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Rajasthan News: डेड बॉडी रखकर प्रदर्शन करने वालों पर अब होगी कार्रवाई, मुआवजा नहीं मिलेगी सजा, जानें डिटेल्स

Rajasthan News: राजस्थान सरकार ने विधानसभा में एक नया बिल पास किया है। जिसके तहत अगर कोई भी व्यक्ति किसी के शव को रखकर विरोध प्रदर्शन करता है, तो उसे जेल जाना पड़ेगा।

Archana Pandey
Published on: 24 July 2023 10:07 AM GMT
Rajasthan News: डेड बॉडी रखकर प्रदर्शन करने वालों पर अब होगी कार्रवाई, मुआवजा नहीं मिलेगी सजा, जानें डिटेल्स
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dead bodies protest bill (Image- Social Media)

Rajasthan News: देश में अक्सर ऐसे मामले सामने आते हैं, जहां मौत के बाद परिजन या अन्य लोग मृतक की बॉडी चौराहे पर रख प्रदर्शन कर सरकार से मुआवजे की मांग करते हैं। अब ऐसा करने वालों को सरकार मुआवजा नहीं सजा देगी। उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। दरअसल राजस्थान सरकार ने विधानसभा में इसे लेकर एक नया बिल पास किया है। जिसके तहत अगर कोई भी व्यक्ति किसी के शव को रखकर विरोध प्रदर्शन करता है, तो उसे जेल जाना पड़ेगा।

अशोक गहलोत सरकार के इस बिल को राजस्थान ऑनर ऑफ डेड बॉडी 2023 नाम दिया गया है। जिसमें लिखा गया है कि कोई मृत व्यक्ति अंतिम संस्कार के अधिकार से वंचित न रहे, इस बिल को लाने का मकसद है। बिल में लिखा है कि जिस तरह से किसी जीवित व्यक्ति के साथ व्यवहार होता है, वैसा ही व्यवहार मृत व्यक्ति के साथ भी किया जाए।

क्यों लाया गया ऐसा बिल?

गहलोत सरकार में मंत्री शांति धारीवाल ने बताया कि राज्य सरकार ये बिल इसलिए लेकर आई है ताकि जो लोग शव रखकर 'अनुचित मांगें' करते हैं, उन पर लगाम लगाई जा सके। हाल ही में कई ऐसे मामले सामने आ चुके हैं। कुछ दिन पहले ही करौली में एक महिला की रेप के बाद हत्या कर दी गई थी। इसके बाद में परिजनों ने शव रखकर सरकारी नौकरी की मांग की थी।

कितनी सजा का है प्रावधान?

परिवार के सदस्यों के अलावा अगर कोई दूसरा व्यक्ति मृतक का शव रखकर प्रदर्शन करता है, तो उसे कम से कम 6 महीने की जेल की हो सकती है। इस सजा को पांच साल तक के लिए बढ़ाया भी जा सकता है। इसके साथ ही जुर्माना भी देना पड़ेगा।

अगर कोई परिवार अपने किसी रिश्तेदार का शव लेने से मना कर दें, तो एक साल की जेल या जुर्माना या दोनों सजा हो सकती है। अगर कोई परिवार अपने रिश्तेदार का शव किसी दूसरे व्यक्ति को प्रदर्शन के लिए देता है, तो उसे दो साल की जेल और जुर्माने की सजा दी जाएगी।

इसके अलावा अगर कोई अथॉराइज्ड व्यक्ति किसी मृत व्यक्ति से जुड़ा जेनेटिक डेटा या गोपनीय जानकारी सार्वजनिक करता है, तो उसे 3 से 10 साल की जेल और जुर्माने की सजा होगी।

Archana Pandey

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