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दुष्कर्म की घटनाओं में पंजाब भी अब पीछे नहीं
दुर्गेश पार्थसारथी
अमृतसर। हैदराबाद में कुछ दिनों पहले महिला वेटरनरी डॉक्टर से सामूहिक दुष्कर्म और हत्या के बाद उसे जला देने व एक सप्ताह के भीतर ही आरोपियों के एनकाउंटर ने एक नई बहस छेड़ दी है। इसके बाद उत्तर प्रदेश के उन्नाव में दुष्कर्म पीडि़ता को जिंदा जला देने की घटना ने सियासत भी गरमा दी है। इन सबके बीच विचारणीय प्रश्न यह है कि दुष्कर्म और हत्या जैसे जघन्य मामलों में मृत्युदंड जैसा प्रावधान होने के बाद भी इस तरह की घटनाएं रुकने का नाम नहीं ले रही हैं।
ऐसा नहीं है कि दुष्कर्म जैसे मामलों में दिल्ली, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और बिहार जैसे राज्य ही आगे हैं। यह कलंक पंजाब के माथे पर भी लगा है। 22 जिलों वाले पंजाब में दुष्कर्म और हत्या के मामलों पर नजर दौड़ाएं तो खुद को विकसित राज्यों की श्रेणी में रखने वाले सूबे से मिल रही खबरें शर्मसार करने वाली हैं। यहां ऑनर कीलिंग की घटनाएं भी आए दिन लोगों को चौंकाती रहती हैं।
अपने ही बने हैवान
पुलिस सूत्रों की माने तो दुष्कर्म और छेड़छाड़ के ऐसे केस दर्ज हुए हैं, जिनमें रिश्ते तार-तार हुए हैं। किसी मामले में सौतेले पिता ने बेटी को शिकार बनाया, किसी में मामा ने भांजी को, तो किसी मामले में चचेरे भाई ने अपनी बहन के साथ यह घिनौनी हरकत की। और तो और किसी ने बेटी को ही जबरन देह व्यापार के धंधे में उतार दिया। इन सभी मामलों में पुलिस ने केस दर्ज किए हैं।
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दो जिलों में दर्ज हुए दो सौ से अधिक मामले
हैरान कर देने वाली बात यह है कि 22 जिलों वाले पंजाब के अकेले दो बड़े शहरों जालंधर और लुधियाना में दुष्कर्म के दो सौ से अधिक मामले दर्ज हो चुके हैं। यह आंकड़ा इस वर्ष के दिसंबर के पहले सप्ताह तक का है। यह आंकड़ा भी वह है जो पुलिस थानों तक पहुंचे हैं। कई ऐसे मामले भी हैं जो स्थानीय स्तर पर ही लोकलाज का हवाला देकर रफा-दफा कर दिए गए हैं। जालंधर में 70 से अधिक तो लुधियाना में बीते 11 माह में अब तक सौ से अधिक केस दर्ज हो चुके हैं। अमृतसर, बठिंडा और फीरोजपुर जैसे बड़े शहरों को भी शामिल किया जाए तो यह आंकड़ा आठ सौ से भी अधिक हो जाता है।
सबसे अधिक मामले लुधियाना में
16.18 लाख की आबादी वाले पंजाब की औद्योगिक नगरी लुधियाना में दुष्कर्म के सबसे अधिक मामले सामने आए हैं। इनमें जिले के खन्ना, जगराओं, माछीवाड़ा, पायल और लुधियाना में कुछ ऐसे मामले सामने आए हैं जिनमें खुद के रिश्तेदारों ने लड़कियों के विश्वास को तोड़ा है। अभी हाल ही में तीन ऐसे मामले सामने आए जिसमें सौतेली मां, नानी, सौतेला भाई, उसकी प्रेमिका और खुद उसके पिता ने न केवल युवती को हवस का शिकार बनाया बल्कि दूसरों के साथ संबंध बनाने को मजबूर करता रहा। इसी तरह खन्ना और लुधियाना में छह और आठ साल के बच्चों से कुकर्म के मामले भी सामने आए हैं। दुष्कर्म जैसे मामलों में पड़ोसी और प्रवासी मजदूर भी शामिल हैं।
दुष्कर्म पीडि़ताओं में छह साल की बच्चियां भी
