×

रामलला को किया जाएगा ट्रांसफर, जानिए क्या है बड़ी वजह

सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर श्रीराम जन्म भूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट का गठन किए जाने के बाद अब अयोध्या में भव्य राम मंदिर निर्माण को लेकर कवायद शुरू हो गई है।

Deepak Raj
Published on: 19 Feb 2020 1:55 PM GMT
रामलला को किया जाएगा ट्रांसफर, जानिए क्या है बड़ी वजह
X

नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर श्रीराम जन्म भूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट का गठन किए जाने के बाद अब अयोध्या में भव्य राम मंदिर निर्माण को लेकर कवायद शुरू हो गई है। मंदिर निर्माण को लेकर विराजमान रामलला और भाइयों के विग्रह को अन्यत्र स्थानांतरित (ट्रांसफर) किया जाएगा।

ये भी पढ़ें- राम मंदिर पर बड़ी खबर: सरकार ने किया ऐलान, इनको मिली ये जिम्मेदारी

विग्रह को शिफ्ट करने के लिए उचित स्थान की तलाश शुरू कर दी गयी है। राम नगरी के साधु-संतों का कहना है कि रामलला की शिफ्टिंग के लिए परिसर के ही मानस भवन सबसे उपयुक्त स्थान है। यहां पर पक्का निर्माण है और दर्शनार्थियों के लिए दर्शन-पूजन भी आसान होगा।

नवरात्रि में टेंट से बाहर आयेंगे रामलला

अयोध्या में सब कुछ ठीक रहा तो फिर नवरात्रि में रामलला टेंट से बाहर आ जायेंगे। 25 मार्च से नवरात्रि का पर्व शुरू हो रहा है। इस दौरान अयोध्या में श्रद्धालुओं की भीड़ लगी रहती है। सरयू नदी में स्नान के बाद भगवान राम की पूजा की परंपरा रही है।

भव्य राम मंदिर बनने का काम अभी शुरू नहीं हुआ है। इसे बनने में महीनों लग सकते हैं । ये तय हो चुका है कि रामलला को तब तक टेंट में न रखा जाए। उन्हें एक बुलेट प्रूफ़ मंदिर नुमा कॉटेज में रखा जाएगा। जिसे बनाने का काम शुरू हो चुका है। नवरात्रि में लोग रामलला के दर्शन इसी कॉटेज में करेंगे।

केंद्र सरकार ने ट्रस्ट का गठन कर दिया है

राम जन्मभूमि के मुख्य अर्चक आचार्य सत्येंद्र दास का कहना है कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर भव्य राम मंदिर निर्माण के लिए केंद्र सरकार ने ट्रस्ट का गठन कर दिया है। राम मंदिर के निर्माण का निर्णय नवगठित श्री राम जन्म भूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट को लेना है।

जन्मभूमि पर भव्य राम मंदिर का निर्माण किया जाना है। निर्माण के लिए जमीन का समतलीकरण करना पड़ेगा। ऐसे में निश्चित है कि बाल रूप में विराजमान रामलला और उनके भाइयों भरत, लक्ष्मण और शत्रुघ्न के विग्रह को अनियंत्रित स्थानांतरित करना होगा।

भव्य बनकर तैयार होगा राम मंदिर

इंजीनियरों की टीम ने परिसर का नाप-जोख किया है और हर संभावनाओं को लेकर खाका तैयार कर रहे हैं। प्रस्तावित राम मंदिर ऐसा होगा जिसके प्रांगण में एक लाख लोग एकत्र होकर दर्शन-पूजन और आरती में शामिल हो सकेंगे।

विराजमान बाल रूप रामलला को दर्शन मार्ग के बगल मानस भवन के गलियारे में भी शिफ्ट किया जा सकता है। यहां लोग निकट से दर्शन कर सकेंगे और श्रद्धालुओं के पूजन-अर्चन और परिक्रमा मार्ग की भी व्यवस्था है।

हनुमानगढ़ी के पुजारी राजू दास ने कही ये बात

उधर मानस भवन परिसर में भी एक मंदिर है, जहां पर मूर्तियां प्रतिष्ठित हैं और पूजन-अर्चन होता है। मानस भवन के मंदिर में भी विराजमान रामलला और उनके भाइयों के विग्रह को शिफ्ट किया जा सकता है। हालांकि निर्णय नवगठित श्री राम जन्म भूमि ट्रस्ट को लेना है। जिसकी बैठक बुधवार को दिल्ली में हो रही है।

हनुमानगढ़ी के पुजारी राजू दास का कहना है कि जन्मभूमि पर भव्य और दिव्य राम मंदिर के निर्माण का मार्ग प्रशस्त (साफ) हो चुका है। राम मंदिर निर्माण के लिए ट्रस्ट का गठन किया जा चुका है और ट्रस्ट को निर्णय लेना है कि निर्माण कब और कैसे शुरू होगा? जन्मभूमि पर बहुत विशाल मंदिर बनने वाला है।

ये भी पढ़ें- योगी सरकार का फरमान, शांति-व्यवस्था प्रभावित करने वालों से ऐसे निपटेगी प्रशासन

हम लोगों की मांग थी कि फैसले के बाद टेंट में विराजमान रामलला को आधुनिक टेंट में कर दिया जाए। मंदिर निर्माण के लिए जगह का समतलीकरण किया जाएगा ऐसे में विग्रह को आगे-पीछे करना पड़ेगा। यह निर्णय नवगठित श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट को लेना है।

रामलला के प्रकट होने के बाद से ही इसी स्थान पर पूजन-अर्चना हो रही है

वहीं विश्व हिंदू परिषद के प्रवक्ता शरद शर्मा का कहना है कि जन्मभूमि पर भव्य राम मंदिर के निर्माण का फैसला श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट को लेना है। वर्ष 1992 से रामलला वहीं पर टेंट में विराजमान हैं। 1949 में रामलला के प्रकट होने के बाद से ही इसी स्थान पर पूजन-अर्चना हो रही है।

Deepak Raj

Deepak Raj

Next Story