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Rajasthan Political Crisis: राजस्थान संकट सुलझाने को कांग्रेस की आज बड़ी बैठक, सचिन पायलट की भूमिका पर हो सकता है फैसला

Rajasthan Political Crisis: छत्तीसगढ़ कांग्रेस में भूपेश बघेल और टीएस सिंह देव के बीच विवाद सुलझाने के बाद अब कांग्रेस का शीर्ष नेतृत्व राजस्थान संकट सुलझाने की कोशिश में जुट गया है। इस सिलसिले में आज दिल्ली में पार्टी नेताओं की बड़ी बैठक बुलाई गई है।

Anshuman Tiwari
Published on: 6 July 2023 7:50 AM IST
Rajasthan Political Crisis: राजस्थान संकट सुलझाने को कांग्रेस की आज बड़ी बैठक, सचिन पायलट की भूमिका पर हो सकता है फैसला
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Rajasthan Political Crisis (Photo:Social Media)

Rajasthan Political Crisis: राजस्थान कांग्रेस का संकट पार्टी नेतृत्व के लिए लंबे समय से बड़ी मुसीबत बना हुआ है। राजस्थान में इस साल होने वाले विधानसभा चुनाव ने पार्टी नेतृत्व की मुश्किलें और बढ़ा दी हैं। छत्तीसगढ़ कांग्रेस में भूपेश बघेल और टीएस सिंह देव के बीच विवाद सुलझाने के बाद अब कांग्रेस का शीर्ष नेतृत्व राजस्थान संकट सुलझाने की कोशिश में जुट गया है। इस सिलसिले में आज दिल्ली में पार्टी नेताओं की बड़ी बैठक बुलाई गई है।

कांग्रेस सूत्रों के मुताबिक पार्टी मुख्यालय में होने वाली इस बैठक में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और पार्टी के वरिष्ठ नेता राहुल गांधी भी हिस्सा लेंगे। राजस्थान कांग्रेस के प्रमुख नेताओं को भी इस बैठक में तलब किया गया है। माना जा रहा है कि इस बैठक के दौरान मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और राज्य के पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट के बीच चल रहे विवाद को सुलझाने की कोशिश की जाएगी। सचिन पायलट की भूमिका पर भी बड़ा फैसला लिया जा सकता है। बैठक के दौरान राजस्थान में पार्टी की चुनावी रणनीति पर भी चर्चा की जाएगी।

भाजपा ने बढ़ाई कांग्रेस की चुनौतियां

राजस्थान में लंबे समय से हर पांच साल पर भाजपा और कांग्रेस के बीच सत्ता बदलती रही है। भाजपा ने इस बार विधानसभा चुनाव जीतने के लिए पहले ही पूरी ताकत लगा रखी है। इसलिए राज्य में कांग्रेस की चुनौतियां काफी बढ़ गई हैं।
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और सचिन पायलट के बीच विवाद न सुलझने के कारण कांग्रेस की चुनावी संभावनाओं पर प्रतिकूल असर पड़ रहा है। यही कारण है कि पार्टी नेतृत्व अब जल्द से जल्द इस विवाद का निपटारा करने की कोशिश में जुटा हुआ है।

पिछली बैठक में नहीं सुलझ सका विवाद

राजस्थान कांग्रेस का संकट सुलझाने के लिए कांग्रेस नेतृत्व की ओर से पिछले दिनों भी एक बड़ी बैठक की गई थी। इस बैठक में हिस्सा लेने के लिए अशोक गहलोत और सचिन पायलट के अलावा राज्य के कुछ और प्रमुख नेता भी दिल्ली पहुंचे थे। बैठक के बाद कांग्रेस के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल का कहना था कि आने वाले विधानसभा चुनाव में अशोक गहलोत और सचिन पायलट मिलकर लड़ाई लड़ेंगे।
इस बैठक के बाद गहलोत और पायलट के बीच विवाद सुलझने की उम्मीद जताई गई थी। हालांकि दोनों नेताओं के बीच विवाद सुलझता हुआ नहीं दिखा। इसी कारण पार्टी के शीर्ष नेतृत्व की ओर से आज फिर बैठक बुलाई गई है।

सचिन की भूमिका पर हो सकता है फैसला

कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे हाल के दिनों में चुनावी राज्यों में प्रदेश स्तरीय नेताओं के साथ लगातार बैठक करने में जुटे हुए हैं। मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और मिजोरम के कांग्रेस नेताओं के साथ वे पहले ही अलग-अलग बैठकें कर चुके हैं। इस कड़ी में आज राजस्थान को लेकर कांग्रेस की बैठक को काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है। जानकारों का कहना है कि आज की बैठक के दौरान सचिन पायलट की भूमिका को लेकर बड़ा फैसला लिया जा सकता है।
कांग्रेस नेतृत्व राजस्थान विधानसभा चुनाव के दौरान सचिन पायलट की भूमिका को महत्वपूर्ण मान रहा है। अब ऐसे में यह देखने वाली बात होगी कि सचिन पायलट को संतुष्ट करने के लिए कांग्रेस नेतृत्व की ओर से कौन सा कदम उठाया जाता है। उन्हें राज्य में चुनाव अभियान समिति का अध्यक्ष बनाए जाने की भी चर्चाएं हैं। एक चर्चा यह भी है कि उन्हें पार्टी का राष्ट्रीय महासचिव बनाने के साथ राष्ट्रीय कार्यकारिणी का सदस्य भी बनाया जा सकता है।

लंबे समय से दोनों नेताओं में तनातनी का रिश्ता

आज होने वाली बैठक में प्रदेश कांग्रेस के सभी बड़े नेता हिस्सा लेंगे। जानकारों का कहना है कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के पांव में फ्रैक्चर है। ऐसे में माना जा रहा है कि अशोक गहलोत वर्चुअल ढंग से दिल्ली की बैठक में हिस्सा ले सकते हैं। राजस्थान में 2018 के विधानसभा चुनाव के बाद गहलोत और सचिन पायलट दोनों मुख्यमंत्री पद के दावेदार बनकर उभरे थे। हालांकि बाद में कांग्रेस नेतृत्व की ओर से गहलोत के नाम पर मुहर लगाई गई थी।

सचिन पायलट को राज्य का डिप्टी सीएम बनाया गया था मगर 2020 में उन्होंने गहलोत के खिलाफ अपने समर्थक विधायकों के साथ बगावत कर दी थी। कांग्रेस के बड़े नेताओं के दखल देने पर पायलट की पार्टी में वापसी तो हो गई थी मगर गहलोत के साथ उनका सामंजस्य आज तक नहीं बैठ सका है। दोनों नेताओं के बीच लंबे समय से तनातनी का रिश्ता बना हुआ है। अब ऐसे में यह देखने वाली बात होगी कि आज की बैठक का क्या नतीजा निकलता है।



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Anshuman Tiwari

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