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पुलवामा के एक साल: हुए हैं कई बदलाव, जानिए क्या हुआ था उस दिन...

आज ही के दिन पिछले साल 14 फरवरी को पुलवामा में सीआरपीएफ (केंद्रीय रिजर्व बल) के काफिले पर हमला किया गया था। इस हमले में सीआरपीएफ के 40 जवान देश के लिए शहीद हो गए थे। खबरों के अनुसार इस हमले के पीछे पाकिस्तान के आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद का हाथ था। भारत ने बदला लेने के लिए पाकिस्तान के बालाकोट स्ठित जैश कैंप पर हमला किया।

suman
Published on: 14 Feb 2020 7:56 AM IST
पुलवामा के एक साल: हुए हैं कई बदलाव, जानिए क्या हुआ था उस दिन...
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नई दिल्ली: आज ही के दिन पिछले साल 14 फरवरी को पुलवामा में सीआरपीएफ (केंद्रीय रिजर्व बल) के काफिले पर हमला किया गया था। इस हमले में सीआरपीएफ के 40 जवान देश के लिए शहीद हो गए थे। खबरों के अनुसार इस हमले के पीछे पाकिस्तान के आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद का हाथ था। भारत ने बदला लेने के लिए पाकिस्तान के बालाकोट स्ठित जैश कैंप पर हमला किया।

सरकार ने दावा किया कि भारत की तरफ से की गई जवाबी कार्रवाई में जैश-ए-मोहम्मद के सभी आतंकी ठिकानों को तहस-नहस कर दिया गया है। हालांकि पुलवामा हमले को लेकर कई सारे सवाल भी उठे। तत्कालीन राज्यपाल ने बताया कि इस घटना से पहले कुछ इंटेलिजेंस इनपुट मिले थे जिसे नजरअंदाज किया गया।

इस घटना के एक साल बाद भी कुछ ऐसे ही सवाल है. क्या हम भविष्य में इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए तैयार हैं? सीआरपीएफ के कॉन्वॉय मूवमेंट और स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग सिस्टम (एसओपी) में किस तरह के बदलाव किए..

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आए कई बदलाव

*पुलवामा की घटना से सबक लेते हुए अब सीआरपीएफ के जवानों को काफिले मे ना ले जाकर उन्हें हवाई जहाज में भेजा जाता है। इतना ही नहीं अब सीआरपीएफ के जवानों को एयर इंडिया की फ्लाइट में दिल्ली से आने-जाने की फ्री सुविधा दी गई है। इसके अलावा सप्ताह में 3 दिन, जम्मू से श्रीनगर और श्रीनगर से जम्मू एयर इंडिया की फ्लाइट चलती है। वहीं अगर कोई सीआरपीएफ जवान किसी प्राइवेट कंपनी के एयरलाइंस में यात्रा करता है तो उसे बिल जमा करने पर यात्रा के लिए खर्च की गई राशि वापस मिल जाती है।

*हालांकि अब भी काफिले में ही सीआरपीएफ से जुड़े उपकरण और महत्वपूर्ण सामान लाया-ले जाया जाता है। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक सीआरपीएफ ने कॉन्वॉय के मूवमेंट की खास एसओपी तैयार की है। हालांकि सुरक्षा के लिहाज से यहां पर सारी जानकारी नहीं दी जा रही है।

*इनमें से कुछ महत्वपूर्ण बदलाव इस तरह हैं. जैसे- रोड ओपनिंग पार्टी में आधुनिक इक्विपमेंट को बढ़ावा मिला है. सीआरपीएफ ने एंटी सैबोटोज़ टीम की संख्या भी बढ़ाई है. जिससे बाहरी लोगों के घुसने पर मनाही होगी।

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*यही नहीं रूट पर IED) के खतरे को देखते हुए, सीआरपीएफ ने कॉन्वॉय मूवमेंट के समय लिंक रोड को बंद करने का आदेश भी दे रखा है। सीआरपीएफ सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक जवाहर टनल से श्रीनगर तक नेशनल हाईवे पर अलग-अलग जगहों पर सीसीटीवी कैमरे इंस्टॉल किए जा रहे हैं। जिससे सुरक्षा बल हर तरीके के मूवमेंट पर नजर रखी जा सके।

*इस हमले से दुश्मनों को खत्म करने का संकल्प और मजबूत हुआ है। यही वजह है कि जवान अब आतंकवादियों के साथ मुठभेड़ के दौरान अतिरिक्त जोश के साथ लड़ते हैं। सीआरपीएफ ने सबक लेते हुए भारतीय सुरक्षा बलों ने अपनी रणनीति भी बदली है जिसके असर दिख रहे हैं-

*अब जवानों की आवाजाही अन्य सुरक्षा बलों और सेना संग तालमेल से होती है

*जवानों को ले जाने वाले वाहनों को बुलेट-प्रूफ बनाने की प्रक्रिया तेज की गई जैश-ए-मोहम्मद का स्वयंभू प्रमुख कारी यासिर पिछले महीने मारा गिराया

*वायुसेना ने 26 फरवरी, 2019 को पाक के बालाकोट,मुजफ्फराबाद और चकोटी स्थित आतंकी कैंपों पर बम बरसाए

क्या हुआ था 14 फरवरी को

दरअसल, जम्मू श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग पर सीआरपीएफ का काफिला गुजर रहा था। सामान्य दिन की तरह ही उस दिन भी सीआरपीएफ के वाहनों का काफिला अपनी धुन में जा रहा था। तभी तभी एक कार ने सड़क की दूसरी तरफ से आकर इस काफिले के साथ चल रहे वाहन में टक्‍कर मार दी। इसके साथ ही एक जबरदस्‍त धमाका हुआ। यह आत्मघाती हमला इतना बड़ा था कि मौके पर ही सीआरपीएफ के करीब 42 जवान शहीद हो गए।



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