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सचिन पायलट का एलान: किसान महापंचायत में दिखाया दमखम, अब दिल्ली की तैयारी
संयुक्त किसान मोर्चा के बैनर तले आयोजित हो रही इस किसान महापंचायत में पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट हिस्सा लेने पहुंचे। इस दौरान दिग्गज कांग्रेस नेता ने कहा कि इन कृषि कानूनों को बनाने में किसी भी राज्य सरकार से बात नहीं की गई।
दौसा: नए कृषि कानूनों के खिलाफ किसान संगठनों के आंदोलन को 70 दिन से भी ज्यादा हो गए। किसानों के समर्थन में अब भाजपा सरकार के सभी विरोधी दल आवाज उठा रहे हैं। आज राजस्थान में कांग्रेस सचिन पायलट की अगुवाई में किसान-सम्मेलन हुआ। इस महापंचायत में एक लाख से ज्यादा किसानों के शामिल होने का अनुमान है। यह महापंचायत दौसा के राजेश पायलट स्टेडियम में आयोजित है। यहां जुटने वाली भीड़ को सचिन पायलट के शक्ति परीक्षण के तौर पर भी देखा जा रहा है। राजस्थान की सत्ताधारी पार्टी कांग्रेस ने इस महापंचायत की तैयारियों में पूरी ताकत झोंक दी है। इसमें बड़ी तादाद में गुर्जर समाज शामिल है।
किसान महापंचायत में पायलट की आवाज
संयुक्त किसान मोर्चा के बैनर तले आयोजित हो रही इस किसान महापंचायत में पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट हिस्सा लेने पहुंचे। इस दौरान दिग्गज कांग्रेस नेता ने कहा कि इन कृषि कानूनों को बनाने में किसी भी राज्य सरकार से बात नहीं की गई। ये ऐसे कानून बना दिए गए हैं जिसका विरोध पूरे देश में हो रहे है। दिल्ली में किसान पिछले तीन महीने से आंदोलन कर रहे हैं। आखिर वो किसके लिए संघर्ष कर रहे हैं। सचिन पायलट ने कहा कि केंद्र सरकार कहती है कि कृषि कानून किसानों के हित में हैं लेकिन इन कृषि कानूनों से आने वाले भविष्य में किसानों को बड़ा नुकसान होगा।
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किसान के साथ केंद्र की सरकार कुठाराघात
सचिन पायलट ने कहा कि कृषि कानूनों के विरोध में किसान दिल्ली में सड़कों पर है लेकिन केंद्र सरकार की बेरुखी किसानों को यातना दे रही है। देश का 86% तबका किसान है और उस किसान के साथ केंद्र की सरकार कुठाराघात कर रही है।
पायलट ने कहा कि चंद उद्योगपतियों की वजह से केंद्र सरकार किसानों का भविष्य अंधेरे में धकेल रही है। केंद्र सरकार कहती है कि किसान अपनी फसल कहीं भी दे सकता है। वह काम तो किसान आज भी कर रहे हैं लेकिन इन कानूनों की आड़ में मंडियों को चौपट किया जा रहा है।
देश के किसानों के लिए हम सब एक
पायलट ने यह भी कहा कि हो सकता है कि देश के किसानों के लिए हम सब एक हैं। पायलट ने कहा 26 जनवरी के दिन दिल्ली के लाल किले पर तिरंगे का जो अपमान हुआ, उसकी मैं कड़े शब्दों में निंदा करता हूं और उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए लेकिन उसकी आड़ में सैकड़ों किसानों के खिलाफ सरकार ने मुकदमा दर्ज कर लिए उनके खिलाफ कार्रवाई की जा रही है। उन्हें प्रताड़ित किया जा रहा है, यह अन्याय सहन नहीं करेंगे।
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हर परिस्थिति में किसानों के साथ
पायलट ने कहा कि किसान हमारे आतंकवादी, अलगाववादी या उग्रवादी नहीं हैं। पायलट ने राहुल गांधी का भी धन्यवाद देते हुए कहा कि उन्होंने भी किसानों की आवाज उठाई। मैं वादा करता हूं कि हर परिस्थिति में किसानों के साथ खड़ा रहूंगा।
किसान पंचायत में उनियारा विधायक हरीश मीणा, टोडाभीम विधायक पी आर मीणा, मसूदा विधायक राकेश पारीक, चाकसू विधायक वेद प्रकाश सोलंकी, दौसा विधायक मुरारी लाल मीणा, बांदीकुई के विधायक गजराज खटाना सहित हजारों की तादात में किसान शामिल हुए।