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PMC घोटाला: डमी लोन को छिपाने के लिए अधिकारियों ने किया कोड वर्ड का इस्तेमाल
आर्थिक संकट का सामना कर रही कंपनी एचडीआईएल के सैकड़ों डमी लोन को छिपाने के लिए पंजाब ऐंड महाराष्ट्र कोऑपरेटिव बैंक (पीएमसी) के वरिष्ठ अधिकारियों ने बड़ी साजिश रची। अधिकारियों ने डमी लोन को छिपाने के लिए विशेष कोड का इस्तेमाल किया था।
मुंबई: आर्थिक संकट का सामना कर रही कंपनी एचडीआईएल के सैकड़ों डमी लोन को छिपाने के लिए पंजाब ऐंड महाराष्ट्र कोऑपरेटिव बैंक (पीएमसी) के वरिष्ठ अधिकारियों ने बड़ी साजिश रची। अधिकारियों ने डमी लोन को छिपाने के लिए विशेष कोड का इस्तेमाल किया था। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने बॉम्बे हाईकोर्ट को यह जानकारी दी है।
बैंक द्वारा दिए गए लोन का करीब 73 प्रतिशत हिस्सा हाउसिंग डेवपमेंट ऐंड इन्फ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड (एचडीआईएल) को दिया गया था। एचडीआईएल अब दिवालिया हो चुकी है जिसकी वजह से वह पीएमसी का करीब 6,500 करोड़ रुपये का लोन फंसा है।
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रिजर्व बैंक की तरफ से एक एफिडेविट में कहा गया है कि पीएमसी बैंक के सिर्फ 25 कर्मचारियों की एचडीआईएल और उसकी सहायक कंपनियों के खातों तक पहुंच थी, जबकि बैंक में कुल 1,800 कर्मचारी थे।
केंद्रीय बैंक ने कहा कि ये कुछ कर्मचारी एचडीआईएल के डमी एकाउंट को गोपनीय रखने के लिए एक एक्सेस कोड का इस्तेमाल करते थे यानी इस कोड के इस्तेमाल से ही ऐसे एकाउंट का विवरण देखा जा सकता था।
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रिजर्व बैंक में घोटाले के मामले पर पूरी तरह से नजर रखे हुए हैं और इसकी फॉरेंसिक जांच की जा रही है। रिजर्व बैंक ने बीते 23 सितंबर को इस बैंक में अपना प्रशासक नियुक्त कर दिया है।
मीडिया रिपोर्च के मुतबाकि रिजर्व बैंक के एफिडेविट में कहा गया है कि पीएमसी बैंक के वरिष्ठ अधिकारियों को कुछ एचडीआईएल के बहीखातों को देखने के लिए कुछ खास कोड दिए गए थे और इन खातों तक सीमित पहुंच के लिए इन कोड का इस्तेमाल किया जाता था।
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मुंबई पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा (EOW) ने भी इसके पहले कहा था कि बैंक के 1800 कर्मचारियों में से सिर्फ 25 को इन बहीखातों तक पहुंच हासिल थी। इसकी वजह से एचडीआईएल के सभी गड़बड़ी वाले खाते सिस्टम में नहीं दिख रहे थे।
एचडीआईएल के गिरफ्तार प्रमोटर्स ने कथित रूप से ओवरड्राफ्ट सुविधा का इस्तेमाल कर बैंक से करोड़ों के फंड की हेराफेरी की और यह पैसा अधिकारियों की मिलीभगत से लोन राशि के रूप में दिखा दिया गया है।
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पीमएसी बैंक ने कुल करीब 8,800 करोड़ रुपये का लोन वितरित कर रखा है जिसमें से अकेले एचडीआईएल को ही करीब 6,500 करोड़ रुपये यानी 73 प्रतिशथ हिस्सा दे दिया गया।
रिजर्व बैंक ने बताया है कि एचडीआईएल को लोन की मंजूरी बैंक के पूर्व एमडी जॉय थॉमस के द्वारा मिली थी जो कि अब निलंबित हो चुके हैं। थॉमस अब बैंक के चेयरमैन वरयाम सिंह के साथ ही जेल में हैं।