TRENDING TAGS :

Aaj Ka Rashifal

पाकिस्तान सेना का 'कत्ल ए आम': देखिये कितना गिर सकता है दुश्मन देश

Harsh Pandey
Published on: 26 Aug 2019 3:12 PM IST
पाकिस्तान सेना का कत्ल ए आम: देखिये कितना गिर सकता है दुश्मन देश
X

लंदन. पाकिस्तान सेना व सरकार की वर्तमान स्थिती क्या है, यह किसी से छिपा नहीं है। अधिकतर देशों से व्यापार पर पूर्ण विराम लगने के बाद राशन-पानी के लाले पड़ गये है, पाकिस्तान की आर्थिक स्थिती पर नजर डाले तो अब स्थिती बद से बदतर होती नजर आ रही है। इसी बीच खबरें आ रही है कि पाकिस्तान के ही एक राजनीतिक पार्टी मुत्ताहिदा कौमी मूवमेंट ने अपनी सेना पर गंभीर आरोप लगाए हैं।

यह भी पढ़ें. सुप्रीम कोर्ट ने पी. चिदंबरम की याचिका खारिज की, सीबीआई हिरासत में ही रहेंगे

यह है मामला...

लंदन में मौजूद एमक्यूएम के सेंट्रल को-ऑर्डिनेशन कमेटी के नेताओं ने कहा है कि जहां पाकिस्तान एक तरफ कश्मीर का मुद्दा सभी के सामने उठा रहा है, वहीं दूसरी तरफ खुद मिलिट्री और अन्य सुरक्षा बलों के जरिए लोगों को हिंसा का शिकार बनाया रही है।

गौरतलब है कि शनिवार को एमक्यूएम ने कहा है कि पाकिस्तान मुहाजिर, बलूच, पश्तून, सिंधी और अन्य दबाए गए लोगों पर अत्याचार कर रहा है. पार्टी ने कहा है कि पाकिस्तान की मिलिट्री और अन्य सुरक्षा बलों के जरिए लोगों का जनजीवन प्रभावित करके जीना मुहाल कर दिया है।

यह भी पढ़ें.थाने में अश्लीलता: लगे लड़कियों के ठुमके और बरसे नोट, देखते रहे अफसर

डिप्टी कन्वेनर ने कहा...

सेंट्रल को-ऑर्डिनेशन कमेटी के डिप्टी कन्वेनर कासिम अली रजा ने कहा कि पाकिस्तानी मिलिट्री ने 'हजारों निर्दोष मुहाजिरों का 'कत्ल ए आम' किया है। उन्होंने कहा कि अपराधियों के नाम पर खुन खराबा का यह खेल खेला गया है, इस घटना के बारे में अभी तक सभी लोग अनभिग्य है।

इसके साथ ही रजा ने कहा कि कोई भी पाकिस्तानी संस्था मुहाजिरों की बातें नहीं सुनने को तैयार नहीं है। उन्होंने कहा कि अन्याय के खिलाफ एमक्यूएम दुनिया के अन्य लोकतांत्रिक देशों से मदद मांगेगा और दबाए गए लोग एकजुट होकर आजादी के लिए आंदोलन भी करेगा।

एमक्यूएम ने की मांग...

रजा ने पाकिस्तानी मिलिट्री और नेताओं पर आरोप लगाया कि वे कश्मीर के भविष्य से लगातार खेलते रहे हैं. एमक्यूएम ने एक मांग करते हुए कहा कि पाकिस्तानी मिलिट्री को अब मुहाजिर और अन्य लोगों के खिलाफ अत्याचार रोककर संविधान के तहत काम करना चाहिये।



\
Harsh Pandey

Harsh Pandey

Next Story