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लखनऊ हिंसा: 100 आरोपियों को नोटिस, NHRC ने मांगा DGP से इतने दिन में जवाब

सीएए कानून के विरोध में लखनऊ में हिंसा के आरोपियों से क्षतिपूर्ति वसूलने की प्रक्रिया अब शुरू हो गई है। जिला प्रशासन की ओर से गठित कमिटी ने 100 आरोपियों को नोटिस भेजकर जवाब मांगा है।

suman
Published on: 25 Dec 2019 10:58 PM IST
लखनऊ हिंसा: 100 आरोपियों को नोटिस, NHRC ने मांगा DGP से इतने दिन में जवाब
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लखनऊ सीएए कानून के विरोध में लखनऊ में हिंसा के आरोपियों से क्षतिपूर्ति वसूलने की प्रक्रिया अब शुरू हो गई है। जिला प्रशासन की ओर से गठित कमिटी ने 100 आरोपियों को नोटिस भेजकर जवाब मांगा है। एक हफ्ते के अंदर उन्हें संबंधित एडीएम कोर्ट में खुद को बेगुनाह साबित करना होगा। ऐसा न कर पाने की स्थिति में उपद्रव के दौरान हुए नुकसान की भरपाई करनी होगी। क्षतिपूर्ति जमा न करने वालों की संपत्ति सीज करने के साथ ही उन्हें जेल भी भेजा जा सकता है। एनएचआरसी ने चार हफ्तों में डीजीपी से जवाब मांगा है। बता दें कि नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) को लेकर हुए हिंसक प्रदर्शन में यूपी में अब तक 16 लोगों की मौत हो चुकी है। सीएए का विरोध करते हुए 19 दिसंबर को लखनऊ के खदरा, हुसैनाबाद और परिवर्तन चौक पर तोड़फोड़, पथराव और आगजनी हुई थी।

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मेरठ प्रशासन ने भी हिंसा और तोड़फोड़ के आरोपियों को नोटिस भेजना शुरू कर दिया है। 20 दिसंबर को मेरठ में हुए हिंसक प्रदर्शन में तोड़फोड़ और आगजनी के 141 लोगों को नोटिस भेजकर प्रशासन ने 14 लाख रुपये की सार्वजनिक संपत्ति के नुकसान की भरपाई करने को कहा है। स्थानीय पुलिस ने 13 एफआईआर के जरिए आरोपियों की पहचान की है।

पुलिस ने सीसीटीवी और विडियो फुटेज के आधार पर आरोपियों की पहचान की और उनसे स्पष्टीकरण मांगा है कि पब्लिक प्रॉपर्टी की क्षतिपूर्ति के लिए उनकी संपत्ति क्यों न जब्त की जाए। यह नोटिस हाई कोर्ट के 2010 के आदेश के अनुसार भेजी गई है जिसमें कहा गया है कि हिंसा में शामिल लोगों से वसूली कर सार्वजनिक संपत्ति की भरपाई की जाए। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के आदेश के बाद जिला प्रशासन तुरंत ऐक्शन में दिखाई दे रहा है।

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एडीएम ट्रांस गोमती विश्वभूषण मिश्रा ने कहा कि स्थानीय पुलिस द्वारा फाइल किए गए सीसीटीवी फुटेज के आधार पर हिंसा फैलाने वालों की पहचान की गई और उन्हें नोटिस भेजकर सात दिनों के अंदर विस्तृत जवाब देने को कहा गया है। उन्होंने बताया, 'अगर वह जवाब देने में असफल रहते हैं तो एक रिकवरी सर्टिफिकेट जारी किया जाएगा।' लखनऊ डीएम अभिषेक प्रकाश ने पूरी प्रकिया में एक महीने का वक्त लगेगा।



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