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PMC बैंक के खाताधारकों को बड़ा झटका, 3 महीने के लिए बढ़ा प्रतिबंध
इस प्रतिबंध की अवधि 22 मार्च 2020 को खत्म होने वाली थी। इस तरह, तीन महीने के लिए प्रतिबंध की अवधि बढ़ गई है। अब 22 जून 2020 को पीएमसी बैंक के प्रतिबंध की अवधि समाप्त हो रही है। ये बैंक के खाताधारकों के लिए एक बड़ा झटका है।
नई दिल्ली: वित्तीय संकट से जूझ रहे पंजाब एंड महाराष्ट्र को-ऑपरेटिव बैंक (पीएमसी ) पर लगे प्रतिबंध को आरबीआई ने 3 महीने बढ़ाकर 22 जून तक कर दिया है।
इसके पहले आरबीआई ने वित्तीय अनियमितताओं, रियल एस्टेट डेवलपर HDIL को दिए गए लोन की जानकारी छिपाने और गलत जानकारी देने के लिए 23 सितंबर, 2019 को इस को-ऑपरेटिव बैंक पर 6 माह की पाबंदी लगा दी थी।
इस प्रतिबंध की अवधि 22 मार्च 2020 को खत्म होने वाली थी। इस तरह, तीन महीने के लिए प्रतिबंध की अवधि बढ़ गई है। अब 22 जून 2020 को पीएमसी बैंक के प्रतिबंध की अवधि समाप्त हो रही है। ये बैंक के खाताधारकों के लिए एक बड़ा झटका है।
आरबीआई ने इस संबंध में विज्ञप्ति जारी कर जानकारी दी है। आरबीआई ने कहा है कि वह सिक्योरिटीज की बिक्री और लोन रिकवरी की प्रक्रिया को बढ़ाने की कोशिश कर रहा है। कानूनी प्रक्रियाओं में कई कारणों से समय लग रहा है।
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क्या कहा आरबीआई ने
केंद्रीय बैंक की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि आरबीआई स्थिति की बारीकी से निगरानी कर रहा है। इसके साथ ही बैंक की प्रशासक और सलाहकार समिति के साथ नियमित बैठकें कर रहा है।
यह ध्यान दिया जाना चाहिए कि रिजर्व बैंक के पास सहकारी बैंक के पुनर्निर्माण की योजना तैयार करने की कोई शक्तियाँ नहीं हैं। फिर भी, जमाकर्ताओं के हित में और सहकारी बैंकिंग क्षेत्र की स्थिरता के लिए आरबीआई एक योजना बनाने की कोशिश कर रहा है। ऐसे में प्रतिबंध की अवधि तीन महीने के लिए बढ़ाना जरूरी हो गया है।
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क्या है आरबीआई का प्रतिबंध
बता दें कि आरबीआई ने नियमों के उल्लंकघन और गड़बड़ी को लेकर पीएमसी बैंक पर पाबंदी लगाई है। इसी के साथ बैंक के ग्राहकों के कैश निकालने की लिमिट भी तय कर दी गई है।
शुरुआती दिनों में बैंक के ग्राहकों के लिए यह लिमिट सिर्फ 1 हजार रुपये थी। हालांकि बाद में आरबीआई ने इस लिमिट को कई बार बढ़ाया है। वहीं पाबंदी की वजह से बैंक के ग्राहक नए लोन भी नहीं ले सकते हैं। जबकि बैंक कोई फाइनेंशियल निर्णय नहीं ले सकता है।
पीएमसी बैंक पर क्या है आरोप?
पीएमसी बैंक के मैनेजमेंट पर आरोप है कि नियमों को ताख पर रखकर हाउिसंग डेवलपमेंट एंड इन्फ्रास्ट्रक्चर (HDIL) को लोन दिया गया। बैंक ने यह कर्ज HDIL को ऐसे समय में दिया जब यह कंपनी दिवालिया होने की प्रक्रिया से गुजर रही थी। अहम बात यह है कि पीएमसी बैंक ने इस मामले में बैंकों को रेग्युालेट करने वाली आरबीआई को गुमराह भी किया। इस मामले में लंबे समय से जांच एजेंसियां HDIL के प्रमोटर्स और पीएमसी बैंक के मैनेजमेंट से पूछताछ कर रही हैं।
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