अंबानी से ज्यादा पैसा! कुछ ऐसा रहा इनका सफ़र, पद्म विभूषण से हैं सम्मानित

1962 से टाटा ग्रुप में काम शुरू करने के बाद रतन टाटा ने 1991 में टाटा ग्रुप की कमान संभाली थी उनकी अगुवाई में टाटा ग्रुप ने भारत समेत दुनियाभर में विस्तार किया है। बता दें कि टाटा संस ग्रुप की अगुवा कंपनी है। टाटा संस की इक्विटी शेयर पूंजी का 66 फीसदी हिस्सा परोपकारी ट्रस्टों के पास है।

SK Gautam
Published on: 28 Dec 2019 11:04 AM
अंबानी से ज्यादा पैसा! कुछ ऐसा रहा इनका सफ़र, पद्म विभूषण से हैं सम्मानित
X
ratan tata

लखनऊ: रतन टाटा देश के दिग्गज उद्योगपति और टाटा संस के मार्गदर्शक चेयरमैन हैं जिनका आज शनिवार को जन्म दिवस है। वे आज 82 साल के हो गए हैं। 28 दिसंबर 1937 में उनका जन्म मुंबई में हुआ था। भारत के दो सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार- पद्म विभूषण (2008) और पद्म भूषण (2000) से उनको सम्मानित किया जा चूका है। वह प्रतिष्ठित कैथेड्रल और जॉन कानोन स्कूल, बिशप कॉटन स्कूल (शिमला), कॉर्नेल यूनिवर्सिटी और हार्वर्ड के छात्र रह चुके हैं।

ये भी देखें : NRC की आहट से डरा मुस्लिम समाज, जन्म प्रमाणपत्र बनवाने को उमड़ रहे लोग

आज देश के दो दिग्गज उद्द्योगपतियों का है जन्मदिन

बता दें कि रिलायंस इंडस्ट्री के संस्थापक धीरूभाई अंबानी का भी आज जन्म दिन है। लंबे अरसे से इंडियन इंडस्ट्री और 108 कंपनियों वाले टाटा संस को नए मुकाम पर पहुंचाने के बाद भी लोगों को इस बात से हैरानी होती है कि रतन टाटा देश के अमीरों की लिस्ट में शामिल क्यों नहीं हैं? रतन टाटा, मुकेश अंबानी से ज्यादा अमीर नहीं हैं जबकि टोटल एसेट्स के मामले में टाटा संस, रिलायंस इंडस्ट्रीज से ज्यादा बड़ा ग्रुप है।

ratan tata

टाटा ट्रस्ट की हिस्सेदारी 66 फीसदी

टाटा संस को टाटा ट्रस्ट की ओर से चलाया जाता है और यह सभी जानते हैं कि ट्रस्ट पर किसी एक व्यक्ति का अधिकार नहीं होता है। टाटा फैमिली से जुड़ा होने के कारण रतन टाटा इसके चेयरमैन या ट्रस्टी तो हो सकते हैं लेकिन इसके मालिक नहीं क्योंकि टाटा संस में टाटा ट्रस्ट की हिस्सेदारी 66 फीसदी है।

ये भी देखें :अभी-अभी पाकिस्तान ने दनादन दागे मोर्टार: एक की मौत, NSA डोभाल ने लिया बड़ा फैसला

1991 में टाटा ग्रुप के चेयरमैन पद को संभाला

1962 से टाटा ग्रुप में काम शुरू करने के बाद रतन टाटा ने 1991 में टाटा ग्रुप की कमान संभाली थी उनकी अगुवाई में टाटा ग्रुप ने भारत समेत दुनियाभर में विस्तार किया है। बता दें कि टाटा संस ग्रुप की अगुवा कंपनी है। टाटा संस की इक्विटी शेयर पूंजी का 66 फीसदी हिस्सा परोपकारी ट्रस्टों के पास है। ये ट्रस्ट शिक्षा, स्वास्थ्य, आजीविका उत्पादन और कला-संस्कृति के लिए काम करते हैं। टाटा ग्रुप के अधीन आने वाली हर कंपनियों का मैनेजमेंट और अन्य गतिविधियां स्वतंत्र हैं।

जानें कितने देशों में है कारोबार

टाटा अलग-अलग कंपनियों के जरिए 100 से अधिक देशों में कारोबार कर रही है। इस ग्रुप का टीसीएस के जरिए आईटी सेक्टर में दबदबा है तो वहीं टाटा स्टील ने भारत समेत दुनिया भर की स्टील इंडस्ट्री में अपनी एक खास पहचान बनाई है। इसी तरह ऑटो इंडस्ट्री में टाटा मोटर्स समेत अन्य व्हीकल्स ने नाम कमाया है। इसके अलावा कंज्यूमर और रिटेल इंडस्ट्रीज, इंफ्रास्ट्रक्चर इंडस्ट्रीज, फाइनेंशियल सर्विसेज, एयरोस्पेस और डिफेंस में भी टाटा ग्रुप ने अपनी एक अलग पहचान बनाई है।

ये भी देखें : असम को RSS के चड्ढी वाले नहीं चलाएंगे, राहुल का बीजेपी और संघ पर बड़ा हमला

ratan tata

इन क्षेत्रों में भी मनवाया है लोहा

बता दें कि टाटा ग्रुप शिक्षा, सशक्तिकरण, पर्यावरण और स्वास्थ्य क्षेत्र में भी सक्रिय है। यही नहीं, टाटा ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मैराथन, चेस और टेनिस टूर्नामेंट के अलावा कई तरह के क्विज को स्पॉन्सर किया है। इसके अलावा भारत समेत दुनिया के अलग- अलग हिस्सों में टाटा ग्रुप का इनोवेशन सेंटर भी है। टूरिज्म और ट्रेवल, टेलीकॉम और मीडिया, ट्रेडिंग और इन्वेस्टमेंट सेक्टर में भी टाटा ग्रुप अपना लोहा मनवा रही है।

इतनी कंपनियों की संभाल चुके हैं जिम्मेदारी

रतन टाटा अभी तक टाटा संस, टाटा इंडस्ट्रीज, टाटा मोटर्स, टाटा स्टील और टाटा केमिकल्स के मानद चेयरमैन हैं। रतन टाटा टाटा स्टील, टाटा मोटर्स, टाटा कंसलटेंसी सर्विस, टाटा पावर, टाटा ग्लोबल बिवरेज, टाटा केमिकल, ताज ग्रुप और टाटा टेलीसर्विसेस के अध्यक्ष की जिम्मेदारी संभाल चुके हैं। उनके कार्यकाल के दौरान 2011-12 में टाटा समूह के राजस्व में कई गुना वृद्धि हुई।

SK Gautam

SK Gautam

Next Story

AI Assistant

Online

👋 Welcome!

I'm your AI assistant. Feel free to ask me anything!