ने अपने प्रभाव वाली सीटों पर अकेले चुनाव लड़ा। सीटों पर समझौता नहीं होने से झामुमो नाराज़ भी हुआ और इसे राजद की राजनीतिक मक्कारी तक कहा।
शाहनवाज़
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