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निजी कंपनी कर रही है पांच सौ रुपये में कोरोना टेस्ट तो सरकारों की क्या मजबूरी

कंपनी ने गुरुवार को घोषणा में कहा है कि वह यह जांच सुविधा को पहले देश के दो सबसे ज्यादा प्रभावित शहरों मुंबई और दिल्ली में शुरू कर रही है। उसका दावा है कि यह देश में कोरोना वायरस जांच की सबसे सस्ती सुविधा है।

Newstrack
Published on: 12 March 2021 12:03 PM IST
निजी कंपनी कर रही है पांच सौ रुपये में कोरोना टेस्ट तो सरकारों की क्या मजबूरी
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निजी कंपनी कर रही है पांच सौ रुपये में कोरोना टेस्ट तो सरकारों की क्या मजबूरी (PC: social media)

रामकृष्ण वाजपेयी

लखनऊ: एक खबर आई है कि विमान कंपनी स्पाइसजेट की स्वास्थ्य सेवा इकाई स्पाइसहेल्थ आम जनता के लिए भी कोविड-19 जांच आरटी-पीसीआर (रियल टाइम रिवर्स ट्रांसक्रिप्शन पॉलीमरेज चैन रिएक्शन) जांच की सुविधा किफायती दर पर शुरू करने जा रही है।

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देश में कोरोना वायरस जांच की सबसे सस्ती सुविधा है

कंपनी ने गुरुवार को घोषणा में कहा है कि वह यह जांच सुविधा को पहले देश के दो सबसे ज्यादा प्रभावित शहरों मुंबई और दिल्ली में शुरू कर रही है। उसका दावा है कि यह देश में कोरोना वायरस जांच की सबसे सस्ती सुविधा है।

corona corona (PC: social media)

सिर्फ 499 रुपये में आरटीपीसीआर के जरिए कोरोना टेस्ट करेगी

इससे पहले 24 नवंबर 2020 को भी जब पूरे देश में फिर से कोरोना वायरस ने दस्तक दी थी। उस समय भी स्पाइसहेल्थ ने बड़े जोर शोर से इस सुविधा को शुरू करने का एलान किया था। कंपनी ने उस समय भी यही कहा था कि सिर्फ 499 रुपये में आरटीपीसीआर के जरिए कोरोना टेस्ट करेगी।

कंपनी ने उस समय ये भी दावा किया था कि वो सैंपल लेने के 6 घंटे के भीतर मरीज को रिपोर्ट सौंप देगी। यानी 24-48 घंटे के बजाय 6 घंटे में रिपोर्ट मिल जाएगी।

सबसे सस्ती और सबसे तेज RT-PCR टेस्ट सुविधा के लिए जेनस्टोर से पार्टनरशिप किया है

स्पाइस हेल्थ ने उस समय कहा था कि उसने देश में सबसे सस्ती और सबसे तेज RT-PCR टेस्ट सुविधा के लिए जेनस्टोर से पार्टनरशिप किया है। यह भी कहा गया था कि स्पाइसहेल्थ ने मेक-इन-इंडिया के पहल के रूप में इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च के साथ एक समझौता ज्ञापन पर साइन किया है।

एक दिन में 3000 लोगों की जांच की जा सकेगी

कंपनी ने कहा था कोरोना टेस्ट करने के लिए पहली बार दिल्ली के ICMR, AIIMS में एक लैब बनाई गई है। इस लैब के जरिए के एक दिन में 3000 लोगों की जांच की जा सकेगी। ये टेस्ट राज्य सरकार और केंद्र सरकार के सहयोग से किए जाएंगे। कंपनी ने आगे कहा है कि टेस्ट किट और लैब को ICMR ने प्रमाणित किया है। मोबाइल लैब यानी चलती फिरती लैब भी बनाई गई है। जिसमें कोरोना टेस्ट किए जा सकेंगे।

कंपनी ने अपनी नई रिलीज में कोई डाटा भी नहीं दिया है

सवाल ये उठता है कि जब कंपनी पिछले साल नवंबर में ही इस सेवा को शुरू करने का एलान कर चुकी थी तो अब दोबारा उसे ऐसा दिखावा करने की क्या जरूरत पड़ गई। कंपनी ने अपनी नई रिलीज में कोई डाटा भी नहीं दिया है कि उसने अब तक कितने लोगों की जांच की है।

इसके अलावा सवाल यह भी है कि जब एक प्राइवेट कंपनी 499 और हवाई यात्रा करने वालों को 299 में ये जांच की सुविधा देने का एलान कर सकती है तो फिर राज्यों में निजी क्षेत्र में यह जांच अधिक कीमतों में क्यों की जा रही है। राज्य सरकारों की ऐसी क्या मजबूरी है कि वह निजी क्षेत्र की चिकित्सा सुविधाओं पर अंकुश नहीं लगा पा रही हैं।

यूपी में सरकारी स्तर पर आरटीपीसीआर की जांच निशुल्क की जा रही है

यह ठीक है कि यूपी में सरकारी स्तर पर आरटीपीसीआर की जांच निशुल्क की जा रही है लेकिन कई राज्यों में निजी क्षेत्र व सरकारी अस्पतालों में जांच का समान शुल्क लिया जा रहा है। उत्तर प्रदेश में निजी क्षेत्र इस जांच के 700 से 900 रुपये वसूल रहा है और अन्य राज्यों में निजी क्षेत्र के क्लीनिक और अस्पताल 2800 रुपये तक वसूल रहे हैं, केंद्र सरकार इन पर अंकुश क्यों नहीं लगाती।

corona corona (PC: social media)

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हाल के दिनों में कोरोना वायरस के फिर से एक्टिव होने से संक्रमित लोगों के मामले जिस तेजी से बढ़ रहे हैं ऐसे में निजी क्षेत्र में इसकी जांच को सस्ता करना अधिकतम लोगों को जांच के दायरे में लाने में कारगर सिद्ध हो सकता है।

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