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श्रीनगर से दिल्ली लौटने पर राहुल गांधी ने सरकार पर लगाया ये गंभीर आरोप
जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल 370 हटने के बाद राहुल गांधी पहली बार श्रीनगर जा रहे थे लेकिन उनको और उनके साथ आए विपक्षी दलों के 11 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल को श्रीनगर एयरपोर्ट से वापस दिल्ली भेज दिया गया। इसके बाद राहुल गांधी ने कहा कि जम्मू कश्मीर में कानून व्यवस्था की स्थिति सामान्य नहीं है। साथ ही उन्होंने पत्रकारों से दुर्व्यवहार का भी आरोप लगाया।
श्रीनगर: जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल 370 हटने के बाद राहुल गांधी पहली बार श्रीनगर जा रहे थे लेकिन उनको और उनके साथ आए विपक्षी दलों के 11 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल को श्रीनगर एयरपोर्ट से वापस दिल्ली भेज दिया गया। इसके बाद राहुल गांधी ने कहा कि जम्मू कश्मीर में कानून व्यवस्था की स्थिति सामान्य नहीं है। साथ ही उन्होंने पत्रकारों से दुर्व्यवहार का भी आरोप लगाया।
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राहुल गांधी ने बताया कि उन्हें राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने राज्य का दौरा करने के लिए आमंत्रित किया था। राज्यपाल ने कहा था कि मैं आमंत्रित हूं। अब जब मैं कश्मीर गया तो वे कह रहे हैं कि आप नहीं आ सकते। सरकार कह रही है कि हर चीज सामान्य है। इसलिए अगर हर चीज सामान्य है तो हमें बाहर जाने की अनुमति क्यों नहीं दी गई। यह आश्चर्यजनक है।
'हम कश्मीर के लोगों से करना चाहते हैं बात'
दिल्ली लौटने के बाद राहुल ने कहा, 'हम किसी भी ऐसे क्षेत्र में जाना चाहते हैं जहां शांति है और 10- 15 लोगों से बात करना चाहते हैं। अगर धारा 144 लागू है तो मैं अकेले जाना चाहता हूं, हमें समूह में नहीं जाना है।' राहुल ने आगे कहा कि हम यह जानना चाहते थे कि लोग किस स्थिति में हैं और अगर उनकी मदद कर सकते हैं तो करेंगे, लेकिन दुर्भाग्य से हमें एयरपोर्ट से आगे नहीं जाने दिया गया।
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'मारपीट की गई पत्रकारों के साथ'
राहुल गांधी ने कहा कि हमारे साथ के पत्रकारों के साथ भी बुरा व्यवहार किया गया और पीटा गया। यह स्पष्ट है कि जम्मू-कश्मीर में हालात सामान्य नहीं हैं। बता दें कि शनिवार को कश्मीर गए इस प्रतिनिधिमंडल में राहुल गांधी के साथ माकपा, भाकपा, द्रमुक, राकांपा, जद (एस), राजद, एलजेडी और टीएमसी के नेता भी थे।
कश्मीर प्रशासन ने दी सफाई
जम्मू कश्मीर प्रशासन ने शुक्रवार रात को कहा था कि राजनीतिक नेताओं का दौरा घाटी के कई क्षेत्रों में लगायी गयी पाबंदियों का उल्लंघन होगा। विपक्षी दलों को घाटी नहीं जाने देने के प्रशासन के निर्णय के बारे में पूछे जाने पर जम्मू कश्मीर के प्रधान सचिव रोहित कंसल ने संवाददाताओं से शनिवार शाम को कहा कि ऐसे समय में शांति तथा कानून व्यवस्था कायम रखना एक प्राथमिकता है जब सीमा पार आतंकवाद का खतरा कायम है। कंसल ने कहा कि उनसे घाटी का दौरा नहीं करने का अनुरोध किया गया था।