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किताब पढ़ने के शौकीनों के लिए खुशखबरी, रांची के युवकों ने शुरू किया स्टार्टअप
कंपनी का कंसेप्ट को लेकर रांची के विश्वजीत कुमार किताब दुकानदारों के पास पहुंचे। उन्हे समझाया कि, लोगों को अगर घर बैठे किताबें मिल जाएंगी तो उनका भी फायदा होगा।
रांची: स्टार्ट अप की दुनिया में वनटच बुक का नाम नया है। हालांकि, झारखंड की राजधानी रांची में अब ये नाम ज़ुबान पर चढ़ने लगा है। राजधानी के सात पढ़े-लिखे युवकों ने पढ़ने वालों की ज़रूरत को ध्यान में रखा और शुरू कर दिया घर बैठे मनमाफिक किताब मंगाने की सुविधा। गूगल में जाकर कंपनी के पेज पर ऑर्डर करना है और बस एक घंटे में आपकी मनपसंद किताब आपके हाथों में होगी। कंपनी शुरू करने वाले विश्वजीत ने बताया कि, व्यक्ति का समय किताब पढ़ने में लगना चाहिए नाकि, किताब ढूंढने में। लिहाज़ा, उन्होने अपने दोस्तों के साथ मिलकर नई कंपनी शुरू कर दी।
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व्हाट्सअप से जुड़े हैं किताब दुकानदार
jharkhand-matter (PC: social media)
कंपनी का कंसेप्ट को लेकर रांची के विश्वजीत कुमार किताब दुकानदारों के पास पहुंचे। उन्हे समझाया कि, लोगों को अगर घर बैठे किताबें मिल जाएंगी तो उनका भी फायदा होगा। कोविड 19 के दौर में वैसे भी लोग घरों से निकलना नहीं चाहते हैं। लिहाज़ा, वनटच कंपनी के साथ जुड़कर लोगों की किताबें पढ़ने का शौक पूरा कर सकते हैं। हालांकि, दुकानदार ज्यादा प्रभावित नहीं हुए। उन्हे कंपनी का नज़रिया प्रैक्टिकल नहीं लगा। ऐसे में विश्वजीत को कई महीने लग गए दुकानदारों को समझाने में। आखिरकार विद्या सागर नाम के एक दुकानदार को उनकी बात अच्छी लगी और कंपनी ने चलना शुरू कर दिया।
किताब दुकानदारों की प्रतिक्रिया
रांची के किताब दुकानकारों के लिए घरों तक डिलिवरी करना नया कंसेप्ट है। लिहाज़ा, एक-एक कर दुकानदार वनटच बुक से जुड़ते जा रहे हैं। विद्या सागर दुकान के मालिक अशोक मक्कड़ कहते हैं कि, वैसे भी कोविड में कारोबार बहुत अधिक प्रभावित हुआ है। स्कूल-कॉलेज बंद रहने से किताबें नहीं बिक रही हैं। रांची के कुछ युवक उनके पास आए और उन्होने ऑनलाइन किताबों का ऑर्डर लेकर डिलिवरी का आइडिया प्रस्तुत किया जो उन्हे पंसद आया। लिहाज़ा, उन्होने युवकों का साथ देने का मन बनाया। उनके इस फैसले से किताबों की बिक्री भी बढ़ी है और महामारी के इस दौर में कारोबार भी सुधरा। उम्मीद है आने वाले दिनों में और भी ऑर्डर मिलेंगे।
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झारखंड में बंद हैं स्कूल-कॉलेज
कोविड के कारण झारखंड के स्कूल और कॉलेज बंद हैं। सरकार ने शैक्षणिक संस्थानों को खोलने को लेकर अबतक कोई मन नहीं बनाया है। लिहाज़ा, किताब दुकानदारों को इसकी भारी कीमत चुकानी पड़ रही है। सरकारी और प्राइवेट स्कूलों में ऑनलाइन क्लास के माध्यम से ही पढ़ाई जारी रखी जा रही है। ग्रामीण क्षेत्रों में इसकी भी सुविधा नहीं है। ऐसे में शैक्षणिक गतिविधियों और किताब के कारोबार से जुड़े लोग परेशान हैं।
रिपोर्ट- शाहनवाज़
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