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खूनी शराब से हाहाकार: अब तक 32 लोगों की मौत, चीखों से गूंज उठा राज्य
शराब कितनी खूनी हो सकती है, इसका मामला पंजाब राज्य से सामने आया है। जहां जहरीली शराब से मरने वालों की आंकड़ा बढ़ता जा रहा है। अब तक जहरीली शराब पीने से 32 लोगों की मौत हो चुकी है।
चण्डीगढ़: शराब कितनी खूनी हो सकती है, इसका मामला पंजाब राज्य से सामने आया है। जहां जहरीली शराब से मरने वालों की आंकड़ा बढ़ता जा रहा है। अब तक जहरीली शराब पीने से 32 लोगों की मौत हो चुकी है। पूरे राज्य में हड़कंप मचा हुआ है।अमृतसर, बटाला और तरनतारन जहरीली शराब के कहर से बुरी तरह प्रभावित हैं। हालांकि पुलिस ने जहरीली शराब बनाने वाले कुछ लोगों को गिरफ्तार कर लिया है। मामले में लापरवाही पर थाना तरसिक्क के एसएचओ को सस्पेंड कर दिया है। सरकार ने मामले की जांच एसआईटी को सौंपी है।
जहरीली शराब से पंजाब के तीन जिलों में 32 लोगों की मौत
पंजाब के अमृतसर, बटाला और तरनतारन में जहरीली शराब का भयानक असर गुरुवार को देखने को मिला। यहां जहरीली शराब पीने से अब तक 32 लोगों की मौत हो चुकी है। बता दें कि तरनतारन में 13, अमृतसर में 11 और बटाला में 8 लोग की जान शराब ने ले ली। इनमें से कोई किसी का बेटा, कोई पति, कोई दादा, कोई चाचा, सबके घर में मातम छाया हुआ है।
बिना पुलिस को सूचित किए शवों का अंतिम संस्कार
वहीं कोरोना संकट के बीच एक बड़ी संख्या ये खड़ी हो गयी है कि कई परिवारों ने पुलिस और प्रशासन को सूचित किये बिना ही शवों का अंतिम संस्कार कर दिया। ऐसे में पुलिस मरने वालों का सही आंकड़ा पता न चल पाने के साथ ही संक्रमण फैलने के खतरे को लेकर भी परेशान हैं।
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30 से अधिक घरों में अवैध शराब का कारोबार
वहीं पीड़ित परिवारों के इस कदम की वजह बताई जा रही हैं कि गांव के कई घरों में देसी शराब निकालकर बेची जाती है। हालंकि पीड़ित पीडि़त परिवारों ने पुलिस पर आरोप लगाया है कि गांव में अवैध शराब का धंधा पुलिस की मिलीभगत से चल रहा है। यहां 30 से अधिक घरों में अवैध शराब का कारोबार कर रहे हैं। सस्ती शराब के चक्कर में युवाओं की जिंदगी से खेला जा रहा है।
सीएम कैप्टेन अमरिंदर सिंह ने दिए जांच के आदेश
मामले में पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने मजिस्ट्रियल जांच के आदेश दिए हैं। जालंधर के डिविजनल कमिश्नर को जांच सौंपी गई है। एसआईटी टीम का गठन कर दिया गया है।
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डिविजनल कमिश्नर को जांच से जुड़ी पूरी छूट
पुलिस की बड़ी लापरवाही और मिली भगत का आरोप लगने के बाद डिविजनल कमिश्नर को छूट मिली है कि वे किसी पुलिस अफसर या विशेषज्ञ की जांच में मदद ले सकते हैं और नाम सामने आने पर किसी भी पुलिसकर्मी पर कार्रवाई की जा सकती है। मामले में थाना तरसिक्क के एसएचओ को सस्पेंड कर दिया गया है।
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