विभिन्न स्रोतों से मिले आंकड़ों पर नजर डालें तो पंजाब में गत एक साल में दुष्कर्म के करीब आठ सौ से अधिक मामले सामने आए हैं। पीडि़ताओं में छह साल की बच्ची से लेकर 25 साल की युवतियां तक शामिल हैं जो न्याय की आस लगाए बैठी हैं। वैसे कुछ को निचली अदालतों से न्याय मिल चुका है। इनमें दोषी को दस साल की कैद और दो लाख रुपये तक का जुर्माना भी लगाया जा चुका है।
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बाप, बेटी और भाई बनाते थे पोर्न वीडियो
करीब चार साल पहले लुधियान में ही एक ऐसी घटना सामने आई जिसने सबको हैरान कर के रख दिया था। यहां एक युवती अपने नाबालिग ट्यूशन स्टूडेंट को ही अपनी हवस का शिकर बनाती रही। जब मामला सामने आया तो पता चला कि वह पोर्न वीडियो तैयार कर उसे बेचते थे। युवती के इस काले कारनामें में उसके पिता और भाई भी शामिल थे। ऐसा ही एक मामला तरनतारन जिले के खेमकरण में पिछले साल सामने आया था जिसमें एक पिता अपनी ही बेटी को हवस का शिकार बनाता रहा।
इस दुष्कर्म कांड ने झकझोर दिया
इसी साल फरवरी में लुधियाना जिले में दाखा क्षेत्र के गांव इस्सेवाल में हुई सामूहिक दुष्कर्म की घटना ने पंजाब को हिला कर रख दिया था। यहां अपने दोस्त के साथ घूमने गई युवती के साथ लुटेरा गिरोह के छह सदस्यों ने सामूहिक दुष्कर्म किया था। पुलिस ने इस मामले को दबाने पूरा प्रयास किया, लेकिन विवाद बढऩे के पांच दिन बाद पुलिस ने आरोपितों को गिरफ्तार कर लिया था। सामूहिक दुष्कर्म के इस मामले में स्पेशल कोर्ट में केस चल रहा है जिसमें इसी माह केस की सभी गवाहियां पूरी हुई है। फैसला आना अभी बाकी है। जिन छह आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार किया था उनमें जगरूप सिंह, सादिक अली, सुरमू, अजय, सैफ अली और एक नाबालिग भी शामिल था। ये सभी आरोपी नशे के आदी हैं।
दुष्कर्मी को पीट-पीट कर मार डाला
इसी साल जालंधर में एक दुष्कर्म के एक मामले में लोगों ने आरोपी को पीट-पीट कर मार डाला था। यह घटना यहां के थाना रामामंडी क्षेत्र की थी। नौ साल की बच्ची के साथ दुष्कर्म करने वाले आरोपित को गुस्साई भीड़ ने पीट-पीट कर मार डाला था। दुष्कर्म का आरोपी बिहार के जिला पूर्णिया निवासी पप्पू कुमार था जो पिछले सात सालों से दकोहा के दिनेश नगर में रह रहा था। पीडि़त बच्ची उसी के कमरे के सामने अपने माता-पिता के साथ रह रही थी।
सोच बदलना जरूरी
पठानकोट सिविल अस्पताल की मनोरोग विशेषज्ञ सोनिया मिश्रा कहती हैं कि किसी भी अपराध को रोकने के लिए कानून का भय तो होना ही चाहिए। खास तौर से दुष्कर्म और हत्या जैसे मामलों में। सबसे जरूरी बात तो यह है कि समाज की सोच खास तौर से युवा वर्ग की किधर जा रही है। इस पर गौर करना जरूरी है। डॉ.सोनिया कहती हैं कि हैदराबाद में हुई दुष्कर्म की घटना को इंटरनेट पर सबसे ज्यादा सर्च किया गया है। इसके अलावा सामूहिक दुष्कर्म के हर चौथे मामले में एक नाबालिग जरूर शामिल होता है। चाहे वह दिल्ली में निर्भया कांड हो, हैदराबाद में महिला वेटरनी डॉक्टर के साथ किया गया सामूहिक दुष्कर्म हो या फिर इसी साल नौ फरवरी को लुधियाना में किया गया सामूहिक दुष्कर्म हो। इन सभी मामलों में चौथा या पांचवा आरोपी नाबालिग है। ऐसे में बच्चों को संस्कार देना जरूरी है।