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गुर्जर आंदोलन का आज निर्णायक दिन, चक्‍का जाम पर टिकी निगाहें

राजस्‍थान में पिछले आठ दिनों से जारी गुर्जर आंदोलन में सोमवार का दिन निर्णायक साबित हो सकता है। गुर्जर आंदोलन संघर्ष समिति के अध्‍यक्ष कर्नल किरोडी सिंह बैंसला ने नौ नवंबर को राजस्‍थान में चक्‍का जाम का ऐलान किया है।

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Published on: 9 Nov 2020 9:58 AM IST
गुर्जर आंदोलन का आज निर्णायक दिन, चक्‍का जाम पर टिकी निगाहें
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गुर्जर आंदोलन का आज निर्णायक दिन, चक्‍का जाम पर टिकी निगाहें

जयपुर: राजस्‍थान में पिछले आठ दिनों से जारी गुर्जर आंदोलन में सोमवार का दिन निर्णायक साबित हो सकता है। गुर्जर आंदोलन संघर्ष समिति के अध्‍यक्ष कर्नल किरोडी सिंह बैंसला ने नौ नवंबर को राजस्‍थान में चक्‍का जाम का ऐलान किया है। इंटरनेट सेवाएं इस दौरान सरकार ने बंद कर दी हैं जिससे ठीक सूचनाएं नहीं मिल पा रही हैं। आंदोलन कारियों के तेवर को देखते हुए रेलवे ने अपनी कई ट्रेनों का संचालन रोक दिया है।

इंटरनेट सेवाएं बंद

गुर्जर आंदोलन के अगुवा कर्नल किरोडी सिंह बैंसला पिछले कई दिनों से लगातार अलग-अलग जिलों में जाकर लोगों को नौ नवंबर के आंदोलन में शिरकत करने के लिए तैयार कर रहे हैं। शनिवार को उन्‍होंने दौसा जिले के बावनपाडा पहुंच कर गुर्जर समाज के पंच पटेलों के साथ गहन मंत्रणा की है। गुर्जर आंदोलन को देखते हुए प्रदेश सरकार ने करौली और भरतपुर जिलों में पिछले एक सप्ताह से इंटरनेट सेवाएं बंद कर रखी हैं। इनके अतिरिक्त सवाई माधोपुर, दौसा, जयपुर की 5 तहसीलों और अलवर के कुछ इलाकों में भी इंटरनेट बंद है।

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सरकार और आंदोलनकारियों के बीच इस दौरान कई दौर की वार्ता हो चुकी है लेकिन अब तक सहमति नहीं बन पाई है। गहलोत सरकार के मंत्री चांदना लगातार आंदोलनकारियों के संपर्क में हैं। कर्नल बैंसला के करीबी हालांकि दावा कर रहे हैं कि वार्ता बेहद अहम मोड पर है। किसी भी दिन निर्णायक फैसला हो सकता है। सरकार ने गुर्जर समाज की मांगों को पूरा करने की दिशा में सकारात्‍मक रुख दिखाया है।

राजस्थान में जारी गुर्जर आंदोलन के चलते ट्रेन सेवा बुरी तरह प्रभावित हुई है। इस आंदोलन के कारण रेलवे को कई ट्रेनों को कैंसल करना पड़ रहा है और कई ट्रेनें डायवर्ट भी की गई हैं। गुर्जर समाज आंदोलन को विस्तार देने की रणनीति में जुट जुट गया है।

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पीलूपुरा में आंदोलकारी घटे

भरतपुर के बयाना में स्थित पीलूपुरा गांव के सामने रेलवे ट्रैक पर कब्‍जा जमाकर बैठे गुर्जर आंदोलनकारियों के तेवर ढीले पडते दिखाई दे रहे हैं। रविवार को प्रदर्शनकारियों की तादाद गिनती में सिमट कर रह गई। गुर्जर आंदोलनकारियों में भी फूट पड चुकी है। कई गुर्जर नेता अब कर्नल किरोडी सिंह बैंसला पर भी उंगली उठाने लगे हैं। उन पर बेटे की राजनीति चमकाने के आरोप लग रहे हैं। ऐसे में अब सभी की निगाहें सोमवार के चक्‍का जाम पर हैं। अगर चक्‍का जाम सफल नहीं हुआ तो कर्नल बैंसला की गुर्जर राजनीति का चक्‍का जाम हो जाएगा।

अखिलेश तिवारी



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