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तो खुलेंगे शराब के ठेके: राज ठाकरे ने उठाई मांग, सीएम उद्धव को लिखा पत्र

महाराष्‍ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) प्रमुख राज ठाकरे ने मुख्‍यमंत्री ऑफिस (सीएमओ) को पत्र लिखकर राज्‍य में सभी शराब दुकानें खोलने की मांग की है। उन्‍होंने कहा है कि राज्‍य की आर्थिक स्थिति खराब हो रही है। शराब बिक्री से राजस्‍व प्राप्ति होती है।

SK Gautam
Published on: 23 April 2020 1:38 PM GMT
तो खुलेंगे शराब के ठेके: राज ठाकरे ने उठाई मांग, सीएम उद्धव को लिखा पत्र
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नई दिल्‍ली: कोरोना वायरस के संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए सोशल डिसटेंसिंग को बनाए रखने के लिए पूरे भारत को लॉकडाउन किया गया है जिसके चलते शराब की दुकानें भी इस दौरान बंद हैं। अब महाराष्‍ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) प्रमुख राज ठाकरे ने मुख्‍यमंत्री ऑफिस (सीएमओ) को पत्र लिखकर राज्‍य में सभी शराब दुकानें खोलने की मांग की है। उन्‍होंने कहा है कि राज्‍य की आर्थिक स्थिति खराब हो रही है। शराब बिक्री से राजस्‍व प्राप्ति होती है। ऐसे में इन्‍हें खोलना ठीक रहेगा।

गौरतलब है कि देश में कोरोना वायरस संक्रमण के मामले लगातार बढ़ रहे हैं। अब तक देश में 21700 कोरोना केस सामने आ चुके हैं। इससे सर्वाधिक प्रभावित राज्‍य महाराष्‍ट्र है। कोविड 19 के प्रसार को रोकने के लिए देश में लॉकडाउन लगा हुआ है।

पीने वालों के बारे में सोचना नहीं है बल्कि राजस्व का मामला है

राज ठाकरे ने पत्र में स्पष्ट लिखा है कि उनकी मांग राज्य के राजस्व को ध्यान में रखते हुए की गई थी। शराब की दुकानों को शुरू करने का मतलब पीने वालों के बारे में सोचना नहीं है, बल्कि राज्य के घटते राजस्व के बारे में सोचना है। यह राज्य के राजस्व का मामला है, जो पूरे जोरों पर है।

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होटल कारोबार फिर से शुरू करने की मांग की

राज ने पत्र में लिखा है कि शराब की दुकानों से होने वाला राजस्व बहुत बड़ा है और राज्य को अब इसकी सख्त जरूरत है। राज ठाकरे ने मुख्य रूप से आम आदमी की जरूरतों को देखते हुए होटल कारोबार फिर से शुरू करने की मांग की है। राज ठाकरे ने मुख्यमंत्री को भेजे गए पत्र की तस्वीरें ट्वीट कीं। राज ने कहा, 'आज पिछले 35 दिनों से महाराष्ट्र में रेस्तरां और होटल पूरी तरह ठप हैं। होटल मालिकों और कर्मचारियों के साथ-साथ आम जनता पर भी इसका असर पड़ा है।

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ये होटल आम लोगों के लिए अब जरूरत हैं। ऐसे होटल और रेस्तरां की रसोई शुरू करने की आवश्यकता है।' उन्‍होंने कहा, 'इन छोटे रेस्तरां और होटलों की संख्या बहुत बड़ी है। ऐसा इसलिए है क्योंकि राज्य की बड़ी आबादी इन होटलों में मिलने वाली कम कीमत की चावल प्लेटों पर निर्भर करती है।

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