कल राफेल की एंट्री: चीन को जल्द मिलेगा सबक, भारत के हाथों में है लगाम

लाइन ऑफ एक्च्यूअल कंट्रोल (एलएसी) बॉर्डर पर चीन लगातार नापाक हरकतों को अंजाम दे रहा है, ऐसे में इस बीच यानी 10 सितंबर कल भारत को लड़ाकू विमान राफेल की ताकत मिलने जा रही है।

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Published on: 9 Sep 2020 11:56 AM GMT
कल राफेल की एंट्री: चीन को जल्द मिलेगा सबक, भारत के हाथों में है लगाम
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एलएसी बॉर्डर पर चीन लगातार नापाक हरकतों को अंजाम दे रहा है, ऐसे में इस बीच यानी 10 सितंबर कल भारत को लड़ाकू विमान राफेल की ताकत मिलने जा रही है।

नई दिल्ली: एलएसी बॉर्डर पर चीन लगातार नापाक हरकतों को अंजाम दे रहा है, ऐसे में इस बीच यानी 10 सितंबर कल भारत को लड़ाकू विमान राफेल की ताकत मिलने जा रही है। भारत के शक्ति में शामिल होने वाला फ्रांस से आया ये अत्याधुनिक लड़ाकू विमान राफेल कल अंबाला एयरफोर्स स्टेशन में एक मेगा समारोह में भारतीय वायुसेना में औपचारिक रूप से शामिल हो जाएगा। देश की ताकत को बढ़ाने वाला ये राफेल दुश्मनों के इरादों को नाकाम कर देगा।

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देश- विदेश की कई हस्तियां

10 सितंबर यानी कल इस अहम मौके पर देश- विदेश की कई हस्तियां अंबाला एयरफोर्स स्टेशन पहुंच रही हैं। इनमें रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, फ्रांस की सशस्त्र सेनाओं की मंत्री फ्लोरेंस पार्ले शामिल हैं। ये दोनों कार्यक्रम के मुख्य अतिथि रहेंगे।

ऐसे में इस कार्यक्रम में इनके अलावा सीडीएस विपिन रावत, एयर चीफ मार्शल आरकेएस भदौरिया, रक्षा सचिव डॉ अजय कुमार, रक्षा विभाग (रिसर्च एंड डेवलपमेंट) के सचिव डॉ जी सतीश रेड्डी और डीआरडीओ के चेयरमैन शामिल रहेंगे। वहीं रक्षा मंत्रालय के दूसरे अधिकारी भी यहां मौजूद रहेंगे।

Rafale jet फोटो-सोशल मीडिया

बता दें, 27 जुलाई 2020 को फ्रांस से आए 5 राफेल लड़ाकू विमान भारतीय वायु सेना के 17वें स्क्वाड्रन 'गोल्डन एरोज' का हिस्सा बनेंगे। इस मौके पर फ्रांस से डिफेंस सेक्टर का एक बड़ा प्रतिनिधिमंडल भारत आ रहा है। इसमें दसॉल्ट एविशन के चेयरमैन एरिक ट्रैपियर, दसॉल्ट एविएशन के सीईओ एरिक बरनेंगर शामिल हैं।

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दुश्मनों के पसीने छूट जाएंगें

इस खास मौके पर अंबाला एयरफोर्स स्टेशन में राफेल को वायुसेना में शामिल करने से पहले पारंपरिक सर्व धर्म पूजा की जाएगी। इसके बाद राफेल लड़ाकू विमान, तेजस एयरक्राफ्ट और सारंग एयरोबेटिक टीम आसमान में उड़ान भरेगा और शानदार एयर डिस्पले प्रस्तुत करेगा। जिससे दुश्मनों के पसीने छूट जाएंगें।

फिर इसके बाद राफेल लड़ाकू विमानों को पारंपरिक वाटर कैनन सैल्यूट दिया जाएगा। और इसी के साथ राफेल लड़ाकू विमान भारतीय वायुसेना की गौरवशाली टीम का हिस्सा बन जाएगा। साथ ही इस कार्यक्रम के बाद भारत और फ्रांस के प्रतिनिधिमंडल के बीच द्विपक्षीय बातचीत भी होगी।

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