Odisha Train Accident: ट्रेन हादसा: सीबीआई जांच का मतलब बात कुछ और है

Odisha Train Accident: रेलवे बोर्ड ने ओडिशा में हुए ट्रेन हादसे की सीबीआई जांच की सिफारिश की है। ये इस घटना में एक नया मोड़ है। क्योंकि आमतौर पर ट्रेन हादसों की जांच कमिशनर ऑफ रेलवे सेफ्टी ही करते हैं और कम ही मामले हैं जिसमें सीबीआई या अन्य जांच एजेंसियों को मामला सौंपा जाता है।

Neel Mani Lal
Published on: 4 Jun 2023 11:27 PM GMT
Odisha Train Accident: ट्रेन हादसा: सीबीआई जांच का मतलब बात कुछ और है
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रेलवे बोर्ड ने ओडिशा में हुए ट्रेन हादसे की सीबीआई जांच की सिफारिश की है: Photo- Social Media

Odisha Train Accident: रेलवे बोर्ड ने ओडिशा में हुए ट्रेन हादसे की सीबीआई जांच की सिफारिश की है। ये इस घटना में एक नया मोड़ है। क्योंकि आमतौर पर ट्रेन हादसों की जांच कमिशनर ऑफ रेलवे सेफ्टी ही करते हैं और कम ही मामले हैं जिसमें सीबीआई या अन्य जांच एजेंसियों को मामला सौंपा जाता है। अगर मामला सिर्फ तकनीकी या मानवीय चूक से आगे बढ़ कर तोड़फोड़, आतंकवाद या जानबूझकर कर किया गया कृत्य है तो फिर बात कुछ और हो जाती है।

ओडिशा ट्रेन हादसे में अब साफ हो गया है कि सिग्नल हरा था लेकिन ट्रेन को सीधे आगे बढ़ने की बजाय लूप लाइन पर जाने दिया गया जहां लौह अयस्क से भरी मालगाड़ी खड़ी थी। जाहिर है कोरोमंडल एक्सप्रेस अपने आप लूप लाइन पर नहीं गई बल्कि उसे उस लाइन पर भेजा गया।

लाइन बदलने का काम पॉइंट मशीन करती है जिसे दूर से स्टेशन मास्टर द्वारा कंट्रोल किया जाता है। अब मेन लाइन की बजाए पॉइंट बदल कर लूप लाइन पर शिफ्ट करने का काम या तो जानबूझ कर किया गया, या ये इलेक्ट्रिकल - मैकेनिकल फाल्ट है, जांच से ही पता चलेगा।

सीबीआई जांच

इसके पहले सीबीआई ने 28 मई 2010 को पश्चिम बंगाल में जनेश्वरी एक्सप्रेस दुर्घटना की जांच की थी। उस मामले में माओवादी तत्वों की संलिप्तता पाई गई थी। 6 लोग गिरफ्तार भी हुए लेकिन एक दशक तक केस चलने के बाद सब जमानत पर रिहा हो गए। उस समय ममता बनर्जी रेल मंत्री थीं।

सीबीआई ने 2013 में मथुरा में मेवाड़ एक्सप्रेस और गोवा संपर्क क्रांति एक्सप्रेस की टक्कर की भी जांच की थी। इस मामले में संपर्क क्रांति के ड्राइवर के खिलाफ मामला दर्ज हुआ था कि उसने लाल सिग्नल की अनदेखी की थी।

Neel Mani Lal

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