×

Indian Railway : पांच साल में चलेंगी 500 प्राइवेट ट्रेनें

seema
Published on: 14 Feb 2020 12:09 PM IST
Indian Railway : पांच साल में चलेंगी 500 प्राइवेट ट्रेनें
X

नई दिल्ली। भारतीय रेलवे अगले पांच साल में ५०० ट्रेनें प्राइवेट ऑपरेटरों के हवाले करने की तैयारी में है। पहले चरण में १५० ट्रेनें प्राइवेट ऑपरेटरों को देने के लिए टेंडर प्रक्रिया चल रही है। इस काम के पूरा हो जाने के बाद ३५० और ट्रेनों को ऑपरेटरों के सुपर्द कर दिया जाएगा। भारतीय रेलवे प्रतिदिन १३ हजार यात्री ट्रेनें चलाती है। अनुमान है कि बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए ३ से ४ हजार और ट्रेनों की जरूरत है। रेलवे का मानना है कि प्राइवेट ट्रेन ऑपरेटरों को साथ लेने से इस मांग को पूरा करने में मदद मिलेगी। इसके अलावा इस सेक्टर में निजी निवेश बढ़ेगा और अंतत: सरकार पर वित्तीय बोझ हल्का होगा। नीति आयोग और रेल मंत्रालय के एक विमर्श पत्र में कहा गया है कि प्राइवेट ट्रेनों के संचालन के लिए २२५०० करोड़ रुपए का निवेश होगा।

यह भी पढ़ें : शिव बाड़ी, जहां द्रोणाचार्य की पुत्री संग बालक बन खेलते थे शिव

पहले चरण में १५० आधुनिक ट्रेनें १०० रूटों पर प्राइवेट ऑपरेटरों द्वारा चलाई जाएंगी। उम्मीद की जा रही है कि ये ऑपरेटर विश्व स्तरीय टेक्रॉलजी और सेवाएं यात्रियों को उपलब्ध कराएंगे। यही नहीं यात्रियों को ट्रेनों की लेटलतीफी से भी छुटकारा मिलेगा।

क्या होगा आगे

प्राइवेट ऑपरेटर ट्रेन तो संचालित करेंगे लेकिन इन्फ्रास्ट्रक्चर, मेंटेनेंस और सुरक्षा का दारोमदार रेलवे पर होगा। प्राइवेट ऑपरेटरों को ट्रेनें लेने, ऑपरेट करने, ट्रेन में यात्रियों को भोजना और मनोरंजन जैसी सुविधाएं देने की अनुमति होगी। रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष विनोद यादव का कहना है कि प्राइवेट ऑपरेटरों के रेक जैसे ही तैयार होंगे वे संचालन शुरू कर सकते हैं। इस पूरी प्रक्रिया में १८ से २४ महीने का वक्त लगेगा।

किराया कंपनी तय करेगी

रेलवे बोर्ड अध्यक्ष के अनुसार, प्राइवेट कंपनियों के बीच रूटों के लिए बोली लगेगी और अंतिम निर्णय रेवेन्यू शेयरिंग मॉडल पर तय होगा। कंपनियों को रेलवे ट्रैक के इस्तेमाल के लिए ६८६ रुपए प्रति किलोमीटर का चार्ज देना होगा। इसके अलावा अपने रेवेन्यू का एक हिस्सा भी शेयर करना होगा। कंपनियों को किराया तय करने की आजादी होगी।

यह भी पढ़ें : पुलवामा के एक साल: हुए हैं कई बदलाव, जानिए क्या हुआ था उस दिन…

अहमदाबाद - राजकोट हाईस्पीड

भारतीय रेलवे की योजना गुजरात में अहमदाबाद-राजकोट के २३० किमी लंबे रूट पर सेमी हाईस्पीड ट्रेन चलाने की है। इस प्रोजेक्ट में रूस की आरजेडडी इंटरनेशनल कंपनी ने रुचि दिखाई है। इस संबंध में कंपनी के अधिकारियों की मुख्यमंत्री विजय रूपाणी के साथ बैठक भी हुई है। आरजेडडी इंटरनेशनल कंपनी का भारतीय रेलवे के साथ रेलवे आधुनिकीकरण और सिगनलिंग का काम रही है।

यूजर चार्ज की तैयारी

रेलवे स्टेशनों पर उपलब्ध जनसुविधाओं के लिए हवाई अड्डों की तरह चार्ज लगाया जाएगा। हवाई यात्रा में यूजर डेवलपमेंट फीस टैक्स का हिस्सा होता है जिसका हवाई यात्री भुगतान करते हैं। यूडीएफ विभिन्न हवाई अड्डों पर लिया जाता है और इसकी दरें विभिन्न पहलुओं पर निर्भर होने की वजह से अलग-अलग होती हैं। नये विकसित रेलवे स्टेशनों पर यूजर चार्ज यात्रियों की संख्या के आधार पर अलग-अलग होगा। रेल मंत्रालय जल्द ही शुल्क के रूप में ले जाने वाली राशि से संबंधित अधिसूचना जारी करेगा। रेलवे बोर्ड अध्यक्ष के अनुसार, 1,296 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत से अमृतसर, नागपुर, ग्वालियर और साबरमती रेलवे स्टेशनों का पुनर्विकास करने के लिए रेलवे ने प्रस्ताव आमंत्रित किए हैं। यानी इन स्टेशनों पर यूजर चार्ज लगेगा।

सरकार ने भारतीय रेलवे स्टेशन पुनर्विकास निगम लिमिटेड के जरिये 2020-2021 में पूरे देश में 50 स्टेशनों के पुनर्विकास के लिए निविदा जारी करने की योजना बनाई है और इसपर 50,000 करोड़ रुपये का निवेश का प्रस्ताव है।



seema

seema

सीमा शर्मा लगभग ०६ वर्षों से डिजाइनिंग वर्क कर रही हैं। प्रिटिंग प्रेस में २ वर्ष का अनुभव। 'निष्पक्ष प्रतिदिनÓ हिन्दी दैनिक में दो साल पेज मेकिंग का कार्य किया। श्रीटाइम्स में साप्ताहिक मैगजीन में डिजाइन के पद पर दो साल तक कार्य किया। इसके अलावा जॉब वर्क का अनुभव है।

Next Story