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राम मंदिर ट्रस्ट में ब्राह्मण ही क्यों? कांग्रेस नेताओं में सिर फुटौव्वल

राम मंदिर ट्रस्ट के सदस्यों की जाति को लेकर कांग्रेस नेता आपस में ही भिड़ गए हैं। लोकसभा चुनाव से ठीक पहले बीजेपी से कांग्रेस में शामिल हुए उदित राज ने ट्वीट क कहा कि भारत में दलितों की आबादी ब्राह्मणों से तीन गुना ज्यादा है

Dharmendra kumar
Published on: 7 Feb 2020 8:04 PM IST
राम मंदिर ट्रस्ट में ब्राह्मण ही क्यों? कांग्रेस नेताओं में सिर फुटौव्वल
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नई दिल्ली: राम मंदिर ट्रस्ट के सदस्यों की जाति को लेकर कांग्रेस नेता आपस में ही भिड़ गए हैं। लोकसभा चुनाव से ठीक पहले बीजेपी से कांग्रेस में शामिल हुए उदित राज ने ट्वीट क कहा कि भारत में दलितों की आबादी ब्राह्मणों से तीन गुना ज्यादा है फिर राम मंदिर ट्रस्ट को ब्राह्मणों के भरोसे कैसे छोड़ा जाए। इसके बाद कांग्रेस प्रवक्ता राजीव त्यागी और जतिन प्रसाद ने अपनी पार्टी के नेता उदित राज के खिलाफ ट्विटर पर मोर्चा खोल दिया है।

कांग्रेस के प्रवक्ता राजीव त्यागी ने उदित राज को बहस की चुनौती दे दी तो पूर्व केंद्रीय मंत्री जितिन प्रसाद ने भी उदित राज को आड़े हाथों ले लिया। दरअसल उदित राज ने राम मंदिर ट्रस्ट और दलितों को लेकर ट्वीट किया। इसके साथ ही ब्राह्मणों के माल उड़ाने की बात कही थी।

दलित नेता उदित राज ने गुरुवार को अपने ऑफिशल ट्विटर से ट्वीट किया कि भारत में हुई आखिरी जनगणना के मुताबिक, दलितों की आबादी ब्राह्मणों से तीन गुना है फिर 'सरकारी' राम मंदिर ट्रस्ट सिर्फ ब्राह्मणों के भरोसे कैसे छोड़ा जाए। सरकार बेईमानी कर रही है। बहुजनों से लठैती करवाती है और माल (ट्रस्ट) उड़ाए ब्राह्मण।

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इसके बाद कांग्रेस नेता राजीव त्यागी ने उदित राज को जवाब दिया। उन्होंने कहा कि ब्राह्मण होना कोई पाप नहीं है। उन्होंने आगे लिखा कि मेरी चुनौती है कि कोई भी व्यक्ति इस विषय पर बहस कर ले।



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तो वहीं जितिन प्रसाद ने उदित राज को कांग्रेस की परंपरा समझाते हुए कहा कि जो भी विषय हो, कांग्रेस की परंपरा किसी भी जाति या समुदाय पर प्रहार करने की नहीं है। मेरा मानना है कि कांग्रेस की नीति अनुसूचित जातियों के पक्ष में विशेष सकारात्मक प्रावधानों के साथ सभी के लिए समान अवसर की है।



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बता दें कि बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संसद में मंदिर निर्माण के लिए एक स्वायत्त ट्रस्ट के गठन का ऐलान किया था। इसके बाद गृह मंत्री अमित शाह ने कहा था कि इस राम जन्मभूमि तीर्थ ट्रस्ट में 15 सदस्य होंगे, जिनमें से एक सदस्य हमेशा दलित समाज का रहेगा। ट्रस्ट के सभी सदस्यों का हिंदू धर्मावलंबी होना अनिवार्य बनाया गया है। रामलला का केस लड़ने वाले वकील के. परासरन ट्रस्ट के अध्यक्ष बनाए गए हैं।



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Dharmendra kumar

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