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Rajasthan News: राजस्थान में कांग्रेस का बड़ा सियासी दांव, OBC आरक्षण बढ़ाने का गहलोत का ऐलान, जातिगत जनगणना भी होगी

Rajasthan News: राजस्थान के विधानसभा चुनाव में भाजपा कांग्रेस की मजबूत घेरेबंदी में जुटी हुई है। दूसरी ओर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत एक बार फिर सियासी बाजी जीतने के लिए लोकलुभावन घोषणाएं करने में जुटे हुए हैं।

Anshuman Tiwari
Published on: 10 Aug 2023 12:04 PM IST
Rajasthan News: राजस्थान में कांग्रेस का बड़ा सियासी दांव, OBC आरक्षण बढ़ाने का गहलोत का ऐलान, जातिगत जनगणना भी होगी
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Ashok Gehlot (PHOTO: social media )

Rajasthan News: राजस्थान में इस साल होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस ने बड़ा सियासी दांव चल दिया है। राज्य के जातीय समीकरण को साधने के लिए ओबीसी आरक्षण बढ़ाने का फैसला किया गया है। राज्य के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने राज्य में ओबीसी आरक्षण 21 फीसदी से बढ़कर 27 फीसदी करने की घोषणा की है। इसके अलावा मूल ओबीसी के लिए छह फीसदी अतिरिक्त आरक्षण भी दिया जाएगा। इसके साथ ही राज्य सरकार राजस्थान में जातिगत जनगणना भी कराएगी। विश्व आदिवासी दिवस पर बांसवाड़ा के मानगढ़ धाम में मुख्यमंत्री गहलोत की ओर से यह बड़ा ऐलान किया गया है।

राजस्थान के विधानसभा चुनाव में भाजपा कांग्रेस की मजबूत घेरेबंदी में जुटी हुई है। दूसरी ओर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत एक बार फिर सियासी बाजी जीतने के लिए लोकलुभावन घोषणाएं करने में जुटे हुए हैं। ओबीसी आरक्षण बढ़ाने की घोषणा को भी इसी कड़ी में देखा जा रहा है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की ओर से की गई यह घोषणा सियासी रूप से कांग्रेस को फायदा पहुंचाने वाली साबित हो सकती है।

राजस्थान में होगी जातिगत जनगणना

देश में कई विपक्षी दलों की ओर से जातिगत जनगणना कराने की मांग की जा रही है। कुछ राज्यों में विपक्षी दलों की सरकारों ने इस दिशा में कदम भी उठाया है। अब राजस्थान में भी मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने जातिगत जनगणना करने का बड़ा ऐलान किया है। मजे की बात यह है कि भाजपा की ओर से शुरुआत से ही जातिगत जनगणना का विरोध किया जा रहा है।

गहलोत से पूर्व सभा में कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने जातिगत जनगणना का मुद्दा उठाया था। उनका कहना था कि विभिन्न राज्यों में यह जनगणना कराई जानी चाहिए। इससे विभिन्न जातियों के लोगों को फायदा मिलेगा।

बाद में सभा को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि राहुल गांधी की मंशा के अनुरूप राजस्थान में जातिगत जनगणना कराई जाएगी। उन्होंने कहा कि हम इस सोच को आगे बढ़ना चाहते हैं कि जाति के आधार पर जिसका जितना हक है,वह उसे जरूर मिलना चाहिए। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी इसकी वकालत कर रहे हैं और राज्य में जातिगत जनगणना करने में जुटे हुए हैं।

ओबीसी आरक्षण बढ़ाने का बड़ा कदम

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने राज्य में ओबीसी आरक्षण को 21 फीसदी से बढ़ाकर 27 फीसदी करने का बड़ा ऐलान भी किया। राज्य सरकार के इस कदम के बाद राजस्थान में आरक्षण कोटा बढ़कर 70 फ़ीसदी पर पहुंच जाएगा। मौजूदा समय में राज्य में एससी को 16, एसटी को 12, ओबीसी को 21, ईडब्ल्यूएस को 10 और एमबीसी को पांच फ़ीसदी आरक्षण हासिल है।

गहलोत सरकार की ओर से उठाए गए इस कदम को बड़ा सियासी दांव माना जा रहा है। जानकारों का मानना है कि इस कदम के जरिए गहलोत ने ओबीसी मतदाताओं को लुभाने का प्रयास किया है। राज्य में ओबीसी आरक्षण बढ़ाने की मांग लंबे समय से की जाती रही है। कांग्रेस के अलावा कुछ अन्य दलों के नेता भी यह मांग करते रहे हैं और अब गहलोत ने इस मांग को पूरा करने की दिशा में बड़ा कदम उठा दिया है।

राजस्थान विधानसभा की ओर से जातिगत जनगणना करने का प्रस्ताव पहले ही पारित कराया जा चुका है। विधानसभा की ओर से पारित यह प्रस्ताव केंद्र सरकार को भेजा गया था और अब गहलोत ने इस प्रस्ताव पर भी अमल करने की बात कही है।

भाजपा और कांग्रेस के बीच जोर आजमाइश

राजस्थान में इस साल विधानसभा चुनाव होने वाले हैं और चुनावी बाजी जीतने के लिए भाजपा और कांग्रेस के बीच जबर्दस्त जोर आजमाइश चल रही है। राजस्थान में लंबे समय से भाजपा और कांग्रेस के बीच हर पांच साल पर सत्ता बदलने का सिलसिला चलता रहा है मगर इस बार कांग्रेस इस सिलसिले को तोड़ने की कोशिश में जुटी हुई है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत हाल के दिनों में पुरानी पेंशन बहाल करने के साथ ही कई अन्य लोकलुभावन घोषणाएं कर चुके हैं। अब उन्होंने जातीय समीकरण साधने की दिशा में बड़ा कदम उठाया है।

दूसरी ओर भाजपा भी जोरदार तरीके से राजस्थान में चुनावी बाजी जीतने की कोशिश में जुटी हुई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हाल के दिनों में राजस्थान के कई दौरे कर चुके हैं और जल्द ही उनका राजस्थान आने का कार्यक्रम प्रस्तावित है। पीएम मोदी ने अपनी पिछली सीकर रैली के दौरान राज्य सरकार पर भ्रष्टाचार का बड़ा आरोप लगाया था। अब यह देखने वाली बात होगी कि भाजपा की जबर्दस्त घेरेबंदी के बीच गहलोत का जातीय सियासी दांव कहां तक कारगर साबित होता है।



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Anshuman Tiwari

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