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Rajasthan Elections 2023:अपने तीन वफादारों को अभी तक टिकट नहीं दिला सके गहलोत, तीसरी सूची में भी नाम नहीं, कांग्रेस आलाकमान को दी थी चुनौती
Rajasthan Election 2023: ये तीनों नेता गहलोत कैंप से जुड़े हुए हैं और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के कट्टर समर्थक माने जाते हैं।
Rajasthan Election 2023: राजस्थान के विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस की ओर से तीन सूचियां जारी की जा चुकी हैं मगर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत अभी तक अपने तीन वफादारों को टिकट नहीं दिला सके हैं। कांग्रेस ने गुरुवार को राजस्थान चुनाव के लिए तीसरी सूची जारी कर दी जिसमें 19 प्रत्याशियों के नाम शामिल हैं। इस सूची में पार्टी के दिग्गज नेता और कैबिनेट मंत्री शांति धारीवाल,डॉ महेश जोशी और धर्मेंद्र राठौड़ का नाम शामिल नहीं था।
मजे की बात यह है कि ये तीनों नेता गहलोत कैंप से जुड़े हुए हैं और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के कट्टर समर्थक माने जाते हैं। हालांकि अभी तक इन नेताओं की सीटों पर किसी प्रत्याशी का नाम घोषित नहीं किया गया है। इन नेताओं ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के समर्थन में पार्टी आलाकमान के खिलाफ बागी तेवर दिखाए थे। सियासी हलकों में चर्चा है कि इसी कारण इन्हें अभी तक टिकट से वंचित रखा गया है। पार्टी में यह चर्चा भी सुनी जा रही है कि पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट की ओर से इन नेताओं को टिकट दिए जाने का विरोध किया जा रहा है।
तीसरी सूची में भी गहलोत के वफादारों का नाम नहीं
कांग्रेस की ओर से गुरुवार की शाम 19 उम्मीदवारों वाली तीसरी सूची जारी की गई। इस सूची में गहलोत सरकार के एक मंत्री समेत 11 मौजूदा विधायकों के नाम शामिल हैं मगर तीसरी सूची में भी मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के कट्टर समर्थक शांति धारीवाल, डॉ महेश जोशी और धर्मेंद्र राठौड़ का नाम शामिल नहीं है। कांग्रेस में इस बात की खूब चर्चा हो रही है कि आखिरकार पार्टी आलाकमान खुद को आंख दिखाने वाले इन तीनों प्रमुख चेहरों को अभी तक टिकट क्यों नहीं दिया है।
राजस्थान कांग्रेस में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट की अदावत किसी से छिपी हुई नहीं है। हालांकि पायलट ने हाल में संकेत दिया था कि वे गहलोत के इन तीनों करीबियों समेत अन्य समर्थकों को टिकट दिए जाने का विरोध नहीं करेंगे मगर राजनीति में जो कुछ कहा जाता है, वह पूरी तरह सच नहीं होता। इसलिए यह भी चर्चा हो रही है कि पायलट ने इनके नामों पर वीटो लगा रखा है।
गहलोत अभी तक अपने तमाम समर्थकों को टिकट दिलाने में कामयाब हुए हैं मगर इन तीन करीबियों को टिकट दिलाने में उन्हें अभी तक कामयाबी नहीं मिल सकी है।
पार्टी आलाकमान को दी थी चुनौती
दरअसल पिछले साल हुई एक घटना के कारण गहलोत के ये तीनों करीबी एक बड़े विवाद में फंसे हुए हैं। 25 सितंबर 2022 को कैबिनेट मंत्री शांति धारीवाल और महेश जोशी की अगुवाई में कांग्रेस हाईकमान के खिलाफ बगावत हुई थी। सोनिया गांधी के आदेश पर राजस्थान में मुख्यमंत्री निवास पर विधायक दल की बैठक बुलाई गई थी। धारीवाल, जोशी और आरटीडीसी के चेयरमैन धर्मेन्द्र राठौड़ ने गहलोत समर्थक करीब 80 विधायकों के साथ विधायक दल की बैठक का बहिष्कार किया था।
मुख्यमंत्री निवास पर सीएम अशोक गहलोत, तत्कालीन मुख्य पर्यवेक्षक मल्लिकार्जुन खड़गे,तत्कालीन प्रदेश प्रभारी अजय माकन सहित कुछ विधायक इंतजार करते रहे,लेकिन करीब 80 विधायक बैठक में हिस्सा लेने के लिए नहीं पहुंचे।
बाद में इस मामले को लेकर तीनों नेताओं को कांग्रेस हाईकमान की ओर से नोटिस जारी किया गया था मगर अभी तक इन नेताओं के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई है। बाद में पार्टी हाईकमान के खिलाफ बागी तेवर दिखाने के कारण मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सोनिया गांधी से मुलाकात करके माफी भी मांगी थी।
अब पार्टी हाईकमान दिखा रहा अपनी ताकत
माना जा रहा है कि पार्टी हाईकमान भी अब इन नेताओं को अपनी ताकत का एहसास करवा रहा है। यही कारण है कि गहलोत कैबिनेट में नंबर दो की पोजीशन रखने वाले शांति धारीवाल को अभी तक टिकट देने का ऐलान नहीं किया गया है। पार्टी की पहली सूची में इन नेताओं का नाम शामिल न होने पर उम्मीद जताई जा रही थी कि दूसरी सूची में इन्हें टिकट दिया जा सकता है मगर तीसरी सूची में भी इन नेताओं का नाम गायब है।
कांग्रेस की ओर से राजस्थान की 200 सीटों में से अभी तक 95 सीटों पर प्रत्याशियों के नाम घोषित किए जा चुके हैं। तीनों सूचियों को देखकर माना जा रहा है कि गहलोत और पायलट अपने करीबियों को टिकट दिलाने में कामयाब हुए हैं मगर अभी तक गहलोत के तीन करीबियों को टिकट न मिलने पर सवाल भी उठाए जा रहे हैं।
हालांकि अभी तक इन नेताओं की सीटों पर किसी दूसरे प्रत्याशियों का नाम नहीं घोषित किया गया है। इसलिए इन नेताओं की उम्मीद अभी भी बनी हुई है।