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रेलवे ने गज़ब किया: लॉकडाउन के दौरान किया ये काम, अब नहीं होगी दिक्कत

देश में कोरोना वायरस के चलते लॉकडाउन लागू किया गया है। इस दौरान रेलवे और उड़ानों के संचालन को बंद रखा गया है। वहीं इन 40 दिनों के लॉकडाउन की अवधि का भारतीय रेलवे ने भरपूर इस्तेमाल किया।

Shreya
Published on: 4 May 2020 9:23 AM GMT
रेलवे ने गज़ब किया: लॉकडाउन के दौरान किया ये काम, अब नहीं होगी दिक्कत
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रेलवे

नई दिल्ली: देश में कोरोना वायरस के चलते लॉकडाउन लागू किया गया है। इस दौरान रेलवे और उड़ानों के संचालन को बंद रखा गया है। वहीं इन 40 दिनों के लॉकडाउन की अवधि का भारतीय रेलवे ने भरपूर इस्तेमाल किया। इस दौरान रेलवे ने कहीं पटरियों का मेंटिनेंस कराया तो कहीं लकड़ी के स्लीपर बदले।

लॉकडाउन के दौरान रेलवे ने पटरियों की कराई मरम्मत

भारतीय रेलवे ने लॉकडाउन के दौरान 50 साल पुराने लकड़ी के सीजर क्रॉस ओवर यानि पटरियों के नीचे लगने वाले स्लीपर को चेंज कराया। साथ ही सालों से बंद 100 साल पुराना FOB तोड़ा। वहीं मेंटिनेंस करने के दौरान रेलवे ने ऑफिशियल तौर पर करीब 705 घंटे का ब्लॉक भी लिया।

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पटरियों की मरम्मत कराने से सुरक्षा होगी बेहतर

भारतीय रेलवे ने बताया कि लॉकडाउन की अवधि का उपयोग लंबे समय से रूके हुए मरम्मत के काम को पूरा करने में किया। रेलवे ने कहा कि पटरियों की मरम्मत कराने से सुरक्षा बेहतर होगी, साथ ही परिचालन क्षमता भी बढ़ेगी। इसके अलावा पटरियों की मरम्मत कराने से ट्रेनों के लेट होने की संभावना भी कम होगी। मंत्रालय ने बताया कि ये काम कई सालों से अटका हुआ था और इनके चलते रेलवे को गंभीर रूकावटों का सामना करना पड़ रहा था।

12,270 किलोमीटर लंबी पटरियों की कराई गई मरम्मत

भारतीय रेलवे ने बताया कि 40 दिनों के लॉकडाउन के दौरान 12,270 किलोमीटर लंबी पटरियों के मरम्मत का काम पूरा किया गया। मंत्रालय ने कहा कि भारतीय रेलवे ने लॉकडाउन के दौरान यह सोचकर इस काम को करने की योजना तैयार की कि मरम्म का काम पूरा करने के लिए यह एक अच्छा मौका है और इस दौरान ट्रेन सेवाएं भी प्रभावित नहीं होंगी।

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बदला गया 50 साल पुराना सीजर क्रॉस ओवर

इस दौरान रेलवे ने तेलंगाना में 50 साल पुराने लकड़ी के सीजर क्रॉस ओवर यानि पटरियों के नीचे लगने वाले स्लीपर को बदला। यह स्लीपर 1970 में लगा था। इसके लिए रेलवे को 72 घंटों का ब्लॉक लेना पड़ा था। इसके अलावा आंध्रप्रदेश के विजयवाड़ा में पटरियों की क्रॉसिंग में लकड़ी के स्लीपर बदले गए, जिसके लिए 24 घंटे का ब्लॉक लेना पड़ा। साथ ही चेन्नई रेलवे स्टेशन के पास असुरक्षित आरओबी को हटाने का काम भी इस दौरान किया गया।

17 मई तक पूरा हो जाएगी मेंटिनेंस

अधिकारियों ने बताया कि बाकी का बचा हुआ मेंटिनेंस का काम 17 मई तक पूरा कर लिया जाएगा। बता दें कि रेलवे के 167 साल के इतिहास में पहली बार रेलवे की सेवा को इतने लंबे समय तक बंद रखा गया है। हालांकि इस दौरान लगभग तीन हजार मालगाड़ियों का संचालन हो रहा है, जो केवल आवश्यक ढुलाई के लिए है। लॉकडाउन के दौरान किए गए मेंटिनेंस से ट्रेनों की रफ्तार में तेजी आएगी और साथ ही ट्रेनें भी दुरस्त हो जाएंगी।

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