×

5 साल की बच्ची का कमाल: बनाया ये विश्व रिकॉर्ड, जानकर आप हो जाएंगे हैरान

इस प्रतिभा को विश्व रिकॉर्डस इंडिया बुक में सबसे कम उम्र के बच्चों को दिए जाने वाले पुरस्कार से सम्मानित किया गया। प्रेशा हाल ही में अपने माता-पिता के साथ यात्रा पर थीं।

suman
Published on: 8 Jan 2021 9:06 AM IST
5 साल की बच्ची का कमाल: बनाया ये विश्व रिकॉर्ड, जानकर आप हो जाएंगे हैरान
X
5 साल की बच्ची ने 4.17 मिनट में पहचाने 150 देशों के झंडे, बना रिकॉर्ड

जयपुर: कहते प्रतिभा किसी की मोहताज नहीं होती है। विद्वान के पांव पालने में ही दिख जाते हैं। जहां कोरोना काल में लगे लॉक़डाउन में पूरी दुनिया तनाव और परेशानी को महामारी के साथ झेल रही थी। उसी समय कुछ लोगों की प्रतिभा उभर कर सामने आई। इस दौरान प्रतिभाशाली बच्चों की प्रतिभा उभरकर सामने आई है। इनमें एक 5 साल की बच्ची प्रेशा खेमानी है जिसने सिर्फ 4 मिनट और 17 सेकंड में 150 देशों के झंडे पहचाने और उनके नाम व राजधानी बताकर विश्व रिकॉर्ड बनाया।

प्रेशा मूल रूप से उज्जैन की रहने वाले हैं। उसके पिता भरत पुणे में चार्टर्ड एकाउंटेंट हैं। इस प्रतिभा को विश्व रिकॉर्डस इंडिया बुक में सबसे कम उम्र के बच्चों को दिए जाने वाले पुरस्कार से सम्मानित किया गया। प्रेशा हाल ही में अपने माता-पिता के साथ यात्रा पर थीं।अभी हाल में ही प्रेशा जयपुर आई थी।

यह पढ़ें...बर्ड फ्लू से मचा हाहाकार: देश के कई राज्यों में अलर्ट, इन जिलों में चिकन मार्केट बंद

प्रेशा की गहरी रुचि

प्रेशा की मां संगीता ने बताया, 'हमारे दोस्तों ने भूगोल और विभिन्न राष्ट्रों के झंडों में प्रेशा की गहरी रुचि को देखते हुए उसे एक किताब भेंट की। उन्होंने कहा कि, प्रेशा ने देशों का प्रतिनिधित्व करने वाले रंगीन झंडों में गहरी रुचि दिखाई और मुझसे उन देशों के बारे में पूछना जारी रखा। उसने देश और उनकी राजधानियों के नाम सुनकर याद रखा और उन देशों के झंडों को भी पहचानने का अभ्यास करती रही।

presha

यह पढ़ें....कोरोना वैक्सीनेशन से पहले बड़ी तैयारी, देश के 736 जिलों में आज ड्राइ रन

प्रेशा के पिता भरत ने बताया, 'प्रेशा ने सात सप्ताह के लॉकडाउन के दौरान, लगभग 150 देशों, उनकी राजधानियों और उनके झंडों के बारे में अच्छी तरह से सीखा। सातवें सप्ताह में वह दुनिया के सात महाद्वीपों में स्थित विभिन्न देशों के नाम और राजधानियों के साथ उनके झंडे को पूरी तरह से याद कर लिया।

आगे की रणनीति

अब प्रेशा का लक्ष्य विभिन्न राष्ट्रों की मुद्राओं, भाषाओं और प्रधानमंत्रियों/राष्ट्रपतियों के नाम सीखना है। उसने कहा, 'अब मैं जल्द ही दुनियाभर के देशों की मुद्राओं, भाषाओं और नेताओं के बारे में जानूंगी। जिस उम्र में बच्चे खेलते है, चॉकलेट की जिद्द करते हैं उस उम्र में प्रेशा का कमाल सराहनीय है।जो उसके शानदार भविष्य को दिखा रहा है।



suman

suman

Next Story