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Maharashtra Political Crisis: NCP से बगावत पड़ी भारी, अजित और प्रफ्फुल समेत कई नेता पार्टी से बाहर
Maharashtra Political Crisis: राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) से अजित पवार समेत कई नेताओं की बगावत के बाद महाराष्ट्र की सियासत गरमाई हुई है। पार्टी के मुखिया शरद पवार ने 5 जुलाई को पार्टी से जुड़े नेताओं, विधायकों और पदाधिकारियों की बड़ी बैठक बुलाई है जिसमें आगे की रणनीति पर चर्चा की जाएगी।
Maharashtra Political Crisis: राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) से अजित पवार समेत कई नेताओं की बगावत के बाद महाराष्ट्र की सियासत गरमाई हुई है। पार्टी के मुखिया शरद पवार ने 5 जुलाई को पार्टी से जुड़े नेताओं, विधायकों और पदाधिकारियों की बड़ी बैठक बुलाई है जिसमें आगे की रणनीति पर चर्चा की जाएगी। मजे की बात यह है कि इस बैठक में सभी को एफिडेविट के साथ पहुंचने का निर्देश दिया गया है। मुंबई स्थित एनसीपी के कार्यालय से प्रफुल्ल पटेल की तस्वीर भी हटा दी गई है।
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इस बीच पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष जयंत पाटिल ने एनसीपी से बगावत करने वाले विधायकों को पार्टी से बर्खास्त कर दिया है। उन्होंने कहा कि इन सभी विधायकों के पार्टी से जुड़े प्रतीकों के इस्तेमाल पर रोक लगा दी गई है और यदि उन्होंने इनका इस्तेमाल किया तो पार्टी की ओर से कानूनी कार्रवाई की जाएगी। माना जा रहा है कि पाटिल ने यह कार्रवाई शरद पवार के निर्देश पर की है । क्योंकि शरद पवार ने कहा है कि उनके निर्णय को हमारा समर्थन रहेगा।
बर्खास्तगी के जरिए संदेश देने की कोशिश
एनसीपी में बगावत के बाद महाराष्ट्र में सियासी हलचलें काफी तेज हो गई हैं। शरद पवार अपनी पार्टी को बचाने की कोशिश के साथ ही बागियों को सबक सिखाने की कोशिश में जुट गए हैं। एनसीपी की ओर से बागी विधायकों की सदस्यता रद्द करने के संबंध में विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर से संपर्क साधा गया है। पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष जयंत पाटिल ने विधानसभा के स्पीकर से इस संबंध में जल्द कार्रवाई करने की मांग की है। इसके साथ ही पाटिल ने एनसीपी से बगावत करके मंत्री पद की शपथ लेने वाले विधायकों को पार्टी से बर्खास्त कर दिया है।
जानकार सूत्रों का कहना है कि शरद पवार बागी नेताओं पर कड़ा एक्शन लेने के साथ ही पार्टी के अन्य नेताओं को बड़ा संदेश भी देना चाहते हैं। इसीलिए बागी विधायकों के खिलाफ बर्खास्तगी का एक्शन लिया गया है। शरद पवार ने 5 जुलाई को पार्टी से जुड़े लोगों की महत्वपूर्ण बैठक बुलाई है। इस बैठक में कुछ विधायकों की बगावत से पैदा हुई स्थितियों पर चर्चा की जाएगी। बैठक में हिस्सा लेने वाले विधायकों और पदाधिकारियों को अपने साथ एफिडेविट भी लाना होगा। जानकारों के मुताबिक पार्टी में बगावत के बाद अब शरद पवार काफी फूंक-फूंक कर कदम रख रहे हैं।
पवार बोले-अजित की बातों को महत्व न दें
इस बीच एनसीपी मुखिया शरद पवार ने आज सतारा में कहां कि अजित पवार खेमे से जुड़े कई लोगों ने मुझसे फोन पर संपर्क साधा है। अजित पवार खेमे से जुड़े कई लोगों का कहना है कि उनकी विचारधारा एनसीपी से अलग नहीं है और वे आने वाले दिनों में आखिरी फैसला लेंगे। उन्होंने कहा कि सच्चाई तो यह है कि हमारे कुछ लोग भाजपा की गलत राजनीति का शिकार हो गए। हमने 5 जुलाई को पार्टी से जुड़े लोगों के महत्वपूर्ण बैठक बुलाई है और हम पार्टी को मजबूत बनाने की दिशा में नई शुरुआत करेंगे।
उन्होंने कहा कि अभी भी महाराष्ट्र में एनसीपी काफी मजबूत है और अजित पवार की बातों को ज्यादा महत्व नहीं दिया जाना चाहिए। हम लोगों में संघर्ष करने की ताकत है और इस ताकत के बल पर ही हम पार्टी को एक बार फिर पूरी मजबूती के साथ खड़ा करेंगे। पवार ने कहा महाराष्ट्र के लोगों का हमारे साथ समर्थन जुड़ा हुआ है और जनता का प्यार इसी तरह बना रहा तो हम जल्द ही तस्वीर बदलने में कामयाब होंगे।
सांसद ने दिया अजीत पवार को झटका
दूसरी ओर अभी तक अजित पवार खेमे के साथ दिख रहे सांसद अमोल कोल्हे ने पाला बदलते हुए ऐलान किया है कि वे शरद पवार के साथ है। कोल्हे रविवार को राजभवन में आयोजित शपथ ग्रहण समारोह में भी पहुंचे थे मगर अब उन्होंने पाला बदल लिया है। कोल्हे का पाला बदलना अजित पवार खेमे के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है। उन्होंने इस बाबत ट्वीट करते हुए कहा कि जब दिल और दिमाग में जंग हो तो दिल की बात सुननी चाहिए क्योंकि दिमाग कभी-कभी नैतिकता भूल जाता है।
दूसरी ओर अजीत पवार ने एनसीपी के सभी विधायकों और नेताओं का समर्थन हासिल होने का दावा किया है। वैसे अभी तक की जो स्थिति दिख रही है, उसमें अजित पवार को 24 विधायकों का समर्थन बताया जा रहा है। 14 विधायक अभी भी शरद पवार के साथ हैं जबकि 15 विधायक उहापोह की स्थिति में फंसे हुए हैं और उन्होंने कोई आखिरी फैसला नहीं किया है।