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Ramadan 2023: आज से रमजान का पवित्र महीना शुरू, जानें क्या होता है इफ्तार और सहरी
Ramadan 2023: रमजान के शुरू होते ही इस्लाम धर्म को मानने वाले लोग रोजा रखना शुरू कर देते हैं। माना जाता है कि रमजान की शुरूआत चांद दिखऩे के अगले दिन से होता है।
Ramadan 2023: इस्लामिक कैलेंडर का सबसे पवित्र महीना जिसे रमजान का महीना कहा जाता है, आज यानी शुक्रवार 24 मार्च से शुरू हो गया है। रमजान के शुरू होते ही इस्लाम धर्म को मानने वाले लोग रोजा रखना शुरू कर देते हैं। माना जाता है कि रमजान की शुरूआत चांद दिखऩे के अगले दिन से होता है। रमजान का महीना कभी 29 तो कभी 30 दिन का होता है। अरबी भाषा में रमजान के महीने को माह-ए-सियाम कहा जाता है क्योंकि उपवास को अरबी में सियाम कहा जाता है।
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वहीं, भारत के मुसलमानों के बीच प्रचलित रोजा शब्द फारसी भाषा से आया है। फारसी भाषा में उपवास को रोजा कहा जाता है। आज पहला रोजा है। इस्लाम धर्म के मुताबिक, इस पाक महीने में हर मुसलमान को रोजा रखना चाहिए। रोजा की शुरूआज सुबह सहरी के साथ होती है और फिर शाम में इफ्तार करके रोजा खोला जाता है। तो आइए समझते हैं सहरी और इफ्तार के बारे में –
सहरी
इस्लामिक मान्यताओं के मुताबिक, रोजे की शुरूआत सुबह सूरज निकलने से पहले फज्र की अजान के साथ होती है। इस समय सहरी ली जाती है यानी की सूर्य उगने से पहले खाना खाया जाता है। सहरी करने का समय पहले ही निर्धारित कर दिया जाता है। सेहरी में दूध, फलों या अन्न से बनी चीजों का सेवन किया जा सकता है। सेहरी के बाद एक दुआ पढ़ी जाती है, जिसके बाद से रोजा शुरू हो जाता है।
इफ्तार
सहरी के बाद रोजा रखने वाले मुसलमान दिन-भर बिना कुछ खाए – पीए रहते हैं। शाम को नमाज पढ़ने के बाद खजूर खाकर रोजा खोलते हैं। यह शाम को सूरज ढ़लने के बाद मगरिब की अजान होने पर खोला जाता है। इसी को इफ्तार कहा गया है। इफ्तार में भी फल, दूध से लेकर अन्न की बनी चीजों का सेवन किया जा सकता है। शाम में रोजा खोलने के बाद अगली सुबह सेहरी तक ही कुछ खाया- पिया जा सकता है।