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नक्सलियों से मोर्चा लेने के लिए तैनात गर्भवती कमांडर की कहानी जान रह जाएंगे दंग

अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर हम आपको उस 8 महीने की गर्भवती महिला के बारे में बताते हैं जो एके 47 हाथ में लिए, सामान से भरा करीब 15 से 20 किलो का बैग कंधों पर लटकाकर नक्सलियों से लोहा लेने के लिए जंगलों में मिकलती है।

Dharmendra kumar
Published on: 8 March 2020 8:12 PM IST
नक्सलियों से मोर्चा लेने के लिए तैनात गर्भवती कमांडर की कहानी जान रह जाएंगे दंग
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नई दिल्ली: छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित दंतेवाड़ा में नक्सलियों से मोर्चा लेने के लिए तैनात एक महिला कैडेट की कहानी जानकर आप दंह रह जाएंगे। अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर हम आपको उस 8 महीने की गर्भवती महिला के बारे में बताते हैं जो एके 47 हाथ में लिए, सामान से भरा करीब 15 से 20 किलो का बैग कंधों पर लटकाकर नक्सलियों से लोहा लेने के लिए जंगलों में मिकलती है।

दरअसल दंतेवाड़ा पुलिस ने मई 2019 में महिला पुलिसकर्मी और सरेंडर महिला नक्सलियों की एक संयुक्त टीम बनाई। डीआरजी (डिस्ट्रिक्ट रिजर्व गार्ड्स) के तहत काम करने वाली टीम को 'दंतेश्वरी फाइटर्स' का नाम दिया गया। यह टीम नक्सल ऑपरेशन के लिए जंगलों में जाती है और जरूरत पड़ने पर नक्सलियों से मुठभेड़ भी करती है। कांस्‍टेबल सुनैना पटेल डीआरजी की इस स्पेशल टीम की स्पेशल मेंबर हैं।

डीआरजी दंतेश्वरी फाइटर्स की जांबाज महिला कमांडो सुनैना पटेल महिला सशक्तिकरण की सबसे बड़ी मिसाल हैं। काम का इतना जुनून है कि 8 महीने की गर्भवती होने के बावजूद वह नक्सलियों से लोहा लेने बेखौफ होकर टीम के साथ जंगलों में चल पड़ती हैं। गर्भवती होने के बाद भी सुनैना ने इस काम को नहीं छोड़ा बल्कि गर्भावस्था में ज्यादा काम किया।

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सुनैना पटेल भारी भरकम बोझ कंधों पर लटकाकर नदी, नालों, जंगल, पहाड़ों को पार कर पैदल कई किलोमीटर चलकर नक्सल ऑपरेशन में शामिल होती रही हैं। जब सुनैना की बहादुरी का पता लोगों को चला तो उनकी हर कोई तारीफ कर रहा है। साथी महिला कमांडोज ने कहा कि सुनैना को अगर बेटी हुई तो हम उसे दंतेश्वरी फाइटर्स ही कहेंगे।

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तो वहीं सुनैना का कहना है कि डीआरजी टीम गठित होने के करीब एक महीने बाद वह गर्भवती हो गई थीं। उन्होंने अधिकारियों को इस बात की जानकारी नहीं दी, क्योंकि वह नक्सल ऑपरेशन पर जाना चाहती थीं। अगर अधिकारियों को उनके गर्भवती होने की जानकारी दी जाती तो नक्सल ऑपरेशन पर जाने से रोका जा सकता था। सुनैना ने बताया कि करीब साढ़े 6 महीने बाद अधिकारियों को उनके गर्भवती होने की जानकारी दी गई।

सुनैना ने बताया कि अब भी जहां भेजें वहां जाने को तैयार हूं। एसपी डॉ अभिषेक पल्लव ने भी सुनैना की जमकर तारीफ की। उन्होंने कहा कि वह इस टीम की काफी तेज तर्रार महिला कमांडो हैं। काम करने का जुनून है। जब उनके गर्भवती होने का पता चला तो स्वास्थ्य का ख्याल रखते हुए ऑपरेशन पर भेजना बंद किया।

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दंतेवाड़ा के एसपी डॉ अभिषेक पल्लव ने कहा कि सुनैना को पहले एक बार गर्भपात हुआ था, जब वह गश्त कर रही थीं। वह अभी भी अपने कर्तव्यों का निर्वहन कर रही हैं और उन्होंने कई महिलाओं को प्रेरित किया है। जब से उन्होंने कमांडर के रूप में कार्यभार संभाला है, हमारे बल में महिला कमांडो की संख्या दोगुनी हुई है।



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