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एनआरसी पर अमित शाह ने ऐसा क्या कहा? सीएम ममता बनर्जी ने कर दिया पलटवार

संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान गृह मंत्री अमित शाह ने बुधवार को कश्मीर और नागरिकता विधेयक बिल के मुद्दे पर पर सदन में सदस्यों के सवालों के जवाब दिए।

Aditya Mishra
Published on: 20 Nov 2019 3:29 PM IST
एनआरसी पर अमित शाह ने ऐसा क्या कहा? सीएम ममता बनर्जी ने कर दिया पलटवार
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नई दिल्ली: संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान गृह मंत्री अमित शाह ने बुधवार को कश्मीर और नागरिकता विधेयक बिल के मुद्दे पर पर सदन में सदस्यों के सवालों के जवाब दिए। राज्यसभा में शाह ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में स्थिति सामान्य है और आम-जनजीवन सुचारू रूप से चल रहा है।

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नागरिकता विधेयक बिल(एनआरसी) पर शाह ने कहा कि राज्य में जो भी लोग वहां के नागरिकता से बाहर हुए हैं उन्हें ट्रिब्यूनल में भेजा जाएगा। वहां की सरकार उनका ध्यान रखेगी।

शाह ने देशभर में एनआरसी लागू करने की बात कही और कहा कि किसी भी धर्म के लोगों को डरने की जरूरत नही है। वहीं पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने एनआरसी के मुद्दे पर अमित शाह का पलटवार करते हुए कहा है कि हम एनआरसी को बंगाल में नहीं लागू होने देंगे।

उन्होंने कहा कि कोई भी बंगाल में रहने वाले किसी भी शख्स की नागरिकता नहीं छीन सकता है। हम हिंदू और मुस्लिमों के आधार पर नहीं बांटते हैं।

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एनआरसी समन्वयक ने अभी तक नहीं संभाला कामकाज

असम में एनआरसी के नवनियुक्त समन्वयक हितेश देव सरमा ने अभी तक कार्यभार नहीं संभाला है। आधिकारिक सूत्रों ने मंगलवार को यह जानकारी दी। सरमा ने हाल ही में कथित रूप से राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) को अद्यतन किये जाने की आलोचना करते हुए सोशल मीडिया पर कुछ पोस्ट डाले थे, जिसे लेकर विवाद खड़ा हो गया था।

असम सिविल सेवा के अधिकारी सरमा को नौ नवंबर को प्रतीक हजेला की जगह एनआरसी का राज्य समन्वयक नियुक्त किया गया था। इसके दो दिन बाद हजेला को कार्यमुक्त कर दिया गया।

लिहाजा बीते एक सप्ताह से असम एनआरसी प्राधिकरण का कोई प्रमुख नहीं है। एनआरसी प्राधिकरण के एक अधिकारी ने पीटीआई-भाषा को बताया, "राज्य के नये समन्वयक ने अभी तक कार्यभार नहीं संभाला है। हमें उनके कार्यभार संभालने की तिथि के संबंध में कोई आधिकारिक जानकारी नहीं दी गई है।"

2013 से 2016 तक एनआरसी प्राधिकरण में किया था काम

सूत्रों ने कहा कि सरमा ने अपनी नियुक्ति के बाद एनआरसी प्राधिकरण के कार्यालय में कदम नहीं रखा है। वह इससे पहले 2013 से 2016 तक एनआरसी प्राधिकरण के कार्यकारी निदेशक के रूप में काम कर चुके हैं। अधिकारी ने कहा, "हमें इस बारे में स्पष्ट जानकारी नहीं है कि वह कब कामकाज संभालेंगे।

हमें मीडिया में आई खबरों से पता चला है कि वह एक महीने की छुट्टी पर हैं।" सरकारी अधिकारियों की नियुक्ति के लिये जिम्मेदार कार्मिक विभाग के आयुक्त को कई बार कॉल की गई, लेकिन उनकी तरफ से जवाब नहीं मिला।

फिलहाल एनआरसी प्राधिकरण के कार्यकारी निदेशक चंदना महंत इसके प्रभारी हैं और हजेला के कार्यमुक्त होने के बाद से रोजाना का कामकाज देख रहे हैं।

गौरतलब है कि असम के मूल नागरिकों की पहचान से जुड़ी अंतिम एनआरसी 31 अगस्त को प्रकाशित की गई थी, जिसमें 19 लाख से अधिक आवेदकों के नाम नहीं थे।

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