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बैंकिंग धोखाधड़ी: ऐसे करें अपने धन की सुरक्षा, RBI ने दिए ये महत्त्वपूर्ण टिप्स

वीपीए केवल आरोपी द्वारा ही जनरेट किया जा सकता है। वीपीए के जरिए धोखेबाज ग्राहक को पेमेंट का लिंक भेजता है। अब ग्राहक बिना उस लिंक को ध्यान से देखे उस पर क्लिक करते हैं और अपना यूपीआई पिन दर्ज करके पेमेंट करते हैं, तो वे धोखेबाज के जाल में फंस जाते हैं।

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Published on: 20 July 2020 4:16 PM IST
बैंकिंग धोखाधड़ी: ऐसे करें अपने धन की सुरक्षा, RBI ने दिए ये महत्त्वपूर्ण  टिप्स
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नई दिल्ली: हर व्यक्ति अपनी मेहनत की कमाई को सुरक्षित रखने के लिए अच्छे बैंकों का चुनाव करता हैं। साथ ही यह भी चाहता है कि उसकी जमा पूंजी पर अच्छा व्याज भी मिले। लेकिन आजकल बैंकों में रखा हुआ पैसा भी सुरक्षित नहीं रह गया है। इस समस्या को देखते हुए और बैंकिंग धोखाधड़ी से बचने के लिए ग्राहकों का जागरूक रहना बहुत जरूरी हो गया है। इस विषय को लेकर भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI), ग्राहकों को समय-समय पर कुछ ऐसे टिप्स देता रहता है, जिससे वे बैंकिंग धोखाधड़ी से बच सकें।

अपनी निजी जानकारी को सुरक्षित रखना होगा- भारतीय रिज़र्व बैंक

आरबीआई ने सोमवार को बैंकिंग धोखाधड़ी से बचने के लिए कुछ टिप्स ग्राहकों को दिए हैं। भारतीय रिज़र्व बैंक ने ट्वीट में लिखा है कि अगर बैंकिंग धोखाधड़ी से बचना है, तो अपनी निजी जानकारी को सुरक्षित रखना होगा। आरबीआई ने ट्वीट में एक जीआईएफ भी शेयर किया है। इसमें लिखा है, 'इस समय साइबर क्राइम बढ़ रहे हैं। अपना ओटीपी, यूपीआई पिन, कार्ड डिटेल आदि को किसी के साथ शेयर ना करें अन्यथा आपको इसकी भारी कीमत चुकानी पड़ सकती है।'

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धोखेबाज ऐसे निकालते हैं आपके खाते से पैसा

आरबीआई ने आगे कहा, 'आपके द्वारा शेयर की गई इस जानकारी से धोखेबाज आपका वर्चुअल पेमेंट एड्रेस बना सकता है और आपके बैंक अकाउंट को यूपीआई के साथ लिंक कर सकता है। इससे वह आसानी से आपके बैंक अकाउंट या कार्ड से पैसा निकाल सकता है। इसलिए सावधान रहें। आरबीआई कहता है.. जानकार बनिए सतर्क रहिए।'

यहां जानिए क्या होता है वर्चुअल पेमेंट एड्रेस (वीपीए)

इसे वर्चुअल पेमेंट एड्रेस कहते हैं। साइबर एक्सपर्ट प्रिया सांखला ने बताया कि यह यूपीआई आईडी की तरह होता है। वीपीए केवल आरोपी द्वारा ही जनरेट किया जा सकता है। वीपीए के जरिए धोखेबाज ग्राहक को पेमेंट का लिंक भेजता है। अब ग्राहक बिना उस लिंक को ध्यान से देखे उस पर क्लिक करते हैं और अपना यूपीआई पिन दर्ज करके पेमेंट करते हैं, तो वे धोखेबाज के जाल में फंस जाते हैं।

ऐसे रहें सतर्क

ग्राहक को यूपीआई फ्रॉड से बचने के लिए लेनदेन करते समय चौकन्ना रहना चाहिए। अच्छे से जांच करें कि सामने वाले व्यक्ति द्वारा रिक्वेस्ट पेमेंट का लिंक भेजा गया है या पे पेमेंट का। आगे बढ़ने से पहले इसे जरूर देख लें। रिक्वेस्ट-पेमेंट में भुगतान लेने के लिए रिक्वेस्ट की जाती है, जबकि पे-पेमेंट में सामने वाले को भुगतान किया जाता है।

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क्रेडिट कार्ड से फ्रॉड होने पर उठाएं ये कदम

प्रिया के अनुसार, अगर आपकी बिना अनुमति के आपके क्रेडिट कार्ड से पैसा डेबिट हुआ है, तो पीड़ित को अपने क्रेडिट कार्ड लेनदेन के मैसेज को बहुत ध्यानपूर्वक पढ़ना चाहिए। इससे आपको पता चलेगा कि आपके कार्ड से कौनसी कंपनी और किस तरह की सेवा के लिए खरीदारी हुई है। आप उससे संपर्क कर सकते हैं और ट्रांजेक्शन आईडी बताते हुए शिकायत दर्ज कर सकते हैं। पीड़ित 24 घंटे के अंदर सबंधित कंपनी को कॉल करके सेवा को रोकने और अपना पैसा वापस करने की मांग कर सकते हैं।

आगामी सुरक्षा के लिए कंपनी गेटवे पर अपने कार्ड को ब्लॉक भी कराया जा सकता है। इसके अलावा पीड़ित उस कंपनी के लिए अपनी लेनदेन को ब्लॉक करने के लिए भी बैंक से संपर्क कर सकते हैं। प्रिया का कहना है कि कभी भी पेमेंट गेटवे पर अपने कार्ड की जानकारी को सेव ना करें, क्योंकि 2D पेमेंट गेटवे होने पर बिना ओटीपी के भी निकासी की जा सकती है।



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