×

गई लाखों नौकरियां: परिवार पर छाए संकट के बादल, सरकार ने किया अनदेखा

देश में कोरोना वायरस महामारी के चलते लंबे समय तक लॉकडाउन के लगे रहने से तमाम काम-धंधों पर काफी ज्यादा बुरा असर पड़ा है। लॉकडाउन से प्राइवेट बसों और टूरिस्ट टैक्सी सर्विसेज में काम करने वाले लगभग 20 लाख लोगों की नौकरी जा चुकी है।

Vidushi Mishra
Published on: 21 Jun 2020 4:26 PM IST
गई लाखों नौकरियां: परिवार पर छाए संकट के बादल, सरकार ने किया अनदेखा
X

नई दिल्ली। देश में कोरोना वायरस महामारी के चलते लंबे समय तक लॉकडाउन के लगे रहने से तमाम काम-धंधों पर काफी ज्यादा बुरा असर पड़ा है। लॉकडाउन से प्राइवेट बसों और टूरिस्ट टैक्सी सर्विसेज में काम करने वाले लगभग 20 लाख लोगों की नौकरी जा चुकी है। ऐसे में बस एंड कार ऑपरेटर्स कॉन्फेडरेशन ऑफ इंडिया (BOCI) ने अपनी बात रखी है। BOCI का कहना है कि वह 20 हजार ऑपरेटर्स का प्रतिनिधित्व करता है जो 15 लाख बस व मैक्सी-कैब्स और 11 लाख टूरिस्ट टैक्सी ऑपरेट करते हैं।

ये भी पढ़ें... तिलमिला रहा चीन: इसलिए कर रहा ऐसी हरकतें, सामने आई सबसे बड़ी वजह

कर्मचारियों की सैलरी बड़ी समस्या

इसके साथ ही BOCI ने ये भी दावा किया है कि इसमें लगभग 1 करोड़ लोग डायरेक्ट नौकरी करते हैं। अब इस कॉन्फेडरेशन ने सरकार के सामने अपनी परेशानी रखी है। इसकी मांग है कि टैक्स और लोन पर ब्याज की छूट मिले, क्योंकि इनमें से अधिकतर बंद होने की कगार पर हैं।

इसी के चलते BOCI अध्यक्ष प्रसन्ना पटवर्धन ने कहा, 'लॉकडाउन के दौरान हमारे 90 प्रतिशत वाहन रोड पर नहीं थे। कंपनियों में कॉन्ट्रैक्ट के चलते बहुत कम संख्या में बस ऑपरेट कर रहे थे, जबकि कुछ प्रवासी मजदूरों को ट्रांसपोर्ट करने में लगे थे। अब​ बिजनेस नहीं होने से मेंबर्स को अपने कर्मचारियों की सैलरी देने के लिए भी संघर्ष करना पड़ रहा है।'

ये भी पढ़ें...भारत को तगड़ा झटका: अमेरिका लेने जा रहा ये फैसला, देश को होगा भारी नुकसान

प्राइवेट बस और कैब ऑपरेटर्स की मदद

आगे उन्होंने कहा कि अब तक करीब 15 से 20 लाख की नौकरी जा चुकी है। बाकी बचे कर्मचारियों की नौकरी पर भी खतरा मंडरा रहा है। सरकार को प्राइवेट बस और कैब ऑपरेटर्स की मदद करनी चाहिए।

अध्यक्ष पटवर्धन ने कहा, सितंबर के बाद से जब रिजर्व बैंक का लोन मोरेटोरियम पीरियड खत्म हो जाएगा और इसके बाद ऑपरेटर्स लोन की EMI (ईएमआई) जमा करने में असमर्थ होंगे, तभी सबसे बड़ी समस्या खड़ी हो सकती है।

ऐसे में सरकार से मदद की आशा करते हुए उन्होंने कहा कि मोटर व्हीकल टैक्स नहीं वूसला जाए, डीज़ल पर छूट दी जाए और एक शहर से दूसरे शहर जाने के लिए टोल टैक्स नहीं वसूला जाए।

ये भी पढ़ें...चीन का गंदा खेल: दुनिया के कई देशों पर शासन, तंगी से जूझ रहे सभी

इंश्योरेंस काफी खर्चीला

साथ ही लॉकडाउन की अवधि की भरपाई करते हुए हमारी इंश्योरेंस पॉलिसी को कम से कम 3 महीने के लिए बढ़ाया जाए। इंश्योरेंस काफी खर्चीला काम है। बसों के लिए तो यह 50 हजार रुपये से लेकर 2 लाख रुपये तक का होता है।

इसके अलावा अध्यक्ष पटवर्धन ने वाहन लोन पर ब्याज को लेकर सरकार से हस्तक्षेप करने की मांग की है। उन्होंने कहा कि बैंकों को कम से कम 3 से 6 महीने के लिए ब्याज से राहत देनी चाहिए।

मोरेटोरियम पीरियड के दौरान उन्हें कोई ब्याज नहीं वसूलना चाहिए। सितंबर से ईएमआई तो शुरू हो जाएगी लेकिन, बिजनेस अचानक से अच्छी स्थिति में नहीं पहुंच पायेगा। आगे भी काफी दिक्कते होंगी।

वहीं BOCI के अनुसार, कई योजनाओं की मदद से केंद्र सरकार ने मंद पड़ी अर्थव्यवस्था को बूस्ट करने के लिए कई कदम उठाए हैं। लेकिन पब्लिक ट्रांसपोर्ट सेक्टर के लिए सरकार ने कोई योजना नहीं बनाई।

ये भी पढ़ें...चीन की हालत खराब: तैनात हुए महाबलवान चिनूक और अपाचे, हाई-अलर्ट पर सेना

देश दुनिया की और खबरों को तेजी से जानने के लिए बनें रहें न्यूजट्रैक के साथ। हमें फेसबुक पर फॉलों करने के लिए @newstrack और ट्विटर पर फॉलो करने के लिए @newstrackmedia पर क्लिक करें



Vidushi Mishra

Vidushi Mishra

Next Story