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Punjab News: पंजाब में INDIA गठबंधन में पड़ी दरार, कांग्रेस का आप से समझौते से इनकार, राज्य की सभी सीटों पर चुनाव लड़ने का ऐलान
Punjab Congress: पंजाब कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और राज्य में नेता प्रतिपक्ष प्रताप सिंह बाजवा ने कहा है कि पार्टी राज्य की सभी सीटों पर चुनाव लड़ेगी और आम आदमी पार्टी के साथ किसी भी प्रकार का कोई समझौता नहीं होगा।
Punjab Congress: 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले विपक्षी दलों की एकता में दरार पड़ती हुई दिख रही है। विपक्षी दलों के गठबंधन इंडिया की ओर से भले ही एकजुटता का दावा किया जा रहा हो मगर कई राज्यों में विपक्षी दलों के बीच ही घमासान छिड़ गया है। पंजाब में कांग्रेस ने राज्य की सभी 13 लोकसभा सीटों पर चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया है। पंजाब कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और राज्य में नेता प्रतिपक्ष प्रताप सिंह बाजवा ने कहा है कि पार्टी राज्य की सभी सीटों पर चुनाव लड़ेगी और आम आदमी पार्टी के साथ किसी भी प्रकार का कोई समझौता नहीं होगा।
पंजाब में आम आदमी पार्टी काफी मजबूत है और पिछले विधानसभा चुनाव में पार्टी ने कांग्रेस, बीजेपी और अकाली दल को बुरी तरह हराया था। इसके बावजूद कांग्रेस की ओर से सभी सीटों पर चुनाव लड़ने के एकतरफा ऐलान से विपक्षी एकता पर सवाल खड़े हो गए हैं। पंजाब में आप अपनी दावेदारी छोड़ने को किसी भी सूरत में तैयार नहीं है। इस कारण दोनों दलों के बीच घमासान की बिसात बिछ गई है।
पंजाब की सभी सीटों पर चुनाव लड़ेगी कांग्रेस
कांग्रेस नेता बाजवा ने पटियाला में एक सभा को संबोधित करते हुए राज्य की सभी सीटों पर चुनाव लड़ने का ऐलान किया। पटियाला में बाढ़ प्रभावित किसानों को मुआवजा देने की मांग को लेकर विरोध प्रदर्शन के बाद एक सभा का आयोजन किया गया था। इस सभा में बाजवा ने कहा कि अगले लोकसभा चुनाव के दौरान पंजाब में आप के साथ किसी भी प्रकार का कोई समझौता नहीं होगा।
बेंगलुरु में विपक्षी दलों की बैठक के बाद भी कांग्रेस की पंजाब इकाई ने राज्य में गठबंधन के खिलाफ बयान दिया था। पार्टी नेताओं का कहना था कि पंजाब में कांग्रेस आप सरकार की नीतियों के खिलाफ संघर्ष कर रही है और ऐसे में आप के साथ किसी भी प्रकार का चुनावी तालमेल नहीं किया जा सकता। अब बाजवा ने एक कदम और आगे बढ़ते हुए राज्य की सभी सीटों पर चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया है।
दिल्ली में एकजुटता,पंजाब में लड़ाई
मजे की बात यह है कि यह ऐलान ऐसे समय में किया गया है जब संसद में विपक्षी दल एकजुट होकर मोदी सरकार पर हमलावर हैं। पिछले दिनों संसद में दिल्ली सेवा बिल पर वोटिंग के दौरान कांग्रेस ने आम आदमी पार्टी का साथ दिया था। हालांकि सत्तापक्ष संसद के दोनों सदनों में इस बिल को पारित कराने में कामयाब रहा मगर दिल्ली के मुख्यमंत्री और आप संयोजक अरविंद केजरीवाल ने कांग्रेस की ओर से दिए गए समर्थन के प्रति आभार भी जताया था।
उनका कहना था कि संसद में कांग्रेस ने आप का साथ दिया है और मोदी सरकार की निरंकुश नीतियों के खिलाफ एकजुटता दिखाई है। बाजवा ने पटियाला की सभा में कहा कि भाजपा के खिलाफ आप के साथ कांग्रेस की भागीदारी सिर्फ राष्ट्रीय स्तर के मुद्दों तक ही सीमित है। पंजाब में दोनों दलों के बीच गठबंधन का सवाल ही नहीं है।
गठबंधन को जमीन पर उतारना आसान नहीं
विपक्षी गठबंधन इंडिया की ओर से पूरे देश में भाजपा के खिलाफ एक सीट पर विपक्ष का एक साझा उम्मीदवार उतारने की बात कही जा रही है। दिल्ली में राष्ट्रीय नेताओं की ओर से विपक्षी गठबंधन में एकजुटता का बड़ा दावा किया जा रहा है मगर विभिन्न राज्यों में सियासी दलों ने एक-दूसरे के खिलाफ तलवारें खींच रखी हैं। पश्चिम बंगाल में माकपा भी मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की पार्टी तृणमूल कांग्रेस के साथ किसी भी प्रकार के समझौते से इनकार कर चुकी है। वही स्थिति पंजाब में भी दिख रही है।
पटना और बेंगलुरु के बाद अब विपक्षी दलों के गठबंधन इंडिया की बैठक इस महीने के आखिर में मुंबई में होने वाली है। इस बैठक के दौरान मोर्चा के संयोजक के ऐलान के साथ कई अन्य औपचारिकताओं पर भी मुहर लगने वाली है मगर उससे पहले विपक्षी दलों के बीच ही खींचतान शुरू हो गई है। बाजवा के बयान से साफ हो गया है कि गठबंधन को जमीन पर उतारना उतना आसान नहीं होगा। चुनाव नजदीक आने पर सीटों को लेकर तालमेल भी काफी मुश्किल माना जा रहा है। सियासी जानकारों का मानना है कि चुनाव नजदीक आने पर यह खींचतान और बढ़ सकती है।