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बिश्केकः PM मोदी और शी जिनपिंग के बीच मुलाकात, पाक और आतंक पर हुई बात
शंघाई कॉरपोरेशन ऑर्गनाइजेशन (एससीओ) के शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बिश्केक पहुंचे हैं। यह शिखर सम्मेलन 13 और 14 जून को आयोजित होगा।
बिश्केक: शंघाई कॉरपोरेशन ऑर्गनाइजेशन (एससीओ) के शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बिश्केक पहुंचे हैं। यह शिखर सम्मेलन 13 और 14 जून को आयोजित होगा। इस दौरान पीएम मोदी के कई देशों के नेताओं के साथ द्विपक्षीय वार्ता करेंगे और भारत की रणनीति में मध्य एशिया के महत्व को हाईलाइट करेंगे।
इसी कड़ी में एससीओ सम्मेलन के इतर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग से मुलाकात की है। इस बीच दोनों राष्ट्रपमुखों के बीच द्विपक्षीय वार्ता हुई है।
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दोनों नेताओं के बीच हुई बातचीत की जानकारी देते हुए विदेश सचिव विजय गोखले ने बताया कि पीएम और राष्ट्रपति शी विशेष तौर पर इसके लिए सहमत हुए हैं कि दोनों देशों को इन संबंधों से और बेहतर उम्मीदें हैं।
विदेश मंत्रालय ने कहा कि दोनों देशों ने माना है कि अगला साल भारत-चीन के लिए महत्वपूर्ण है, अगले साल दोनों देशों के बीच कूटनीतिक संबंध के 70 साल पूरे हो रहे हैं। मंत्रालय की तरफ से कहा गया कि आज की बैठक में ट्रेड डेफिसिट के बारे में भी चर्चा हुई।
दोनों नेता वुहान समिट की सफलता को लेकर भी सहमत हुए। इसी कड़ी में पीएम मोदी ने राष्ट्रपति शी को अगली अनौपचारिक समिट के लिए भारत आने का निमंत्रण दिया है। राष्ट्रपति शी इसी साल भारत के दौरे पर आएंगे। इस दौरान पीएम मोदी के साथ राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल भी मौजूद थे।
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इस बैठक में पीएम मोदी ने चाइनीज प्रेजिडेंट शी चिनफिंग से आतंकवाद को लेकर पाकिस्तान के रवैये पर चर्चा हुई। चीन के प्रेजिडेंट को बताया गया कि इस मुद्दे पर पाकिस्तान ने कोई ठोस कदम नहीं उठाया है। नवंबर में भारत-चीन के बीच अनौपचारिक द्विपक्षीय वार्ता होगा, इसकी जगह और समय का अभी फैसला नहीं हुआ है।
गोखले ने बताया, 'पीएम मोदी ने कहा कि यह दोनों देशों के बीच बेहतर हो रहे संबंधों का ही नतीजा है कि लंबे समय से पेंडिंग पड़े मुद्दों को सुलझा लिया गया है। इनमें बैंक ऑफ चाइना की भारत में ब्रांच खोलने और मसूद अजहर को वैश्विक आतंकी लिस्ट में शामिल करने के मुद्दे प्रमुख हैं।'